बारां. जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अधीक्षण अभियंता नारायण सिंह पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने का सिलसिला थम नहीं रहा है. पहले किसान कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रमेश मीणा, हिंदू जागरण मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश खुराना के बाद अब अधीक्षण अभियंता के अधीनस्थ कर्मचारी प्रहलाद जग्रवाल ने ही भ्रष्टाचार के आरोप लगाए है. वरिष्ठ लिपिक ने अधीक्षण अभियंता के दफ्तर में उनके सामने आरोप लगाते हुए कहा कि वो अधिकारियों के कहने से गलत बिलों पर हस्ताक्षर नहीं करते थे. इसलिए महज 14 दिन में ही उनका तबादला कर दिया.
अधीक्षण अभियंता पर आरोप लगाने वाले वरिष्ठ लिपिक को 14 दिन पहले तबादला होकर बारां कार्यालय में लगाया गया था. लेकिन 14 दिन बाद ही वापस तबादला कर दिया गया. विभागीय अधिकारी जिले में अन्य स्थानों पर पदों की कमी के चलते तबादला होना बता रहे हैं. लेकिन वरिष्ठ लिपिक ने कहा कि उनके आने के बाद से अधिकारी भ्रष्टाचार नहीं कर पा रहे हैं.
इसलिए उनका तबादला किया गया. अधीक्षण अभियंता द्वारा खाली बिलों पर साइन करने, बिना इंद्राज के पेट्रोल राशि मांगने का वह विरोध करते है. इसके पहले 1 महीने में लॉग शीट भरी जाती थी. नियमानुसार शीट का रोजाना भरना जरूरी है. वरिष्ठ लिपिक ने कहा कि वह ईमानदारी से काम कर रहे हैं, लेकिन अधीक्षण अभियंता को यह पसंद नहीं है.
वरिष्ठ लिपिक ने अधीक्षण अभियंता की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि पूरे कोटा संभाग में बाबू की जगह बाबू को नियुक्त किया जा रहा है. लेकिन बारां जिले में अधीक्षण अभियंता बाबू की जगह अपने पीए को नियुक्त कर रहे हैं. हालांकि अधीक्षण अभियंता ने उन पर लगे आरोपों को निराधार बताया है. साथ ही नकदी में एक हजार रुपए कम मिलने के सवाल पर मामला जानकारी में नहीं होने की बात कही.
इस दौरान वरिष्ठ लिपिक ने मीडिया के सामने लॉग शीट बताने की बात कही. तो अधीक्षण अभियंता ने इंकार कर दिया. वहीं मामले में बहसबाजी के बाद वरिष्ठ लिपिक अधीक्षण अभियंता के दफ्तर से बाहर निकले तो एक कर्मचारी लॉग शीट की बात से नाराज होकर झगड़े पर उतारू हो गया. हालांकि वहां मौजूद लोगों की वजह से झगड़ा टल गया.