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बाड़मेर: निजी बस संचालकों शुरू की अनिश्चितकालीन हड़ताल, 6 महीने का टैक्स माफ करने की मांग

बाड़मेर में निजी बस संचालकों ने प्रदेश एसोसिएशन के आह्वान पर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है. निजी बस संचालक राज्य सरकार से टोल टैक्स के अलावा सभी प्रकार के टैक्स अगले 6 माह तक माफ किए जाने की मांग कर रहे हैं. निजी बस संचालक का कहना है कि अनलॉक-1 के नियमों के तहत निजी बसों का संचालन करना संभव नहीं हो पा रहा है.

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बाड़मेर में निजी बस संचालकों ने की अनिश्चितकालीन हड़ताल
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Published : Jun 7, 2020, 8:22 PM IST

बाड़मेर. प्रदेश एसोसिएशन के आह्वान पर जिले के निजी बस संचालकों ने अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है. निजी बस संचालक राज्य सरकार से टोल टैक्स के अलावा सभी प्रकार के टैक्स अगले 6 माह तक माफ किए जाने की मांग कर रहे हैं.

बाड़मेर में निजी बस संचालकों ने की अनिश्चितकालीन हड़ताल

निजी बस संचालक का कहना है कि कोरोना संक्रमण चलते लागू लॉकडाउन के बाद अब सरकार ने अनलॉक-1 के तहत कई गतिविधियों की छूट दी है. करीब 3 महीने के बाद निजी बसों को भी नियमों की पालना के साथ चलाने के लिए सरकार ने छूट दी है. लेकिन, निजी बसों में यात्रियों की निर्धारित संख्या के साथ बस संचालन घाटे का सौदा है. वहीं, निजी बस संचालकों का ये भी कहना है कि लॉकडाउन की वहज से परिवहन सेवा काफी प्रभावित हुई है. इससे निजी बस संचालकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है.

पढ़ें: राजस्थान में 30 जून तक बंद रहेंगे धार्मिक स्थल, आयुर्वेदिक सैनिटाइजर का किया जाएगा उपयोग

निजी बस संचालकों के अनुसार ढाई महीने के लॉकडाउन के चलते बसों के मेंटेनेंस, चालक और परिचालकों के सैलरी के बोझ के साथ टैक्स देना बहुत मुश्किल है. वहीं, सरकार ने निजी बसों में बैठने वाले यात्रियों की संख्या निर्धारित कर बसों को चलाने की अनुमति दी है, जो कि बस संचालकों के लिए घाटे का सौदा है. उनके अनुसार बसों के डीजल खपत के खर्च सहित चालक और परिचालकों की सैलरी भी बमुश्किल निकल रही है. इससे निजी बसों का संचालन करना संभव नहीं है.

बाड़मेर. प्रदेश एसोसिएशन के आह्वान पर जिले के निजी बस संचालकों ने अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है. निजी बस संचालक राज्य सरकार से टोल टैक्स के अलावा सभी प्रकार के टैक्स अगले 6 माह तक माफ किए जाने की मांग कर रहे हैं.

बाड़मेर में निजी बस संचालकों ने की अनिश्चितकालीन हड़ताल

निजी बस संचालक का कहना है कि कोरोना संक्रमण चलते लागू लॉकडाउन के बाद अब सरकार ने अनलॉक-1 के तहत कई गतिविधियों की छूट दी है. करीब 3 महीने के बाद निजी बसों को भी नियमों की पालना के साथ चलाने के लिए सरकार ने छूट दी है. लेकिन, निजी बसों में यात्रियों की निर्धारित संख्या के साथ बस संचालन घाटे का सौदा है. वहीं, निजी बस संचालकों का ये भी कहना है कि लॉकडाउन की वहज से परिवहन सेवा काफी प्रभावित हुई है. इससे निजी बस संचालकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है.

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निजी बस संचालकों के अनुसार ढाई महीने के लॉकडाउन के चलते बसों के मेंटेनेंस, चालक और परिचालकों के सैलरी के बोझ के साथ टैक्स देना बहुत मुश्किल है. वहीं, सरकार ने निजी बसों में बैठने वाले यात्रियों की संख्या निर्धारित कर बसों को चलाने की अनुमति दी है, जो कि बस संचालकों के लिए घाटे का सौदा है. उनके अनुसार बसों के डीजल खपत के खर्च सहित चालक और परिचालकों की सैलरी भी बमुश्किल निकल रही है. इससे निजी बसों का संचालन करना संभव नहीं है.

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