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बारां में वरिष्ठ लिपिक ने उच्च अधिकारी पर लगाए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप

बारां में बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता पर उनके अधीनस्थ कर्मचारी ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. कर्मचारी का कहना है कि अधिकारी के भ्रष्टाचार का विरोध करने के चलते 14 दिन बाद ही उनका तबादला कर दिया गया है. अधीक्षण अभियंता ने खुद पर लगे आरोपों को निराधार बताया है.

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Published : Jun 19, 2019, 7:44 PM IST

बारां में वरिष्ठ लिपिक ने उच्च अधिकारी पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

बारां. जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अधीक्षण अभियंता नारायण सिंह पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने का सिलसिला थम नहीं रहा है. पहले किसान कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रमेश मीणा, हिंदू जागरण मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश खुराना के बाद अब अधीक्षण अभियंता के अधीनस्थ कर्मचारी प्रहलाद जग्रवाल ने ही भ्रष्टाचार के आरोप लगाए है. वरिष्ठ लिपिक ने अधीक्षण अभियंता के दफ्तर में उनके सामने आरोप लगाते हुए कहा कि वो अधिकारियों के कहने से गलत बिलों पर हस्ताक्षर नहीं करते थे. इसलिए महज 14 दिन में ही उनका तबादला कर दिया.

बारां में वरिष्ठ लिपिक ने उच्च अधिकारी पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप, अधीक्षण अभियंता ने बताया निराधार

अधीक्षण अभियंता पर आरोप लगाने वाले वरिष्ठ लिपिक को 14 दिन पहले तबादला होकर बारां कार्यालय में लगाया गया था. लेकिन 14 दिन बाद ही वापस तबादला कर दिया गया. विभागीय अधिकारी जिले में अन्य स्थानों पर पदों की कमी के चलते तबादला होना बता रहे हैं. लेकिन वरिष्ठ लिपिक ने कहा कि उनके आने के बाद से अधिकारी भ्रष्टाचार नहीं कर पा रहे हैं.

इसलिए उनका तबादला किया गया. अधीक्षण अभियंता द्वारा खाली बिलों पर साइन करने, बिना इंद्राज के पेट्रोल राशि मांगने का वह विरोध करते है. इसके पहले 1 महीने में लॉग शीट भरी जाती थी. नियमानुसार शीट का रोजाना भरना जरूरी है. वरिष्ठ लिपिक ने कहा कि वह ईमानदारी से काम कर रहे हैं, लेकिन अधीक्षण अभियंता को यह पसंद नहीं है.

वरिष्ठ लिपिक ने अधीक्षण अभियंता की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि पूरे कोटा संभाग में बाबू की जगह बाबू को नियुक्त किया जा रहा है. लेकिन बारां जिले में अधीक्षण अभियंता बाबू की जगह अपने पीए को नियुक्त कर रहे हैं. हालांकि अधीक्षण अभियंता ने उन पर लगे आरोपों को निराधार बताया है. साथ ही नकदी में एक हजार रुपए कम मिलने के सवाल पर मामला जानकारी में नहीं होने की बात कही.

इस दौरान वरिष्ठ लिपिक ने मीडिया के सामने लॉग शीट बताने की बात कही. तो अधीक्षण अभियंता ने इंकार कर दिया. वहीं मामले में बहसबाजी के बाद वरिष्ठ लिपिक अधीक्षण अभियंता के दफ्तर से बाहर निकले तो एक कर्मचारी लॉग शीट की बात से नाराज होकर झगड़े पर उतारू हो गया. हालांकि वहां मौजूद लोगों की वजह से झगड़ा टल गया.

