बारां. ऑनलाइन लोन दिलाने के नाम पर एक किसान से 20 लाख 65 हजार रुपए की साइबर ठगी गई है. ठगी के इस मामले में यूपी निवासी 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस अधीक्षक राजकुमार चौधरी ने बताया कि जून 2022 में फतेहपुर निवासी देवीशंकर नागर पुत्र पन्नालाल ने साइबर पुलिस थाना पर रिपोर्ट दी थी. इस रिपोर्ट में बताया गया कि पीड़ित को एक लड़की ने तुलनात्मक रूप से कम ब्याज पर लोन दिलाने का ऑफर किया. उसने फाइल चार्ज के नाम पर कुछ पैसे लेकर बताया कि उसका 10 लाख 70 हजार रुपए का लोन पास हो गया है. उसने लोन क्लियरेंस के नाम पर 12 लाख 50 हजार रुपए की राशि डलवाई.
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इसके बाद ईसीएस व अन्य चार्ज के नाम पर अलग-अलग यूपीआई नम्बरों पर 2.50 लाख रुपए की राशि ली. इसके बाद अन्य बैंक अधिकारी ने फाइल कैंसिल कराने व धनराशि वापस लौटाने के नाम पर अलग-अलग चार्ज बताकर व झांसा देकर लगभग 12.50 लाख रुपए किस्तों में ऑनलाइन डलवा लिए. पीड़ित को जब ठगी के बारे में पता लगा, तब तक 20 लाख 65 हजार 226 रुपए की ठगी हो चुकी थी.
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पीड़ित का आरोप है कि कई लोगों ने कम ब्याज दर पर पर्सनल लोन पास कराने एवं विभिन्न प्रकार के चार्ज के नाम पर जमा की गई राशि को वापस लौटाने के नाम पर मिलीभगत कर कुल 20 लाख 65 हजार रुपए की ठगी कर ली. रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर लिया गया है. बैंक रिकॉर्ड तथा तकनीकी अनुसंधान से पता चला कि पीड़ित के साथ फर्जी बैंक अधिकारी बनकर पुनित कुमार, विकास कुमार निवासी गाजियाबाद उत्तरप्रदेश, देवांश सक्सेना, सोनी खातून व अन्य ने लोन दिलाने के नाम पर 20 लाख 46 हजार की ठगी कर ली गई.
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आरोपियों के ठिकानों की तलाश की गई एंव आरोपी विकास कुमार व पुनित कुमार पुत्र जयपाल सिंह को गोविन्दपुरम् गाजियाबाद के एक फ्लैट से डिटेन किया गया. दोनों आरोपियों ने बताया कि वे दोनों, देवांश सक्सेना एवं सोनी खातून नोयडा में अपना लोन दिलाने का ऑफिस चलाते थे. लेकिन कस्टमर्स को लोन दिलाने पर कोई ज्यादा कमीशन बैंक से नहीं मिल रहा था. इसलिए सभी ने मिलकर कस्टमर्स के साथ ठगी करना प्रारम्भ कर दिया.