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बाड़मेर: पानी की समस्या को लेकर 'पानी नहीं तो वोट नहीं' समिति ने सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन - सीएम के नाम दिया ज्ञापन

सिवाना कस्बे में लंबे समय से पानी की समस्या की मांग को लेकर मंगलवार को 'पानी नहीं तो वोट नहीं' संघर्ष समिति की ओर से कस्बे के बस स्टैंड पर तहसील कार्यालय के आगे धरना प्रदर्शन किया गया. साथ ही समिति की ओर से दोपहर तक कस्बा भी बंद रखा गया.

बाड़मेर की खबर, water problem in barmer
पानी की समस्या को लेकर "वोट नहीं तो पानी नहीं" संघर्ष समिति का प्रदर्शन
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Published : Jan 28, 2020, 7:33 PM IST

Updated : Jan 29, 2020, 2:14 AM IST

सिवाना (बाड़मेर). कस्बे में विगत 5 वर्षों से चली आ रही पानी की समस्या को लेकर ग्रामीणों ने "पानी नहीं तो वोट नहीं " संघर्ष समिति का गठन कर समस्या के समाधान की मांग उठाई. साथ ही उपखंड अधिकारी प्रमोद सिरवी के मार्फत मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया. तहसील कार्यालय के सामने पहुंचे उपखंड अधिकारी ने सिवाना विधायक हमीर सिंह भायल सहित ग्रामीणों से वार्तालाप किया. साथ ही पानी की समस्या को लेकर विभाग के अधिकारियों को इससे अवगत करवाया और तुरंत समाधान करवाने की बात कही.

'पानी नहीं तो वोट नहीं' संघर्ष समिति के साथ मिलकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

उधर कस्बे वासियों और महिलाओं में भी रोष देखने को मिला. आक्रोशित महिलाओं ने तहसील कार्यालय के आगे मटकी फोड़कर धरना-प्रदर्शन किया. इसके अलावा संघर्ष समिति के बैनर तले सिवाना कस्बे के सभी कस्बे वासियों की ओर से व्यापक रूप से "पानी नहीं तो वोट नहीं" के अभियान के तहत पोस्टकार्ड और सोशल मीडिया (ट्वीट और ईमेल) के मार्फत अभियान चलाकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी जयपुर को समस्या से अवगत करवाया.

ज्ञापन में कही गई ये बातें-

संघर्ष समिति की ओर से दिए गए ज्ञापन में बताया कि सिवाना क्षेत्र में करीब 5 वर्षों से भंयकर पानी की किल्लत बनी हुई है. जिससे कस्बे वासियों को पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. कस्बे सहित क्षेत्र का भूजल स्तर काफी नीचे पंहुच जाने के कारण जलदाय विभाग के ओर से खुदवाई गई सभी ट्यूबवेल्स में पानी का स्तर कम हो गया है.

वहीं हाल ही में राज्य सरकार की ओर से सिवाना कस्बे की पानी की भंयकर समस्या को देखते हुए 5 नई टयूबवेल खुदवाने के लिए 62 लाख रूपये का बजट स्वीकृत किया गया. लेकिन, क्षेत्र में भूजल स्तर बहुत कम होने से इस स्थिति में सरकारी ट्यूबवेल लगवाना उचित नहीं रहेगा. इसकी जगह पर स्वीकृत राशि से नए ट्यूबवेल लगवाने की जगह जल परियोजना से वैकल्पिक पाईप लाईन सिवाना कस्बे तक पंहुचाया जाना चाहिए जिससे लोगों को शीघ्रतशीघ्र से राहत मिल सके.

पढ़ें: बाड़मेरः वन विभाग एरिया में लगी आग, कड़ी मेहनत के बाद पाया काबू

लोगों का कहना है कि पानी की मांग को लेकर अगर जल्द कोई कार्रवाई नहीं की गई तो संघर्ष समिति के बैनर तले सभी कस्बे वासियों की ओर से 6 फरवरी को कस्बा बन्द कर धरना-प्रर्दशन किया जाएगा. साथ ही आगामी पंचायती राज चुनाव 2020 का बहिष्कार किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन और सरकार की होगी.

