बाड़मेर. राजस्थान के बहुचर्चित आरटीआई एक्टिविस्ट अमराराम गोदारा हमले मामले (Barmer RTI activist attack Case) में किरकिरी के बाद अब गहलोत सरकार पूरी तरीके से एक्शन मोड में आ गई है. एसआईटी के गठन के बाद सुबह जोधपुर में अमराराम गोदारा के बयान दर्ज किए गए और उसके बाद एसआईटी की टीम पचपदरा पहुंची जहां पर जब्त वाहन की एफएसएल भेजा गया. इसके साथ ही टीम केस से जुड़े पुलिस अधिकारियों से मामले की जानकारी (SIT talk to police in RTI activist attack Case) ले रही है.
जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश के बाद सीआईडी सीबी (CID CB) ने इस पूरे मामले के लिए एसआईटी (SIT) का गठन किया था जिसके बाद एसआईटी पूरी तरीके से सक्रिय हो गई है. पहले दिन से ही टीम ने इस मामले से जुड़े तथ्यों को खंगालना शुरू कर दिया है. सबसे पहले अमराराम गोदारा से बातचीत की गई. उसके बाद परिवार से बातचीत की गई और यह भरोसा दिलाया गया कि इस पूरे मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट को न्याय मिलेगा घटना की पूरी जानकारी ली गई.
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आईपीएस गौरव यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर इस मामले की जांच की जा रही है. अमर गोदारा के बयान के बाद पचपदरा थाने में आरोपियों के साथ इस केस से जुड़े अन्य पुलिस के अधिकारियों से जानकारी ली जा रही है. साथ ही जब्त वाहन की FSL करवाई जा रही है. आरटीआई एक्टिविस्ट अमराराम हमले मामले में एसआईटी ने जांच शुरू कर दी है. जिन लोगों पर पीड़ित अमराराम ने साजिश का आरोप लगाया है, उनसे भी पूछताछ करने के साथ कार्रवाई की जाएगी.
गिड़ा थाना इलाके में कुछ दिन पहले आरटीआई एक्टिविस्ट अमराराम गोदारा पर कुछ बदमाशों ने जानलेवा हमला कर दिया था. घायल अमराराम गोदारा को जोधपुर के अस्पताल में इलाज चल रहा है. हालांकि इस मामले में राजस्थान की गहलोत सरकार बुरी तरह घिर गई है. भाजपा, आरएलपी समेत तमाम सामाजिक संगठनों ने इस बर्बरता को लेकर सरकार और प्रदेश की कानून व्यवस्था पर निशाना साधा.