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एक ही परिवार के 4 सदस्यों ने लिया देहदान का संकल्प, दादा-पोता भी शामिल - 34 लोगों ने देहदान की घोषणा की

बाड़मेर के धोरीमन्ना उपखंड के नेहरो की नाडी हरदानपूरा गांव के एक ही परिवार के 4 लोगों ने देहदान का संकल्प लिया है. चारों ने मेडिकल कॉलेज में देहदान की घोषणा की.

4 family members declared for body donation
एक ही परिवार के 4 सदस्यों ने लिया देहदान का संकल्प, दादा-पोता भी शामिल
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Published : May 9, 2023, 8:45 PM IST

दादा, बेटा, पोता और जंवाई ने ली देहदान की शपथ...

बाड़मेर. जिले में मेडिकल कॉलेज खुलने के बाद से लोगों में देहदान के प्रति जागरूक बढ़ती नजर आ रही है. मंगलवार को जिले के एक परिवार के चार सदस्यों ने एक साथ मेडिकल कॉलेज पहुंच कर देहदान की घोषणा की. खास बात यह है कि इनमें तीन पीढ़ी के परिवार के सदस्य शामिल हैं. बुजुर्ग किसान, उनका बेटा, डॉक्टर पोता और शिक्षाविद दामाद ने देहदान का संकल्प लिया है.

जिले के धोरीमन्ना उपखंड क्षेत्र के नेहरो की नाडी हरदानपूरा गांव निवासी बुजुर्ग किसान खेराज राम (88) पुत्र उदाराम सहित उनके परिवार के 4 सदस्यों ने जिला मुख्यालय स्थित मेडिकल कॉलेज पहुंचकर मंगलवार को देहदान का संकल्प लिया. चोलाराम ने बताया कि वर्ष 2014 में उनके भतीज खंगार सिंह एम्स अस्पताल में एमबीबीएस की ट्रेनिंग के दौरान पता चला कि देह बहुत काम आती है. उनके भतीजे ने परिवार के लोगों को देहदान के प्रति प्रेरित किया था. जिसकी बदौलत आज परिवार के 4 लोगों ने देहदान का निर्णय लिया. उन्होंने कहा कि मृत्यु के बाद देह कोई काम नहीं आती है.

पढ़ेंः देहदान को बढ़ावा देने के लिए परिवारों का सम्मान करेगा मेडिकल कॉलेज

इन्होंने लिया देहदान का संकल्पः बुजुर्ग किसान खेराज राम (88), उनका बेटा तोलाराम (61) एवं पोते डॉक्टर खंगारसिंह (33) और दामाद शिक्षाविद रूपसिंह जाखड़ ने देहदान को लेकर आज बाड़मेर मेडिकल कॉलेज में संकल्प पत्र भरा. डॉक्टर खंगारसिंह ने बताया कि 2014 में एमबीबीएस की एम्स में पढ़ाई के दौरान बॉडी की कमी के कारण रिसर्च में काफी परेशानियां महसूस हुई. तब से मन बना लिया था कि खुद के शरीर को आने वाली पीढ़ी के डॉक्टरों के लिए देहदान करेंगे. उन्होंने कहा कि आज हमें बेहद खुशी महसूस हो रही है. हमारी देह आने वाली पीढ़ी के डॉक्टरों के रिसर्च में काम आएगी.

पढ़ेंः सीकर: जिला मेडिकल कॉलेज में एक परिवार ने किया देहदान

मेडिकल कॉलेज के सह आचार्य डॉ अभिजीत जोशी ने बताया कि भावी डॉक्टर्स बनाने के लिए बॉडी की बहुत जरूरत होती है. डॉक्टर खंगार सिंह और उनके परिवार के 4 सदस्यों ने एक साथ देहदान की शपथ ली है, जो अपने आप में एक बड़ी बात है. उन्होंने बताया कि कोरोना काल में देहदान को लेकर एकदम से विराम लग गया था. लेकिन लोगों में जागरूकता की वजह से धीरे-धीरे फिर से देहदान में वृद्धि हो रही है. उन्होंने बताया कि अब तक बाड़मेर में 34 लोगों ने देहदान की घोषणा की है. जिसमें से 2 लोगों की देह प्राप्त हो चुकी है.

