बाड़मेर. पंचायती राज चुनावों के जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्य पद के लिए 4 चरणों में मतदान संपन्न हुए थे. मंगलवार को हुई मतगणना में पंचायत समिति में जहां कांग्रेस ने जीत का परचम लहराया है तो वहीं जिला परिषद चुनाव में पहली बार बीजेपी ने जबरदस्त तरीके से वापसी की है.
बाड़मेर जिला परिषद के 37 वार्डों में से भाजपा और कांग्रेस ने 16-16 सीटें हासिल की हैं. वहीं एक सीट आरएलपी के खाते में गई है, ऐसे में इस बार आरएलपी जिला परिषद का बोर्ड बनाने में निर्णायक की भूमिका में रहेगी. पंचायती राज चुनाव में जिले की सबसे हॉट सीट रही वार्ड संख्या 34, जहां पर राजस्व मंत्री हरीश चौधरी और हनुमान बेनीवाल के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बनी हुई थी.
वहीं केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने भी भाजपा प्रत्याशी को जिताने लिए कोई कमी नहीं छोड़ी. ऐसे में तीनों पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. साथ ही पहली बार चुनाव मैदान में उतरी हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के उम्मीदवार उम्मेदाराम बेनीवाल ने यहां एक वार्ड से जीत दर्ज करवाई है. जीत के साथ ही अब आरएलपी जिला परिषद मे बोर्ड बनाने के लिए भी निर्णायक की भूमिका में रह सकती है.
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बता दें कि जिला परिषद के वार्ड 34 से विजयी हुए राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के उम्मीदवार उम्मेदाराम बेनीवाल ने कहा कि मेरी जीत का यह श्रेय अपने क्षेत्र की जनता को दूंगा और क्षेत्र की समस्याओं को उठाना मेरी प्राथमिकता रहेगी. इसके अलावा उन्होंने कहा कि कांग्रेसी लोग नाराज हैं, साथ ही कहा कि बीजेपी और आरएलपी के गठबंधन की जो पहले बातें चल रही थी अगर गठबंधन होता तो हम 33 से 34 सीटें जीतते और पंचायत समिति के 21 में से 21 सीटें जीतकर गठबंधन से बोर्ड बनाते. उन्होंने कहा कि माना जा रहा है कि आरएलपी का जिस तरह केंद्र में गठबंधन है, ऐसे में आरएलपी बीजेपी से गठबंधन कर बाड़मेर जिला परिषद में बोर्ड बना सकती है.
कभी नहीं बना भाजपा का बोर्ड
आजादी के बाद से भाजपा कभी भी बाड़मेर जिला परिषद में बोर्ड नहीं बना सकी है. जिला परिषद में हमेशा से ही कांग्रेस का दबदबा रहा है. इस बार भाजपा ने वापसी करते हुए कांग्रेस को कड़ी टक्कर देते हुए बराबर सीट हासिल की है. ऐसे में हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने जो 1 सीट जीती है वह निर्णायक की भूमिका निभाएगी. ऐसे में माना जा रहा है कि आरएलपी और बीजेपी के बीच गठबंधन हो सकता है. ऐसे में पहली बार चुनाव लड़ रही राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी किंगमेकर की भूमिका में दिख रही है.