बाड़मेर. असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने बाड़मेर की यात्रा के दूसरे दिन मंगलवार को बालोतरा के जसोल में स्थित माता रानी भटियाणी मंदिर में दर्शन किए. कटारिया ने अपनी धर्म पत्नी के साथ माता रानी भटियाणी की पूजा-अर्चना की और राष्ट्र के सर्वांगीण विकास व खुशहाली को लेकर कामना की.
असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि मारवाड़ का क्षेत्र अपनी अलग ही पहचान बनाए हुए है. यह क्षेत्र गौरवशाली इतिहास व दर्शनीय स्थलों से भरा हुआ है. जसोल धाम में मां राणी भटियाणी के दर्शनों से मन को सुकून मिलता है, जो हमें यंहा खींच लाती है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में जो जसोल धाम का रूप निखरा है. यहां जनमानस की जो आस्था निहित है, उसी को लेकर दर्शनों को श्रद्धालुओं का मेला लगा लगता है. उन्होंने कहा कि रावल किशनसिंह जसोल ने जब से सरकारी कार्यों से सेवानिवृत्त होने के बाद क्षेत्र की सेवा का जो संकल्प लिया, उसकी आज संकल्पना साकार होती नजर आ रही हैं.
कटारिया से रावल किशनसिंह की शिष्टाचार भेंटः असम राज्यपाल कटारिया व जसोल मन्दिर संस्थान अध्यक्ष रावल किशनसिंह के मध्य शिष्टाचार भेंट हुई. इस दौरान मालाणी क्षेत्र के सामाजिक सरोकारों व क्षेत्र के विकास को लेकर भी चर्चा हुई. हाल ही में रावल किशनसिंह जसोल को जोधपुर मेहरानगढ़ ट्रस्ट की ओर से मारवाड़ रत्न पुरस्कार की श्रृंखला में मिले मारवाड़ का प्रतिष्ठित ’राव जोधा अवार्ड’ से नवाजा गया. जिसको लेकर कटारिया ने रावल किशनसिंह को बधाई दी.
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बता दें कि असम के राज्यपाल बनने के बाद पहली बार गुलाबचंद कटारिया बाड़मेर जिले के बालोतरा की दो दिवसीय यात्रा पर आए हैं. विभिन्न संस्थाओं की ओर से गुलाबचंद कटारिया का बालोतरा आगमन पर स्वागत एवं अभिनंदन किया गया. श्री चंपालाल बाठिया चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से उनका अभिनंदन समारोह भी आयोजित किया गया. कटारिया इस ट्रस्ट के संरक्षक भी हैं.