बारां. शाहबाद क्षेत्र के जंगलों में नेशनल हाईवे-27 घाटी क्षेत्र में पैंथर के साथ दो नन्हें शावक दिखाई दिए हैं. शाहबाद क्षेत्रवासियों को जंगलों से खुशखबरी मिली है. पैंथर का नाम सुनकर या उसके सामने पड़ते ही लोगों की घिग्गी बंध जाती है, लेकिन बारां के शाहाबाद जंगल में एक डॉक्टर ने जो कुछ अपनी आंखों से देखा, उसे देखकर सहसा उन्हें अपनी आंखों पर यकीन करना मुश्किल था.
इस दृश्य को सीएचसी में पदस्थ डॉ. हरिकृष्ण यादव और कंपाउडर सुरेश ने कल्पना तक नहीं की थी. जो कुछ उन्होंने अपनी आंखों से देखा वह खबर आग की तरह फैल गई. वन विभाग में खुशी की लहर दौड़ गई. विभाग के लिए ये खबर हैरान कर देने वाली के साथ ही किसी उपलब्धि से कम नहीं थी.
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जानकारी के अनुसार, शाहाबाद सीएचसी में पदस्थ डॉ. हरिकृष्ण यादव, कंपाउडर सुरेश रात को घाटी क्षेत्र से गुजर रहे थे, तभी मादा पैंथर और उसके दो शावक वहां से सड़क पार कर रहे थे. कुछ ही देर में घाटी की बाउंड्रीवाल कूदकर वे अंधेरे में ओझल हो गए. दरअसल, मादा पैंथर ने दो शावकों को जन्म दिया है. शावक करीब तीन महीने के हो चुके हैं. कस्बे के घाटी क्षेत्र में रात को मादा पैंथर दो शावकों के साथ नजर आई है.
कुनबा बढ़ा रहा पैंथर
वहीं, वन विभाग ने आमलोगों से घाटी क्षेत्र से गुजरते समय सतर्कता बरतने की अपील की है. क्षेत्र में लंबे समय से पैंथर के मूवमेंट की सूचना मिल रही थी. दिन ढलने के बाद यहां पर पैंथर नजर आ जाताे हैं. वनरक्षक मिथुन को इसकी जानकारी दी गई. मादा पैंथर के मूवमेंट को लेकर वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर जायजा लिया. वन विभाग अधिकारियों का कहना है कि तीन महीने पहले मादा पैंथर ने शावकों को जन्म दिया है. जंगल में आवास के उचित स्थान और शिकार की उपलब्धता से पैंथर कुनबा बढ़ा रहा है.