ETV Bharat / state

खुले आम शराब पी रहे कांग्रेस के पूर्व पार्षद को पुलिस ने लिया हिरासत में

चार मूर्ति चौराहे के नजदीक खुलेआम पूर्व पार्षद मुकेश मीणा सहित तीन लोग शराब पी रहे थे. जिन्हें पुलिस ने खुले में शराब पीने से टोका तो शराब पी रहे तीनों ने सीआई सहित पुलिस जाब्ते के साथ बदसलूकी की.

पूर्व पार्षद को पुलिस ने लिया हिरासत में
author img

By

Published : Mar 22, 2019, 1:37 PM IST

बारां. धूलंडी के दिन दोपहर बाद खुलेआम शराब पी रहे लोगों पर पुलिस की कार्रवाई शहर में चर्चा का विषय बन गई है. जानकारी के मुताबिक चार मूर्ति चौराहे के नजदीक खुलेआम पूर्व पार्षद मुकेश मीणा सहित तीन लोग शराब पी रहे थे. जिन्हें पुलिस ने खुले में शराब पीने से टोका तो शराब पी रहे तीनों ने सीआई सहित पुलिस जाब्ते के साथ बदसलूकी की.इस पर पुलिस इन तीनों को हिरासत में लेकर थाने आ गई. लेकिन कुछ देर बाद ही अधिकारियों के निर्देश पर इन तीनों को छोड़ दिया. इस पूरे मामले में पुलिस के उच्चाधिकारियों पर राजनेताओं का बढ़ा दबाव था पुलिस अधीक्षक ने देर रात को जारी किए प्रेस नोट में इन तीनों लोगों को छोड़ने के पीछे माफीनामा पेश करने का हवाला दिया है.

पूर्व पार्षद को पुलिस ने लिया हिरासत में

लेकिन पुलिस की यहां तक की कार्रवाई में यह सवाल उठता है कि क्या कानून का उल्लंघन करने वाले लोगों को महज माफीनामें पर छोड़ा जा सकता है. सिर्फ यही नहीं कांग्रेस के जिस पूर्व पार्षद को पुलिस ने छोड़ा था उसी ने कोतवाली सीआई राजेंद्र मीणा सहित पुलिस जाब्ते के खिलाफ मारपीट का आरोप लगाते हुए एसपी किशोरी लाल मीणा को एक परिवाद सौंप दिया.इस परिवाद में एसपी ने संज्ञान लेते हुए तुरंत प्रभाव से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय स्वर्णकार को इसकी जांच करने के निर्देश दिए हैं. यह पूरा मामला पुलिस अधीक्षक की कार्यशैली के बाद राजनीतिक दबाव से ओतप्रोत दिखाई दे रहा है.पुलिस अधीक्षक की ओर से एक प्रेस नोट इस मामले को लेकर जारी किया गया. जिन 3 लोगों को हिरासत में लिया गया था उसमें से केवल मुकेश मीणा के नाम का उल्लेख प्रेस नोट में किया गया है हिरासत में लिए गए अन्य दो लोगों के नाम का प्रेस नोट में कहीं पर भी उल्लेख नहीं है. साफ तौर पर एसपी की ओर से जारी किया गया प्रेस नोट कानून का उल्लंघन करने वालों के प्रति संवेदना व्यक्त करने वाला है.

बारां. धूलंडी के दिन दोपहर बाद खुलेआम शराब पी रहे लोगों पर पुलिस की कार्रवाई शहर में चर्चा का विषय बन गई है. जानकारी के मुताबिक चार मूर्ति चौराहे के नजदीक खुलेआम पूर्व पार्षद मुकेश मीणा सहित तीन लोग शराब पी रहे थे. जिन्हें पुलिस ने खुले में शराब पीने से टोका तो शराब पी रहे तीनों ने सीआई सहित पुलिस जाब्ते के साथ बदसलूकी की.इस पर पुलिस इन तीनों को हिरासत में लेकर थाने आ गई. लेकिन कुछ देर बाद ही अधिकारियों के निर्देश पर इन तीनों को छोड़ दिया. इस पूरे मामले में पुलिस के उच्चाधिकारियों पर राजनेताओं का बढ़ा दबाव था पुलिस अधीक्षक ने देर रात को जारी किए प्रेस नोट में इन तीनों लोगों को छोड़ने के पीछे माफीनामा पेश करने का हवाला दिया है.

