सिवाना (बाड़मेर). क्षेत्र में पंचायत समिति सदस्य चुनाव में फॉर्म वापसी के दिन आरएलपी और भाजपा कार्यकर्ताओं ने एसडीएम और नायब तहसीलदार पर फॉर्म खारिज कर बिना प्रत्याशी की उपस्थिति के फॉर्म वापस लेने के आरोप लगाए हैं. सिवाना विधायक हमीर सिंह भायल ने उपखंड अधिकारी पर तानाशाही सरकार के दबाव में आकर फॉर्म जांच के दौरान भाजपा प्रत्याशियों के फॉर्म खारिज के आरोप लगाए है.
सिवाना विधायक हमीर सिंह भायल ने RLP का पक्ष लेते हुए आरएलपी प्रत्याशी के बिना उपस्थिति फॉर्म वापस लेने के आरोप लगाए है. विधायक ने बताया कि आरएलपी का प्रत्याशी सिवाना उपखंड कार्यालय परिसर में जब पहुंचा नहीं था, तो फिर फॉर्म वापस कैसे लिया गया. वहीं कहा कि तानाशाही सरकार के दबाव में आकर अधिकारी कार्य कर रहे है, इसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
जनप्रतिनिधियों के दबाव में आकर चुनाव अधिकारी द्वारा इस तरह से धांधली करके जो कार्य किया जा रहा है, उसे क्षेत्र की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी. सिवाना विधायक ने एसडीएम पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस तरह की मोनोपॉली नहीं करनी चाहिए थी, इसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्ताराम देवासी ने बताया कि पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव में पार्टी द्वारा वार्ड संख्या 7 पर अपने प्रत्याशी हरकाराम मेघवाल को उतारा गया था, जिसे रात्रि में कुछ लोग उठाकर घर चले गए थे. सुबह 10 बजे एसडीएम ऑफिस आ गया था और सिवाना एसडीएम ने बताया कि प्रत्याशी 11:15 बजे आकर के फॉर्म वापस लेकर गया, जबकि 10 बजे से ही हम लोग एसडीएम कार्यालय में ही थे, यहीं कोई प्रत्याशी आया ही नहीं था. वहीं आरोप लगाया कि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के साथ सिवाना एसडीएम राजनीतिक दबाव में आकर कांग्रेस का पक्ष ले रही हैं.
पढे़ंः कोटा में उप महापौर के लिए होगी वोटिंग, कांग्रेस और भाजपा ने उतारे प्रत्याशी
भाजपा बालोतरा जिला युवा मोर्चा अध्यक्ष सोहन सिंह भायल ने प्रत्याशियों के फॉर्म विड्रोल करने के मामले को लेकर नायब तहसीलदार बाबू सिंह पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कांग्रेस का कार्यकर्ता होना बताया. वार्ड संख्या 7 के आरएलपी के प्रत्याशी ने कहा कि परिजनों ने उम्मीदवार को रात्रि से ही घर से कुछ लोग उठा कर ले गए थे. वहीं प्रत्याशी उपखंड कार्यालय पहुंचा ही नहीं तो उसका फॉर्म विड्रॉल कैसे हो गया. वहीं सिवाना एसडीएम ने बताया कि नाम वापसी प्रक्रिया के दौरान नाम वापसी का फॉर्म देता है. उस प्रक्रिया के आधार पर ही फॉर्म वापस किया जाता है, जो भी आरोप लगाया जा रहे हैं निराधार है.