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डोल मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने नाम पर अश्लीलता, विधायक सिंघवी ने जताया विरोध - बारां में डोल मेला

हाड़ौती के डोल मेले में अश्लीलता परोसी जा रही है, जिससे लोगों में खासा रोष है. भाजपा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने विरोध जताते हुए ऐसे आयोजनों पर सरकार से रोक लगाने की मांग की है. बता दें कि बारां में डोल मेले का आयोजन 9 सितंबर से हो रहा है.

बारां में डोल मेला, Obscenity in Dole Fair
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Published : Sep 27, 2019, 1:05 PM IST

बारां. जिले में नगर परिषद 9 सितंबर से डोल मेले का आयोजन करवा रहा है. डोल मेले में सारे नियम-कायदे ताक पर रखकर मनोरंजन के नाम पर अश्लीलता परोसी जा रही है. हाड़ौती के इस धार्मिक मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम में ऐसी अश्लीलता रशियन डांस के नाम पर की जा रही है, जिससे लोगों में खासा रोष है. भाजपा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने विरोध जताते हुए ऐसे आयोजनों पर सरकार से रोक लगाने की मांग की है.

डोल मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के नाम पर परोसी जा रही अश्लीलता

भाजपा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी का कहना है कि बारां का डोल मेला ऐतिहासिक और धार्मिक है. लेकिन इस बार आयोजित मेले में इस तरह के डांस के जरिए लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई जा रही है. इसलिए ऐसे कार्यक्रम को प्रशासन द्वारा बंद कर दिया जाना चाहिए.

पढ़ें: उत्तर पश्चिम रेलवे ने मोबाइल से अनारक्षित टिकट प्राप्त करने के लिए जारी किया QR कोड

गौरतलब है कि इस धार्मिक आस्था के मेले का शुभारंभ संतों द्वारा करवाया गया था. मेले की अध्यक्ष भी एक महिला पार्षद ही है. उसके बावजूद नगर परिषद लाखों रुपए खर्च करके इस तरह का कार्यक्रम करवाया रहा है, जो कि शहर में बड़ी चर्चा का विषय बना हुआ है. बताया ये भी जा रहा है कि ऐसा भीड़ जुटाने के लिए किया जा रहा है.

जिला मुख्यालय पर प्रशासन और पुलिस की नाक के नीचे इस तरह के कार्यक्रम आयोजन करवाना कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखाने वाली बात साबित हो रही है. दो दिन पहले ही बारां में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य डॉक्टर राजुल एल. देसाई ने जिला कलेक्ट्रेट सभागार में महिलाओं और बच्चियों के प्रति अपराध रोकने और सुरक्षा के लिए बैठक की थी. इस दौरान प्रशासन से महिलाओं के हितों के संरक्षण की बात कही गई थी. लेकिन, रात से ही इस धार्मिकआस्था के मेले में अश्लीलता परोसी जाने लगी.

बारां. जिले में नगर परिषद 9 सितंबर से डोल मेले का आयोजन करवा रहा है. डोल मेले में सारे नियम-कायदे ताक पर रखकर मनोरंजन के नाम पर अश्लीलता परोसी जा रही है. हाड़ौती के इस धार्मिक मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम में ऐसी अश्लीलता रशियन डांस के नाम पर की जा रही है, जिससे लोगों में खासा रोष है. भाजपा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने विरोध जताते हुए ऐसे आयोजनों पर सरकार से रोक लगाने की मांग की है.

डोल मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के नाम पर परोसी जा रही अश्लीलता

भाजपा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी का कहना है कि बारां का डोल मेला ऐतिहासिक और धार्मिक है. लेकिन इस बार आयोजित मेले में इस तरह के डांस के जरिए लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई जा रही है. इसलिए ऐसे कार्यक्रम को प्रशासन द्वारा बंद कर दिया जाना चाहिए.