सिवाना (बाड़मेर). कस्बे में विगत 5 वर्षों से चली आ रही पानी की समस्या को लेकर ग्रामीणों ने "पानी नहीं तो वोट नहीं " संघर्ष समिति का गठन कर समस्या के समाधान की मांग उठाई. साथ ही उपखंड अधिकारी प्रमोद सिरवी के मार्फत मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया. तहसील कार्यालय के सामने पहुंचे उपखंड अधिकारी ने सिवाना विधायक हमीर सिंह भायल सहित ग्रामीणों से वार्तालाप किया. साथ ही पानी की समस्या को लेकर विभाग के अधिकारियों को इससे अवगत करवाया और तुरंत समाधान करवाने की बात कही.

'पानी नहीं तो वोट नहीं' संघर्ष समिति के साथ मिलकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

उधर कस्बे वासियों और महिलाओं में भी रोष देखने को मिला. आक्रोशित महिलाओं ने तहसील कार्यालय के आगे मटकी फोड़कर धरना-प्रदर्शन किया. इसके अलावा संघर्ष समिति के बैनर तले सिवाना कस्बे के सभी कस्बे वासियों की ओर से व्यापक रूप से "पानी नहीं तो वोट नहीं" के अभियान के तहत पोस्टकार्ड और सोशल मीडिया (ट्वीट और ईमेल) के मार्फत अभियान चलाकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी जयपुर को समस्या से अवगत करवाया.

ज्ञापन में कही गई ये बातें-

संघर्ष समिति की ओर से दिए गए ज्ञापन में बताया कि सिवाना क्षेत्र में करीब 5 वर्षों से भंयकर पानी की किल्लत बनी हुई है. जिससे कस्बे वासियों को पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. कस्बे सहित क्षेत्र का भूजल स्तर काफी नीचे पंहुच जाने के कारण जलदाय विभाग के ओर से खुदवाई गई सभी ट्यूबवेल्स में पानी का स्तर कम हो गया है.

वहीं हाल ही में राज्य सरकार की ओर से सिवाना कस्बे की पानी की भंयकर समस्या को देखते हुए 5 नई टयूबवेल खुदवाने के लिए 62 लाख रूपये का बजट स्वीकृत किया गया. लेकिन, क्षेत्र में भूजल स्तर बहुत कम होने से इस स्थिति में सरकारी ट्यूबवेल लगवाना उचित नहीं रहेगा. इसकी जगह पर स्वीकृत राशि से नए ट्यूबवेल लगवाने की जगह जल परियोजना से वैकल्पिक पाईप लाईन सिवाना कस्बे तक पंहुचाया जाना चाहिए जिससे लोगों को शीघ्रतशीघ्र से राहत मिल सके.

पढ़ें: बाड़मेरः वन विभाग एरिया में लगी आग, कड़ी मेहनत के बाद पाया काबू

लोगों का कहना है कि पानी की मांग को लेकर अगर जल्द कोई कार्रवाई नहीं की गई तो संघर्ष समिति के बैनर तले सभी कस्बे वासियों की ओर से 6 फरवरी को कस्बा बन्द कर धरना-प्रर्दशन किया जाएगा. साथ ही आगामी पंचायती राज चुनाव 2020 का बहिष्कार किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन और सरकार की होगी.

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पानी की समस्या को लेकर ग्रामीणों का धरना प्रदर्शन, दोपहर तक सिवाना कस्बा रहा बंद, सीएम के नाम दिया ज्ञापन।

सिवाना(बाड़मेर)

सिवाना कस्बे में लंबे समय से पानी की मांग को लेकर आज दूसरी बार "वोट नहीं तो पानी नहीं" संघर्ष समिति के द्वारा कस्बे के बस स्टैंड पर तहसील कार्यालय के आगे धरना प्रदर्शन किया, वही आज संघर्ष समिति की ओर से दोपहर तक कस्बा बंद रहा।
संघर्ष समिति के बैनर तले हुए धरना प्रदर्शन में सिवाना विधायक हमीर सिंह भायल भी मौजूद रहे।


