बाड़मेर. जिला मुख्यालय पर कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नंदी गौशाला का उद्घाटन किया था. इस नंदी गौशाला का उद्देश्य है कि बाड़मेर शहर के आवारा पशुओं को शिफ्ट कर शहर को आवारा पशुओं से मुक्त करना था. इसी के तहत बाड़मेर नगर परिषद ने 12 सौ से ज्यादा गोवंश को यहां शिफ्ट किया था. लेकिन, डेढ़ महीने में 100 से ज्यादा गोवंश की मौत के बाद नगर परिषद के साथ ही कांग्रेस पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन का कहना है कि आवारा पशु पॉलिथीन के कारण दिन में एक-दो पशुओं की मौत हो रही है. लेकिन, मेडिकल की टीम लगातार उनकी जांच कर रही है सारे पानी और मेडिकल की पूरी व्यवस्थाएं हैं और हम पूरा प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि विपक्ष महज आरोप लगा रहा है. जबकि, हकीकत यह है कि हमने शहर को आवारा पशुओं से मुक्त करवाया है.
इस पूरे मामले पर बीजेपी नेता एडवोकेट अमृतलाल जैन का कहना है कि बाड़मेर नगर परिषद नंदी गौशाला खोली थी ताकि शहर को आवारा पशुओं से मुक्त करवाया जाए. लेकिन उनसे यह नंदी गौशाला संभल नहीं रही है, जिसके चलते इस तरीके से गोवंश की मौत हो रही है. ऐसे में कांग्रेस को इस पूरे मामले में जवाब देना चाहिए. वहीं डॉक्टर का कहना है कि निमोनिया के करण भी मौत हो रही है तो उसके लिए भी प्राप्त इंतजाम करें. यहां अवस्थाओं का आलम जबरदस्त है, जिसका खामियाजा गोवंश को भुगतना पड़ रहा है.
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नगर परिषद आयुक्त पवन मीना का कहना है कि हमने पूरे इंतजाम किए हैं. आवारा पशुओं की मौत किस कारण से हो रही है इस बात का लेकर हमने मेडिकल की अलग से टीम भी बिठाई है. पॉलिथीन की ज्यादा उपयोगिता के चलते नंदी गौशाला में आवारा पशुओं की 50 से 60 के आसपास मौत हुई है. लेकिन वहां चारे पानी और मेडिकल की पूरी व्यवस्थाएं हैं. शहर को आवारा पशुओं से मुक्त करवाया है. नंदी गौशाला में 100 से अधिक गोवंश की मौत की खबर के बाद सीएमओ ने इस पूरे मामले को लेकर बाड़मेर जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है.