पढ़ें: उत्तर पश्चिम रेलवे ने मोबाइल से अनारक्षित टिकट प्राप्त करने के लिए जारी किया QR कोड

गौरतलब है कि इस धार्मिक आस्था के मेले का शुभारंभ संतों द्वारा करवाया गया था. मेले की अध्यक्ष भी एक महिला पार्षद ही है. उसके बावजूद नगर परिषद लाखों रुपए खर्च करके इस तरह का कार्यक्रम करवाया रहा है, जो कि शहर में बड़ी चर्चा का विषय बना हुआ है. बताया ये भी जा रहा है कि ऐसा भीड़ जुटाने के लिए किया जा रहा है.

जिला मुख्यालय पर प्रशासन और पुलिस की नाक के नीचे इस तरह के कार्यक्रम आयोजन करवाना कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखाने वाली बात साबित हो रही है. दो दिन पहले ही बारां में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य डॉक्टर राजुल एल. देसाई ने जिला कलेक्ट्रेट सभागार में महिलाओं और बच्चियों के प्रति अपराध रोकने और सुरक्षा के लिए बैठक की थी. इस दौरान प्रशासन से महिलाओं के हितों के संरक्षण की बात कही गई थी. लेकिन, रात से ही इस धार्मिकआस्था के मेले में अश्लीलता परोसी जाने लगी.

Intro:बारां : धार्मिक आस्था के डोलमेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमो के नाम पर अश्लीलता से भरे कार्यक्रम परोसे जा रहे है ।ऐसे में आमजन की भावनाओ के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है ।
भाजपा विधायक प्रताप सिंह सिघंवी ने विरोध जताते हुए ऐसे आयोजनों पर सरकार से रोक लगाने की मांग की गई ।Body:

बारां : बारां में हाडौती के इस धार्मिक मेलें में सांस्कृतिक कार्यक्रम के नाम पर रशियन डांस बताकर लोगो की भावनाओ से खिलवाड़ किया जा रहा है ।वही
जिला प्रशासन भी राजनीति दबाव के चलते ऐसे कार्यक्रमो पर रोक नही लगा पा रहा है ।ऐसे भोंडे कार्यक्रमो पर लाखों रुपए पानी की तरह बहाए जा रहे है ।
बारां नगर परिषद की ओर से आयोजित किए जा रहे डोल मेले में सारे नियम कायदे ताक पर रखकर मनोरंजन के नाम पर अश्लीलता परोसी जा रही है। जिससे देखने वाले ही नहीं आमजन में भी खासा रोष व्याप्त है। नगर परिषद की ओर से 9 सितंबर से मेले का आयोजन किया जा रहा है।
तब मेले का उद्घाटन साधू संतो द्वारा कराया गया था ।
तब से इस प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम के नाम पर फूहड़ता व अश्लीलता परोसी जा रही है। और यह सब परिषद की ओर से भीड़ जुटाने के नाम पर किया जा रहा है। लेकिन इस तरह के कार्यक्रम करना कहां तक उचित है यह एक सोचनीय पहलू है ।मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम के नाम पर रशियन डांस करवाकर अश्लीलता परोसी जा रही है। दर्शक रंगमंच मैदान से उठकर जाने लग जाते है ।

जिला मुख्यालय पर प्रशासन व पुलिस की नाक के नीचे इस तरह के कार्यक्रम आयोजन करवाना कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखाने वाली बात साबित हो रही है ।
दो दिन पहले ही बारां में राष्ट्रीय महिला आयोग दिल्ली की सदस्य डॉक्टर राजुल एल देसाई द्वारा जिला कलेक्ट्रेट सभागार में महिलाओं व बच्चियों के प्रति अपराध रोकने व सुरक्षा के लिए बैठक ली गई है। तथा प्रशासन को महिलाओं के हितो के संरक्षण की बात कही थी। लेकिन रात को ही जिस तरह से महिलाओं का चित्र रुपण धार्मिक आस्था के मेले के रंगमंच से किया गया।
ज्ञात रहे इस धार्मिक आस्था के मेले का शुभारंभ संतों महंतों द्वारा करवाया गया था। मेले की अध्यक्ष भी एक महिला पार्षद ही है। उसके बावजूद नगर परिषद द्वारा लाखों रुपए खर्च करके इस तरह के कार्यक्रम करवाया जाना कहां तक उचित है। यह शहर में बड़ा चर्चा का विषय बना हुआ है।

