सिवाना (बाड़मेर). कस्बे के मोकलसर रोड के चंपावाडी परिसर स्थित श्री सीमधंर स्वामी जिन मंदिर, श्री जिनकुशलसूरी दादावाड़ी और साध्वी चंपाश्रीजी के गुरु मंदिर की 20वीं ध्वजारोहण वर्षगांठ रविवार को हर्षोल्लास से मनाई गई
जैन श्वेतांबर खरतरगच्छ, चंपाश्रीजी स्मारक ट्रस्ट के तत्वाधान चंपावाडी परिसर में रविवार को आयोजित समारोह के तहत प्रातः खरतरगच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिन मणिप्रभ सुरीश्वर जी महाराज साहब ठाणा और जिनमंदिर, दादावाड़ी और गुरु मंदिर के कायमी ध्वजारोहण के लाभार्थी परिवारों और नवकारसी भोजन के लाभार्थी परिवारों का ट्रस्ट मंडल की ओर से स्वागत किया गया. नवनिर्मित स्वागत और जिन कुशलसूरी प्रवासी भवन का लोकार्पण आचार्य प्रवर की निश्रा में किया गया.
तत्पश्चात सत्तरभेदी पूजन का कार्यक्रम संगीतकारों द्वारा भक्तिभाव माहौल में आयोजित किया गया. समारोह के पंडाल में जिन मंदिर के वार्षिक चढावे की बोलियां बोली गई और चढ़ावे की बोली के लाभार्थियों, नवनिर्मित स्वागत व जिन कुशलसूरी प्रवासी भवन के लाभार्थी परिवारों का ट्रस्ट मंडल की ओर से बहूमान किया गया.
इस अवसर पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए आचार्य प्रवर ने साध्वी चंपाश्री जी के दिव्यशीश से चंपावाडी परिसर की दिन दुगनी और रात चौगुनी हो रही प्रगति की प्रशंसा करते हुए इसमें ट्रस्ट मंडल के फाउंडर व वर्तमान ट्रस्टियों के योगदान और परिश्रम की प्रशंसा करते हुए चंपावाडी की निरंतर प्रगति की शुभकामनाएं दी.
आचार्य प्रवर ने चंपावाडी ट्रस्ट के वर्तमान ट्रस्टियों और वर्किंग कमिटी के सदस्यों को भगवान महावीर के आदर्शों और उपदेशों का अनुसरण कर ट्रस्टी बनने की योग्यता अनुरुप खानपान, दिनचर्या, अपना जीवन चरित्र और समाज के प्रति अपना सरल आचरण भाव निहित रखने की प्रेरणा दी. आचार्य प्रवर ने ट्रस्टीयो के व्यवहार और समाज के प्रति उपकार को उनका आयना बतलाया.
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स्थानकवासी श्रमण संघ के हितेश मुनि, प्रवर्तीनी साध्वी शशिप्रभा श्रीजी, धवल यशस्वी विमलप्रभा जी, कल्पलता श्रीजी म सा ठाणा ने भी गुरु के प्रति निष्ठा और धर्म के प्रति समर्पित रहने की प्रेरणा दी. विजय मुहूर्त में अमर ध्वजा के लाभार्थी परिवार के सदस्यों ने संगीत की स्वरलहरियों और मंत्रोच्चार के साथ जिन मंदिर, दादावाडी और गुरु मंदिर के शिखर पर जय जयकारो की ध्वनि के साथ ध्वजारोहण किया. नवकारसी भोजन के लाभार्थी छाजेड़ परिवार का चंपावाडी ट्रस्ट मंडल की ओर से बहूमान भोजन पांडाल में किया गया. इस अवसर पर सकल जैन संघ की नवकारसी भोजन का आयोजन हुआ. दोपहर को जिन मंदिर में दादा गुरुदेव की पूजन का आयोजन संपन्न हुआ.