जयपुर. बारां के मोतीपुरा गांव में पिछले छह साल से 12 साल के बच्चे करण सिंह को जंजीरों से बांध कर रखा गया है. इस मामले में मानवाधिकार आयोग ने प्रसंज्ञान लिया है. जिसके बाद इस मामले की अधिकारियों से तथ्यात्मक रिपोर्ट लेने के लिए नोटिस भी जारी किए हैं.
मानसिक रोग से पीड़ित होने के कारण बालक का इलाज नहीं हो पाया और परिजन उसे जंजीरों से बांध कर रखते हैं. आयोग ने कहा कि यह बहुत ही हृदय विदारक है कि माता-पिता ने अपने ही 12 साल के बच्चे को 6 साल से जंजीरों में बांध (Baran child tied with chains) कर रखा है. ये देखने और सुनने में भी मन को विचलित कर देने वाला है. किसी भी मानसिक रोगी को इस प्रकार बांध कर रखना घोर अमानवीय कृत्य की श्रेणी में आता है. निश्चित ही यह घटना स्थानीय स्तर पर चिकित्सा विभाग और प्रशासन के संज्ञान होगी लेकिन चिकित्सा विभाग एवं प्रशासन की ओर से इस संबंध में कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई. चिकित्सा विभाग और प्रशासन इस संबंध में जवाब पेश करे.
भारतीय संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत प्रत्येक व्यक्ति को स्वतंत्र रूप से जीवन जीने का अधिकार है. चूंकि मौजूदा मामले में एक 12 साल के बालक को जंजीरों बांध कर रखे जाने का तथ्य समाचार पत्रों के माध्यम से आयोग के संज्ञान में आया है, जो कि निश्चय ही बालक के मानव अधिकारों का हनन है.
मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए आयोग इस पर स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया है. इस आदेश की प्रतिलिपि बारां के जिला कलेक्टर, जिला पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को भेजी गई है. प्रकरण के संबंध में जांच कर आगामी तारीख पेशी से पहले रिपोर्ट मांगी है. इसके लिए नोटिस भी जारी किया है.