Body:सिवाना कस्बे में पिछले करीब 5 वर्षों से चली आ रही पानी की समस्या को लेकर ग्रामीणों ने "पानी नहीं तो वोट नहीं " संघर्ष समिति का गठन कर पानी के लिए मांग उठाई जिसको लेकर कस्बे वासियो द्वारा पानी
आज सिवाना उपखण्ड अधिकारी प्रमोद सिरवी के मार्फत मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। वही तहसील कार्यालय के आगे पहुंचे उपखंड अधिकारी ने सिवाना विधायक हमीर सिंह भायल सहित ग्रामीणों से वार्तालाप कर पानी की समस्या हेतु आगे विभाग के अधिकारियों को अवगत करवाकर तुरंत ही समाधान करवाने की बात कही। वहीं पानी की समस्या को लेकर महिलाओं सहित कस्बे वासियों में भारी रोष देखने को मिला साथी धरना प्रदर्शन पर पहुंची महिलाओं ने तहसील कार्यालय के आगे मटकी फोड़ कर अपना प्रदर्शन जताया।

संघर्ष समिति की ओर से दिए गए ज्ञापन में बताया कि सिवाना क्षेत्र में विगत करीब 5 वर्षों से भंयकर पानी की किल्लत बनी हुई है । जिससे करके वासियो को पर्याप्त पानी उपलब्ध नही हो पा रहा है।
वही पोकरण - फलसूण्ड -बालोतरा - सिवाना जल परियोजना का कार्य जल्द पूरा करने की मांग की गई थी । साथ ही कहा कि उक्त कार्य पूरा होने तक वैकल्पिक रूप से इसी परियोजना से 10 किलोमीटर छोटी पाईपलाईन लगाकर पानी सप्लाई करने की मांग की गई थी ।
वही संघर्ष समिति के बैनर तले सिवाना कस्बे के सभी कस्बे वासियो द्वारा व्यापक रूप से "पानी नही तो वोट नहीं" के अभियान के तहत पोस्टकार्ड व सोशल मीडिया ( टबीट व इ मेल ) के मार्फत अभियान चलाकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी महोदय जयपुर को भेजकर अवगत करवाया जा चुका है।
वही संघर्ष समिति की ओर से ज्ञापन में बताया कि
कस्बे सहित क्षेत्र का भूजल स्तर रसातल पंहुच जाने के कारण जलदाय विभाग , सिवाना द्वारा खुदवाई हुई सभी टयूबवेलो में पानी का स्तर लगभग समाप्त हो गया है। वही हाल ही में राज्य सरकार द्वारा सिवाना कस्बे की पानी की भंयकर समस्या को देखते हुए 5 नई टयूबवैल खुदवाने के लिए 62 लाख रू . का बजट स्वीकृत किया है लेकिन क्षेत्र में भूजल स्तर समाप्त हो चुका है ऐसी स्थिति में सरकारी उक्त राशि टयूबवैल खुदवाने में व्यय करना उचित नही रहेगा ।
Conclusion:वही बताया की स्वीकृत राशि 62 लाख रू से नई टयूबवैल नही खुदवा कर राशि को पोकरण - फलसूण्ड बालोतरा - सिवाना जल परियोजना से वैकल्पिक पाईप जल लाईन सिवाना कस्बे तक पंहुचाने में व्यय की जाए तो सार्थकता रहेगी व जनता को शीघ्रतशीघ्र राहत प्रदान होगी ।
वही पानी की मांग को लेकर पानी नहीं तो वोट नहीं संघर्ष समिति की मांग पर कार्यवाही नही की गई तो संघर्ष समिति के बैनर तले सभी कस्बे वासियो द्वारा 06 फरवरी को अनिश्चित कालिन सिवाना करवा बन्द व धरना प्रर्दशन किया जाएगा साथ ही आगामी पंचायती राज चुनाव 2020 का बहिष्कार किया जाएगा, जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेवारी प्रशासन और सरकार की रहेगी।

बाइट: 01 प्रमोद सिरवी, उपखंड अधिकारी, सिवाना
बाइट: 02 हमीरसिंह भायल, विधायक, सिवाना
बाइट: 03 ग्रामीण महिला, सिवाना
बाइट: 04 पहाड़सिंह कुंडल, समाज सेवी, सिवाना

Last Updated : Jan 29, 2020, 2:14 AM IST
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