भाजपा विधायक प्रताप सिंह सिघंवी का कहना है की बारां का डोल मेला ऐतिहासिक और धार्मिक है लेकिन इस बार आयोजित मेले में नग्न डांस ओर रशियन डांस करके लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई जा रही है और अश्लीलता फैलाई जा रही है ।ऐसे कार्यक्रम को प्रशासन द्वारा बंद किया जाना चाहिये
भाजपा विधायक प्रताप सिंह सिघंवी ने जताया विरोध, ऐसे आयोजनों पर सरकार से रोक लगाने की मांग की गई ।

बारां मे हाडौती के धार्मिक मेलें में सांस्कृतिक कार्यक्रम के नाम पर रशियन डांस बताकर लोगो की भावनाओ से खिलवाड़ किया जा रहा है ।वही
जिला प्रशासन भी राजनीति दबाव के चलते ऐसे कार्यक्रमो पर रोक नही लगा पा रहा है ।ऐसे भोंडे कार्यक्रमो पर लाखों रुपए पानी की तरह बहाए जा रहे है ।
बारां नगर परिषद की ओर से आयोजित किए जा रहे डोल मेले में सारे नियम कायदे ताक पर रखकर मनोरंजन के नाम पर अश्लीलता परोसी जा रही है। जिससे देखने वाले ही नहीं आमजन में भी खासा रोष व्याप्त है। नगर परिषद की ओर से 9 सितंबर से मेले का आयोजन किया जा रहा है।
तब मेले का उद्घाटन साधू संतो द्वारा कराया गया था ।
तब से इस प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम के नाम पर फूहड़ता व अश्लीलता परोसी जा रही है। और यह सब परिषद की ओर से भीड़ जुटाने के का नाम पर किया जा रहा है। लेकिन इस तरह के कार्यक्रम करना कहां तक उचित है। मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम के नाम पर रशियन डांस करवाकर अश्लीलता परोसी जा रही है। दर्शक रंगमंच मैदान से उठकर जाने लग जाते है ।

जिला मुख्यालय पर प्रशासन व पुलिस की नाक के नीचे इस तरह के कार्यक्रम आयोजन करवाना कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखाने वाली बात साबित हो रही है ।
दो दिन पहले ही बारां में राष्ट्रीय महिला आयोग दिल्ली की सदस्य डॉक्टर राजुल एल देसाई द्वारा जिला कलेक्ट्रेट सभागार में महिलाओं व बच्चियों के प्रति अपराध रोकने व सुरक्षा के लिए बैठक ली गई है। तथा प्रशासन को महिलाओं के हितो के संरक्षण की बात कही थी। लेकिन रात को ही जिस तरह से महिलाओं का चित्र रुपण धार्मिक आस्था के मेले के रंगमंच से किया गया।
ज्ञात रहे इस धार्मिक आस्था के मेले का शुभारंभ संतों महंतों द्वारा करवाया गया था। मेले की अध्यक्ष भी एक महिला पार्षद ही है। उसके बावजूद नगर परिषद द्वारा लाखों रुपए खर्च करके इस तरह के कार्यक्रम करवाया जाना कहां तक उचित है। यह शहर में बड़ा चर्चा का विषय बना हुआ है।
Conclusion:
भाजपा विधायक प्रताप सिंह सिघंवी का कहना है की बारां का डोल मेला ऐतिहासिक और धार्मिक है लेकिन इस बार आयोजित मेले में नग्न डांस ओर रशियन डांस करके लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई जा रही है और अश्लीलता फैलाई जा रही है ।ऐसे कार्यक्रम को प्रशासन द्वारा बंद किया जाना चाहिये

बाइट - विधायक प्रताप सिंह सिंघवी
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