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कालाबाजारी को खुद बढ़ावा दे रहा चिकित्सा विभाग, CMHO ने मूल्य से ज्यादा दाम पर इंजेक्शन खरीदने पर दी सफाई

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Published : Jun 10, 2021, 4:44 PM IST

बाड़मेर सीएमएचओ पर ज्यादे दाम में इंजेक्शन और दवा खरीदने का आरोप लगा है. जिसके बाद जिला कलेक्टर ने एक जांच कमेटी भी गठित की है, जो जल्द ही अपना रिपोर्ट पेश करेगी. वहीं, मामले में सीएमएचओ का कहना है कि लोगों की जान बचाने के लिए महंगी दर में दवा और इंजेक्शन खरीदी गई.

corona pandemic,  Barmer District Hospital
CMHO की सफाई

बाड़मेर. कोरोना की दूसरी लहर (second wave of corona) कमजोर पड़ गई है, लेकिन इस बीच कई बड़े खुलासे भी हो रहे हैं. एक ऐसा ही खुलासा बाड़मेर (Barmer) जिला में हुआ है, जहां सीएमएचओ (Barmer CMHO) पर आरोप है कि इंजेक्शन (Injection) डबल रेट और टेबलेट तीन से चार गुना ज्यादा रेट में खरीदा गया.

CMHO की सफाई

पढ़ें- उदयपुर: वैक्सीनेशन करने आई टीम के साथ ग्रामीण ने की अभद्रता, कहा- मर गया तो देना होगा मौताणा

मामले को लेकर बाड़मेर के सीएमएचओ बाबूलाल विश्नोई का कहना है कि आपातकालीन स्थिति मे सरकार की ओर से यह कहा गया था कि आप किसी भी रेट में इंजेक्शन और टेबलेट खरीदो, लेकिन किसी की जान नहीं जानी चाहिए. विश्नोई का कहना है कि दूसरी लहर के दौरान दवाइयां और इंजेक्शन नहीं मिल रहे थे. जिस फर्म के साथ हमारा एमओयू था उस फर्म में दवाइयां उपलब्ध नहीं थी. इसलिए आपातकालीन स्थिति में ज्यादा रेट देकर दवाइयां खरीदनी पड़ी.

जिला कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

बाबूलाल विश्नोई ने कहा कि सरकारी गाइडलाइन (Gehlot government) के अनुसार ही दवा खरीदी गई है. इसमें किसी भी तरह का भ्रष्टाचार नहीं किया गया है. बता दें, इस मामले को लेकर कुछ दिन पहले ही बाड़मेर सीएमएचओ पर आरोप लगाए जा रहे थे, जिसके बाद जिला कलेक्टर ने एक कमेटी गठित कर जांच के आदेश दिए थे.

जांच रिपोर्ट में खुलासा

जांच रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि इंजेक्शन और टेबलेट कई गुना ज्यादा रेट में खरीदी गई है. लेकिन, प्रशासन का तर्क है कि उस समय इंजेक्शन और टेबलेट नहीं मिल रही थी, इसलिए ज्यादा रेट पर दवा खरीदकर लोगों की जान बचाई गई. मामले में कमेटी जल्द ही जिला कलेक्टर के सामने अपना रिपोर्ट पेश करेगी.

एमओयू छोड़ किया नया टेंडर

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने एनक्सापेरिन सोडियम इंजेक्शन आईपी-60 के लिए एक निजी कंपनी से 24 फरवरी से 3 महीने के लिए एमओयू (MOU) किया गया है. इसके बाद भी इंजेक्शन के लिए 19 मई को नया टेंडर जारी किया गया. जबकि पहले एमओयू की अवधि 24 मई तक विधिमान्य है.

दोगुने दाम में खरीदा इंजेक्शन

इंजेक्शन के लिए पूर्व में जारी फर्म को वर्क ऑर्डर में इंजेक्शन की निर्धारित दर 215 प्रति इंजेक्शन प्राप्त हुई है. वहीं, नए टेंडर में इसकी दर 452 रुपए प्रति इंजेक्शन प्राप्त हुई है.

बाड़मेर. कोरोना की दूसरी लहर (second wave of corona) कमजोर पड़ गई है, लेकिन इस बीच कई बड़े खुलासे भी हो रहे हैं. एक ऐसा ही खुलासा बाड़मेर (Barmer) जिला में हुआ है, जहां सीएमएचओ (Barmer CMHO) पर आरोप है कि इंजेक्शन (Injection) डबल रेट और टेबलेट तीन से चार गुना ज्यादा रेट में खरीदा गया.

CMHO की सफाई

पढ़ें- उदयपुर: वैक्सीनेशन करने आई टीम के साथ ग्रामीण ने की अभद्रता, कहा- मर गया तो देना होगा मौताणा

मामले को लेकर बाड़मेर के सीएमएचओ बाबूलाल विश्नोई का कहना है कि आपातकालीन स्थिति मे सरकार की ओर से यह कहा गया था कि आप किसी भी रेट में इंजेक्शन और टेबलेट खरीदो, लेकिन किसी की जान नहीं जानी चाहिए. विश्नोई का कहना है कि दूसरी लहर के दौरान दवाइयां और इंजेक्शन नहीं मिल रहे थे. जिस फर्म के साथ हमारा एमओयू था उस फर्म में दवाइयां उपलब्ध नहीं थी. इसलिए आपातकालीन स्थिति में ज्यादा रेट देकर दवाइयां खरीदनी पड़ी.

जिला कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

बाबूलाल विश्नोई ने कहा कि सरकारी गाइडलाइन (Gehlot government) के अनुसार ही दवा खरीदी गई है. इसमें किसी भी तरह का भ्रष्टाचार नहीं किया गया है. बता दें, इस मामले को लेकर कुछ दिन पहले ही बाड़मेर सीएमएचओ पर आरोप लगाए जा रहे थे, जिसके बाद जिला कलेक्टर ने एक कमेटी गठित कर जांच के आदेश दिए थे.

जांच रिपोर्ट में खुलासा

जांच रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि इंजेक्शन और टेबलेट कई गुना ज्यादा रेट में खरीदी गई है. लेकिन, प्रशासन का तर्क है कि उस समय इंजेक्शन और टेबलेट नहीं मिल रही थी, इसलिए ज्यादा रेट पर दवा खरीदकर लोगों की जान बचाई गई. मामले में कमेटी जल्द ही जिला कलेक्टर के सामने अपना रिपोर्ट पेश करेगी.

एमओयू छोड़ किया नया टेंडर

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने एनक्सापेरिन सोडियम इंजेक्शन आईपी-60 के लिए एक निजी कंपनी से 24 फरवरी से 3 महीने के लिए एमओयू (MOU) किया गया है. इसके बाद भी इंजेक्शन के लिए 19 मई को नया टेंडर जारी किया गया. जबकि पहले एमओयू की अवधि 24 मई तक विधिमान्य है.

दोगुने दाम में खरीदा इंजेक्शन

इंजेक्शन के लिए पूर्व में जारी फर्म को वर्क ऑर्डर में इंजेक्शन की निर्धारित दर 215 प्रति इंजेक्शन प्राप्त हुई है. वहीं, नए टेंडर में इसकी दर 452 रुपए प्रति इंजेक्शन प्राप्त हुई है.

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