पूर्व पार्षद को पुलिस ने लिया हिरासत में

लेकिन पुलिस की यहां तक की कार्रवाई में यह सवाल उठता है कि क्या कानून का उल्लंघन करने वाले लोगों को महज माफीनामें पर छोड़ा जा सकता है. सिर्फ यही नहीं कांग्रेस के जिस पूर्व पार्षद को पुलिस ने छोड़ा था उसी ने कोतवाली सीआई राजेंद्र मीणा सहित पुलिस जाब्ते के खिलाफ मारपीट का आरोप लगाते हुए एसपी किशोरी लाल मीणा को एक परिवाद सौंप दिया.इस परिवाद में एसपी ने संज्ञान लेते हुए तुरंत प्रभाव से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय स्वर्णकार को इसकी जांच करने के निर्देश दिए हैं. यह पूरा मामला पुलिस अधीक्षक की कार्यशैली के बाद राजनीतिक दबाव से ओतप्रोत दिखाई दे रहा है.पुलिस अधीक्षक की ओर से एक प्रेस नोट इस मामले को लेकर जारी किया गया. जिन 3 लोगों को हिरासत में लिया गया था उसमें से केवल मुकेश मीणा के नाम का उल्लेख प्रेस नोट में किया गया है हिरासत में लिए गए अन्य दो लोगों के नाम का प्रेस नोट में कहीं पर भी उल्लेख नहीं है. साफ तौर पर एसपी की ओर से जारी किया गया प्रेस नोट कानून का उल्लंघन करने वालों के प्रति संवेदना व्यक्त करने वाला है.

Intro:बारां धूलंडी के दिन दोपहर बाद खुलेआम शराब पी रहे लोगों पर पुलिस की कार्रवाई शहर में चर्चा का विषय बन गई है मिली जानकारी के मुताबिक चार मूर्ति चौराहे के नजदीक एक गली में खुलेआम पूर्व पार्षद मुकेश मीणा सहित तीन जने शराब पी रहे थे जिन्हें पुलिस ने खुले में शराब पीने से टोका तो उक्त तीनों ने सीआई राजेंद्र मीणा सहित पुलिस जाब्ते के साथ बदसलूकी की इस पर कोतवाली पुलिस इन तीनों को हिरासत में लेकर कोतवाली आ गई लेकिन कुछ देर बाद ही अधिकारियों के निर्देश पर इन तीनों को छोड़ दिया गया बताया जा रहा है कि इस पूरे मामले में पुलिस के उच्चाधिकारियों पर राजनेताओं का बढ़ा दबाव था पुलिस अधीक्षक ने देर रात्रि को जारी किए प्रेस नोट में इन तीनों जनों को छोड़ने के पीछे माफीनामा पेश करने का हवाला दिया है लेकिन पुलिस की यहां तक की कार्रवाई में यह सवाल उठता है कि क्या कानून का उल्लंघन करने वाले लोगों को महज माफीनामें पर छोड़ा जा सकता है


Body:कांग्रेस नेता मुकेश मीणा सहित तीनों व्यक्ति को छोड़ने के बाद पुलिस महकमे में हलचल मच गई हलचल इस बात की थी की कांग्रेस के जिस पूर्व पार्षद को पुलिस ने छोड़ा था उसी ने कोतवाली सीआई राजेंद्र मीणा सहित पुलिस जाब्ते के खिलाफ मारपीट का आरोप लगाते हुए एसपी किशोरी लाल मीणा को एक परिवाद सौंप दिया इस परिवार पर एसपी ने संज्ञान लेते हुए तुरंत प्रभाव से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय स्वर्णकार को इसकी जांच करने के निर्देश दिए हैं हालांकि इस पूरी घटना के बाद अभी तक पुलिस के खिलाफ परिवाद देने वाले फरियादी मुकेश मीणा मीडिया से बात करने के लिए तैयार नहीं हुए हैं तो वहीं दूसरी तरफ इस पूरे मामले की सत्यता जानने के लिए एसपी के बंगले पर पहुंचे पत्रकारों से पुलिस अधीक्षक ने मुलाकात नहीं की ऐसे में यह पूरा मामला पुलिस अधीक्षक की कार्यशैली के बाद राजनीतिक दबाव से ओतप्रोत दिखाई दे रहा है


Conclusion:यह पूरा मामला शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है ऐसे में मामले का खुलासा करना भी पुलिस के लिए मजबूरी बन गया रात्रि के 10:30 बजे पुलिस अधीक्षक द्वारा एक प्रेस नोट इस मामले को लेकर जारी किया गया जिसमें पुलिस ने सीआई और पुलिस जाब्ते के खिलाफ मामला दर्ज होने पर शीघ्र प्रभाव से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को जांच के निर्देश देने का उल्लेख किया है लेकिन इस प्रेस नोट में कहीं ना कहीं पुलिस अधीक्षक ने पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए कांग्रेस नेताओं के प्रति संवेदना व्यक्त करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है पुलिस अधीक्षक ने प्रेस नोट में जिन 3 लोगों को हिरासत में लिया गया था उसमें से केवल मुकेश मीणा के नाम का उल्लेख किया गया है हिरासत में लिया गया अन्य दो लोगों के नाम का प्रेस नोट में कहीं पर भी उल्लेख नहीं है साफ तौर पर एसपी द्वारा जारी किया गया प्रेस नोट कानून का उल्लंघन करने वालों के प्रति संवेदना व्यक्त करने वाला है
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.