अंता (बारां). रोजी-रोटी के लिए अपने गांव, कस्बे और शहर को छोड़ दूसरे राज्य खाने कमाने गए मजदूर अब लॉकडाउन की वजह से परेशान हैं. मजदूर अब धन्धा पानी बन्द होने के कारण वापिस अपने घरों को लौट रहे हैं. इसी बीच यूपी जा रहे मजदूरों को यूपी सरकार की परमिशन नही होने का हवाला देकर जिले की सीमा से आगे नहीं जाने दिया जा रहा है, जबकि एमपी के मजदूरों को बसों से उनके घर तक छोडा जा रहा है. ऐसे में जिले की सीमा पर यूपी जाने वाले मजदूरों का जमावड़ा लगा हुआ है.
रोजाना सैकड़ों लाचार और बेबस मजदूर यहां पहुंच रहे हैं. हर गुजरते दिन के साथ मजदूर, किसान और श्रमिकों के काफिले सड़कों पर बढ़ते ही जा रहे हैं. इन काफिलों में भूखे प्यासे छोटे-छोटे बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सभी शामिल हैं. काम बंद होने की वजह से अब ये राजस्थान के जोधपुर, जैसलमेर, पाली और गुजरात से मध्यप्रदेश के लिए अपने-अपने शहर जाने के लिए निकल पड़े हैं.
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इन लोगों का कहना है कि, सरकार को हम चुनते हैं, लेकिन जब हम पर कोई संकट आता है तो, कोई ध्यान नहीं देता. ऐसी सरकार बनाने का क्या मतलब. पिछले कई दिनों से पैदल चलकर सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय कर चुके मजदूर सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि, उन्हें भी उनके घर तक पंहुचाया जाए. इन लोगों की हालत देखकर यकीनन ये सवाल मन में उठता है कि, आखिर जब सरकारें विदेश से अपने लोगों की वतन वापसी करा सकती हैं, छात्रों को उनके घर पहुंचाया जा रहा है तो, फिर इन मजदूर गरीब लोगों के साथ ये भेद-भाव नहीं तो और क्या है.