बारां. जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अधीक्षण अभियंता नारायण सिंह पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने का सिलसिला थम नहीं रहा है. पहले किसान कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रमेश मीणा, हिंदू जागरण मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश खुराना के बाद अब अधीक्षण अभियंता के अधीनस्थ कर्मचारी प्रहलाद जग्रवाल ने ही भ्रष्टाचार के आरोप लगाए है. वरिष्ठ लिपिक ने अधीक्षण अभियंता के दफ्तर में उनके सामने आरोप लगाते हुए कहा कि वो अधिकारियों के कहने से गलत बिलों पर हस्ताक्षर नहीं करते थे. इसलिए महज 14 दिन में ही उनका तबादला कर दिया.

बारां में वरिष्ठ लिपिक ने उच्च अधिकारी पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप, अधीक्षण अभियंता ने बताया निराधार

अधीक्षण अभियंता पर आरोप लगाने वाले वरिष्ठ लिपिक को 14 दिन पहले तबादला होकर बारां कार्यालय में लगाया गया था. लेकिन 14 दिन बाद ही वापस तबादला कर दिया गया. विभागीय अधिकारी जिले में अन्य स्थानों पर पदों की कमी के चलते तबादला होना बता रहे हैं. लेकिन वरिष्ठ लिपिक ने कहा कि उनके आने के बाद से अधिकारी भ्रष्टाचार नहीं कर पा रहे हैं.

इसलिए उनका तबादला किया गया. अधीक्षण अभियंता द्वारा खाली बिलों पर साइन करने, बिना इंद्राज के पेट्रोल राशि मांगने का वह विरोध करते है. इसके पहले 1 महीने में लॉग शीट भरी जाती थी. नियमानुसार शीट का रोजाना भरना जरूरी है. वरिष्ठ लिपिक ने कहा कि वह ईमानदारी से काम कर रहे हैं, लेकिन अधीक्षण अभियंता को यह पसंद नहीं है.

वरिष्ठ लिपिक ने अधीक्षण अभियंता की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि पूरे कोटा संभाग में बाबू की जगह बाबू को नियुक्त किया जा रहा है. लेकिन बारां जिले में अधीक्षण अभियंता बाबू की जगह अपने पीए को नियुक्त कर रहे हैं. हालांकि अधीक्षण अभियंता ने उन पर लगे आरोपों को निराधार बताया है. साथ ही नकदी में एक हजार रुपए कम मिलने के सवाल पर मामला जानकारी में नहीं होने की बात कही.

इस दौरान वरिष्ठ लिपिक ने मीडिया के सामने लॉग शीट बताने की बात कही. तो अधीक्षण अभियंता ने इंकार कर दिया. वहीं मामले में बहसबाजी के बाद वरिष्ठ लिपिक अधीक्षण अभियंता के दफ्तर से बाहर निकले तो एक कर्मचारी लॉग शीट की बात से नाराज होकर झगड़े पर उतारू हो गया. हालांकि वहां मौजूद लोगों की वजह से झगड़ा टल गया.

Intro:बारां जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अधीक्षण अभियंता नारायण सिंह पर उन्ही के अधीनस्थ कर्मचारी प्रहलाद जग्रवाल ने भ्रस्टाचार के आरोप लगाए है | यह आरोप वरिष्ठ लिपिक ने अधीक्षण अभियंता पर उन्ही के सामने उन्ही के दफ्तर में खरे खरे लगाए है | दरअसल जग्रवाल महज 14 दिन में अपना तबातला करने से परेशान थे | जग्रवाल का आरोप है कि वो अधिकारियों के कहने से गलत बिलो पर हस्ताक्षर नही करते थे


Body:बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने का सिलसिला नहीं थम रहा है किसान कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रमेश मीणा हिंदू जागरण मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश खुराना के बाद अब अधीक्षण अभियंता के अधिनस्थ कर्मचारी नहीं अधीक्षण अभियंता पर खरे खरे आरोप लगाए हैं

