बाड़मेर. पूरे देश में अनलॉक 2.0 की तैयारी चल रही है, वहीं दूसरी ओर बाड़मेर के बालोतरा में प्रशासन फिर से आधे शहर में लॉकडाउन लगाने की तैयारी में है. क्योंकि यहां पिछले 4 दिनों में 60 से ज्यादा कोविड-19 के मरीज सामने आए हैं. प्रशासन को यह लगता है कि वहां पर लोग सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं कर रहे हैं. जिसके चलते दिन-ब-दिन हालात खराब हो रहे हैं. इसीलिए बाड़मेर के जिला कलेक्टर विश्राम मीणा के अनुसार नेताओं, समाज के लोगों और अधिकारियों से बात करने के बाद फिर से लॉकडाउन लगाने के बारे में विचार किया जा रहा है.
बाड़मेर में शुक्रवार से 10 दिन पहले कोविड-19 के हालात एकदम काबू में आ गए थे, लेकिन बालोतरा में सब्जी मंडी व्यापारी पिता और पुत्र कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए, उसके बाद लगातार यह चैन शहर के अन्य हिस्सों में भी फैल गई. एक के बाद एक कोविड-19 के मरीज सामने आने लगे.
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यहां तक कि शुक्रवार को कोविड-19 के बालोतरा में 15 मरीज सामने आए हैं. जबकि पूरे जिले में शुक्रवार को 27 कोविड-19 के मरीज सामने आए हैं. प्रशासन को इस बात की चिंता सता रही है कि अगर समय रहते बालोतरा में लॉकडाउन और धारा 144 की पालना कड़ाई से नहीं करवाई तो हालात और भी खराब हो सकती हैं.
बाड़मेर जिला कलेक्टर विश्राम मीणा की ओर से बाड़मेर के एसपी आनंद कुमार और अतिरिक्त जिला कलेक्टर राकेश शर्मा को बालोतरा के दौरे पर कोविड-19 के हालातों की जानकारी के लिए भेजा गया है. जो कि पूरी तरीके से शहर की जानकारी लेने के बाद अपनी रिपोर्ट जिला कलेक्टर को सौंपेंगे.
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जिसके बाद लॉकडाउन के बारे में प्रशासन अपनी आगे की रणनीति बनाएगा. लेकिन एक बात तो साफ है कि जिस तरीके से बाड़मेर में कोविड-19 के हालात हर दिन बिगड़ रहे हैं, उसका सबसे बड़ा कारण सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ना बताया जा रहा है.