दादा, बेटा, पोता और जंवाई ने ली देहदान की शपथ...

बाड़मेर. जिले में मेडिकल कॉलेज खुलने के बाद से लोगों में देहदान के प्रति जागरूक बढ़ती नजर आ रही है. मंगलवार को जिले के एक परिवार के चार सदस्यों ने एक साथ मेडिकल कॉलेज पहुंच कर देहदान की घोषणा की. खास बात यह है कि इनमें तीन पीढ़ी के परिवार के सदस्य शामिल हैं. बुजुर्ग किसान, उनका बेटा, डॉक्टर पोता और शिक्षाविद दामाद ने देहदान का संकल्प लिया है.

जिले के धोरीमन्ना उपखंड क्षेत्र के नेहरो की नाडी हरदानपूरा गांव निवासी बुजुर्ग किसान खेराज राम (88) पुत्र उदाराम सहित उनके परिवार के 4 सदस्यों ने जिला मुख्यालय स्थित मेडिकल कॉलेज पहुंचकर मंगलवार को देहदान का संकल्प लिया. चोलाराम ने बताया कि वर्ष 2014 में उनके भतीज खंगार सिंह एम्स अस्पताल में एमबीबीएस की ट्रेनिंग के दौरान पता चला कि देह बहुत काम आती है. उनके भतीजे ने परिवार के लोगों को देहदान के प्रति प्रेरित किया था. जिसकी बदौलत आज परिवार के 4 लोगों ने देहदान का निर्णय लिया. उन्होंने कहा कि मृत्यु के बाद देह कोई काम नहीं आती है.

पढ़ेंः देहदान को बढ़ावा देने के लिए परिवारों का सम्मान करेगा मेडिकल कॉलेज

इन्होंने लिया देहदान का संकल्पः बुजुर्ग किसान खेराज राम (88), उनका बेटा तोलाराम (61) एवं पोते डॉक्टर खंगारसिंह (33) और दामाद शिक्षाविद रूपसिंह जाखड़ ने देहदान को लेकर आज बाड़मेर मेडिकल कॉलेज में संकल्प पत्र भरा. डॉक्टर खंगारसिंह ने बताया कि 2014 में एमबीबीएस की एम्स में पढ़ाई के दौरान बॉडी की कमी के कारण रिसर्च में काफी परेशानियां महसूस हुई. तब से मन बना लिया था कि खुद के शरीर को आने वाली पीढ़ी के डॉक्टरों के लिए देहदान करेंगे. उन्होंने कहा कि आज हमें बेहद खुशी महसूस हो रही है. हमारी देह आने वाली पीढ़ी के डॉक्टरों के रिसर्च में काम आएगी.

पढ़ेंः सीकर: जिला मेडिकल कॉलेज में एक परिवार ने किया देहदान

मेडिकल कॉलेज के सह आचार्य डॉ अभिजीत जोशी ने बताया कि भावी डॉक्टर्स बनाने के लिए बॉडी की बहुत जरूरत होती है. डॉक्टर खंगार सिंह और उनके परिवार के 4 सदस्यों ने एक साथ देहदान की शपथ ली है, जो अपने आप में एक बड़ी बात है. उन्होंने बताया कि कोरोना काल में देहदान को लेकर एकदम से विराम लग गया था. लेकिन लोगों में जागरूकता की वजह से धीरे-धीरे फिर से देहदान में वृद्धि हो रही है. उन्होंने बताया कि अब तक बाड़मेर में 34 लोगों ने देहदान की घोषणा की है. जिसमें से 2 लोगों की देह प्राप्त हो चुकी है.

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