दरअसल अधीक्षण अभियंता पर आरोप लगाने वाला कर्मचारी होली के अधिनस्थ वरिष्ठ लिपिक के पद पर तैनात है जो कि 14 दिन पूर्व ही तबादला होकर बारां कार्यालय में लगाया गया था लेकिन 14 दिन बाद ही तबादला होने के बाद वरिष्ठ लिपिक प्रहलाद जगरवाल ने इसका विरोध किया इस बात को लेकर अधीक्षण अभियंता के पास भी पहुंचा लेकिन वहां से भी उसे कोई संतुष्टि नहीं मिली विभागीय अधिकारी इस तबादले के पीछे जिले में अन्य स्थानों पर पदों की कमी के चलते तबादला करना बता रहे हैं लेकिन आरोप लगाने वाले कर्मचारी जगरवाल का तबादले के पीछे अधीक्षण अभियंता के मुंह पर खरा खरा आरोप है जगरवाल ने आरोप लगाया कि उनके यहां आने के बाद अधिकारियों की भ्रष्टाचार की दाल नहीं गल पा रही है जगरवाल ने कहा कि अधीक्षण अभियंता उनसे खाली बिलों पर साइन करवाने के लिए कहते हैं इसके अलावा बिना इंद्राज किए पेट्रोल के नाम पर राशि मांगी जाती है जिसका वह विरोध करते हैं जबकि इसके पूर्व एक 1 महीने में लोंग शीट भरी जाती थी नियमानुसार लोंग शीट का रोजाना भरना जरूरी है जगरवाल ने यह भी कहा कि जब उन्होंने यहां का चार्ज संभाला था उस दिन केश मैं 1000 रूप्ए कम थे वरिष्ठ लिपिक ने कहा कि वह उनका कार्य कार्य को इमानदारी से कर रहे हैं लेकिन अधीक्षण अभियंता को उनका ईमानदारी से कार्य करना पसंद नहीं है

वरिष्ठ लिपिक ने अधीक्षण अभियंता पर यह आरोप कहीं और नहीं बल्कि अधीक्षण अभियंता के मुंह पर लगाए हैं

वरिष्ठ लिपिक ने अधीक्षण अभियंता की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि पूरे कोटा संभाग में बाबू की जगह पर बाबू को ही नियुक्त किया जा रहा है लेकिन एक अकेला बारा जिला ऐसा है जहां पर अधीक्षण अभियंता बाबू की जगह पर अपने पीए को नियुक्त कर रहे हैं

हालांकि इस पूरे मामले में अभी तक अधीक्षण अभियंता नारायण सिंह ने उनके ऊपर लगे आरोपों से इंकार कर दिया है उन्होंने इन सारे आरोपों को निराधार बताया है इसके अलावा केस मैं 1000 रुपए कब मिलने के सवाल पर अधीक्षण अभियंता ने मामला जानकारी में होने से इनकार कर दिया


Conclusion:वरिष्ठ लिपिक के इन आरोपों में कुछ न कुछ सच्चाई तो जरूर है क्योंकि अधीक्षण अभियंता के सामने ही वरिष्ठ लिपिक ने मीडिया के सामने लॉन्ग शीट दिखाने की जब बात कही तो अधीक्षण अभियंता झटपटा गए और लोन शीट बताने से इंकार कर दिया अधीक्षण अभियंता लोंग शीट देने के मामले में सूचना का अधिकार के तहत आवेदन करने पर लोंग सीट देने की जरूर बात कही है

इस पूरे मामले में बहस बाजी के बाद जब आरोप लगाने वाला कर्मचारी अधीक्षण अभियंता के दफ्तर से बाहर निकला तो वहां मौजूद एक कर्मचारी ने लॉन्ग शीट की बात से नाराज होकर वरिष्ठ लिपिक के साथ झगड़ा करने पर उतारू हो गया हालांकि वहां मौजूद लोगों की वजह से झगड़ा टल गया

बाइट 01 प्रहलाद जग्रवाल वरिष्ठ लिपिक

बाइट 02 नारायण सिंह अधीक्षण अभियंता
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