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आशा सहयोगिनियों का गहलोत सरकार के खिलाफ हल्ला बोल जारी, CM के नाम 6 सूत्रीय मांग पत्र - राजस्थान की ताजा हिंदी खबरें

कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अपने बुलंद हौसले के साथ जमीनी स्तर पर अहम भूमिका निभाने वाली आशा सहयोगिनी इन दिनों नियमितीकरण करने के साथ मानदेय बढ़ाने सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. इन आशाओं पर विभागीय कार्रवाई का नोटिस जारी के बावजूद भी पिछले कई दिनों से आशा सहयोगिनी कार्य बहिष्कार किए हुए हैं, उनका स्पष्ट तौर पर कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएगी, तब तक वह कार्य का बहिष्कार करेंगे.

ASHA Sahyogin meeting held, आशा सहयोगिनियों की बैठक आयोजित
आशा सहयोगिनियों की बैठक आयोजित
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Published : Jan 8, 2021, 7:59 PM IST

बाड़मेर. अखिल राजस्थान महिला एवं बाल विकास संयुक्त कर्मचारी संघ (एकीकृत) की जिला अध्यक्ष दरिया खत्री के नेतृत्व में शुक्रवार को जिला मुख्यालय पर महावीर पार्क में जिलेभर की आशाओं की एक बैठक आयोजित हुई. जिसके बाद वह नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंची. जहां पर उन्होंने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम 6 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा.

आशा सहयोगिनियों की बैठक आयोजित

बाड़मेर जिला अध्यक्ष दरिया खत्री ने बताया कि जिले भर में आशा सहयोगिनी महिला एवं बाल विकास विभाग, चिकित्सा विभाग, स्वास्थ्य विभाग से संबंधित कार्य अल्प मानदेय में कर रहे हैं. जिससे परिवार का गुजारा नहीं हो पा रहा है. ऐसे में मानदेय बढ़ाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर पिछले लंबे समय से मांग की जा रही है, लेकिन बावजूद इसके हमारी वाजिब मांगों को सुना नहीं जा रहा है. आज मुख्यमंत्री के नाम 6 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा है, जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी, तब तक हम काम पर नहीं लौटेंगे.

सिणधरी ब्लॉक अध्यक्ष ने बताया कि कोरोना में भी हमने अपने काम को बखूबी अंजाम दिया और पिछले लंबे समय से मानदेय बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन हमारी मांगों को सुना नहीं जा रहा है. इसको लेकर प्रदेश भर में आशाओं का आंदोलन चल रहा है. उन्होंने कहा कि विभागीय कार्रवाई का नोटिस भी जारी हुआ है, लेकिन जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाएगी, तब तक हम कार्य का बहिष्कार को जारी रखेंगे, चाहे विभाग जो कार्रवाई करें.

इसी तरह एक आशा ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री एक महिला होने के बावजूद भी महिलाओं की पीड़ा को नहीं समझ रही है और जिस तरह के वो बेतुका बयान दे रही है कि आशाओं को बिना काम के 2700 दिए जा रहे, हम इस तरह के बयान की निंदा करते हैं. बता दें कि बाड़मेर में 4 जनवरी से आशाओं ने कार्य बहिष्कार कर दिया है. इन आशाओं को विभागीय कार्रवाई की चेतावनी भी जारी की गई है. बावजूद इसके इनका कहना है कि जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाएगी तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा.

पढ़ें- राजस्थान के भाजपा नेताओं ने जेपी नड्डा से की मुलाकात

ये हैं मांगे

  • नियमितीकरण
  • मानदेय बढ़ाने
  • एक विभाग के अधीन कार्य
  • बीमा एवं मेडिकल क्लेम सुविधा
  • स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए जाने वाला क्लेम को फिक्स कर 18 हजार माह फिक्स किया जाए
  • विगत 5 वर्षों से कार्यरत आशा सहयोगी ओ को ANM का प्रशिक्षण देकर एवं ANM पद पर नियुक्ति दी जाए

बाड़मेर. अखिल राजस्थान महिला एवं बाल विकास संयुक्त कर्मचारी संघ (एकीकृत) की जिला अध्यक्ष दरिया खत्री के नेतृत्व में शुक्रवार को जिला मुख्यालय पर महावीर पार्क में जिलेभर की आशाओं की एक बैठक आयोजित हुई. जिसके बाद वह नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंची. जहां पर उन्होंने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम 6 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा.

आशा सहयोगिनियों की बैठक आयोजित

बाड़मेर जिला अध्यक्ष दरिया खत्री ने बताया कि जिले भर में आशा सहयोगिनी महिला एवं बाल विकास विभाग, चिकित्सा विभाग, स्वास्थ्य विभाग से संबंधित कार्य अल्प मानदेय में कर रहे हैं. जिससे परिवार का गुजारा नहीं हो पा रहा है. ऐसे में मानदेय बढ़ाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर पिछले लंबे समय से मांग की जा रही है, लेकिन बावजूद इसके हमारी वाजिब मांगों को सुना नहीं जा रहा है. आज मुख्यमंत्री के नाम 6 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा है, जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी, तब तक हम काम पर नहीं लौटेंगे.

सिणधरी ब्लॉक अध्यक्ष ने बताया कि कोरोना में भी हमने अपने काम को बखूबी अंजाम दिया और पिछले लंबे समय से मानदेय बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन हमारी मांगों को सुना नहीं जा रहा है. इसको लेकर प्रदेश भर में आशाओं का आंदोलन चल रहा है. उन्होंने कहा कि विभागीय कार्रवाई का नोटिस भी जारी हुआ है, लेकिन जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाएगी, तब तक हम कार्य का बहिष्कार को जारी रखेंगे, चाहे विभाग जो कार्रवाई करें.

इसी तरह एक आशा ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री एक महिला होने के बावजूद भी महिलाओं की पीड़ा को नहीं समझ रही है और जिस तरह के वो बेतुका बयान दे रही है कि आशाओं को बिना काम के 2700 दिए जा रहे, हम इस तरह के बयान की निंदा करते हैं. बता दें कि बाड़मेर में 4 जनवरी से आशाओं ने कार्य बहिष्कार कर दिया है. इन आशाओं को विभागीय कार्रवाई की चेतावनी भी जारी की गई है. बावजूद इसके इनका कहना है कि जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाएगी तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा.

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ये हैं मांगे

  • नियमितीकरण
  • मानदेय बढ़ाने
  • एक विभाग के अधीन कार्य
  • बीमा एवं मेडिकल क्लेम सुविधा
  • स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए जाने वाला क्लेम को फिक्स कर 18 हजार माह फिक्स किया जाए
  • विगत 5 वर्षों से कार्यरत आशा सहयोगी ओ को ANM का प्रशिक्षण देकर एवं ANM पद पर नियुक्ति दी जाए
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