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बारां: अंता के फसल खरीद केंद्र पर 4 दिनों से बारदाने की कमी, किसानों की गेहूं की नहीं हो रही तुलाई - अंता में समर्थन मूल्य खरीद केंद्र

बारां के अंता कृषि उपज मंडी के समर्थन मूल्य खरीद केंद्र पर 4 दिनों से बारदाना नहीं होने के कारण किसानों की जीन्स की खरीद फरोख्त नहीं हो रही है, जिससे किसान काफी परेशान है. किसानों का कहना है कि यहां प्रति दिन 10 हजार क्विंटल गेहूं की तुलाई की जानी चाहिए, जबकि यहां मात्र एक हजार क्विंटल गेहूं ही खरीद-फरोख्त हो रही है.

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समर्थन मूल्य खरीद केंद्र पर 4 दिनों से बारदाने की कमी के चलते किसानों की गेहूं की तुलाई नहीं हो रही
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Published : May 3, 2020, 1:52 PM IST

अंता (बारां). समर्थन मूल्य केंद्र पर मात्र एक हजार किवंटल गेहूं की खरीद होने के बावजूद भी यहां अक्सर बारदाने की कमी हो रही है, जिससे किसान अपनी उपज की तुलाई को लेकर पिछले 4 दिनों से मंडी में पड़े हुए हैं. किसानों का कहना है यह क्षेत्र गेहूं उत्पादन में राजस्थान का मिनी पंजाब है. यहां प्रति दिन 10 हजार क्विंटल गेहूं की तुलाई की जानी चाहिए, जबकि यहां मात्र एक हजार क्विंटल गेहूं ही खरीद-फरोख्त हो रही है.

समर्थन मूल्य खरीद केंद्र पर 4 दिनों से बारदाने की कमी के चलते किसानों की गेहूं की तुलाई नहीं हो रही

इसके बावजूद भी किसानों के माल की समय पर तुलाई नहीं हो रही है. किसान माल की तुलाई को लेकर पिछले 4 दिनों से मंडी में पड़े हुए हैं. ठेकेदार नन्दलाल नागर का कहना है कि बारदाने की कमी के कारण 4 दिनों से किसानों के माल की तुलाई नहीं हो पा रही है. तुलाई को लेकर किसान लड़ाई झगड़े पर उतारू रहते हैं. वहीं तिलम उत्पादक सहकारी समिति के व्यवस्थापक धन्ना लाल मीणा का कहना है कि वेयरहाउस द्वारा समय पर माल का उठाव नहीं होने के कारण किसानों के माल की खरीद प्रभावित हो रही है.

यह भी पढ़ें- राजस्थान में लॉकडाउन 3.0 के लिए गाइडलाइन जारी, विस्तार से पढ़ें- कहां सख्ती और कहां राहत

यहां मंडी में 18 हजार खरीदे गए कट्टों के ढेर जमा हैं. जिसके कारण किसानों की जीन्स की खरीद प्रभावित हो रही है. वहीं किसानों का कहना है कि टोकन के अनुसार किसानों की जीन्स की खरीद नहीं हो रही है. दूसरी ओर किसानों को 22 मई तक मुनाफे की राशि देनी होती है. ऐसे में समय पर रुपए नहीं मिलने को लेकर भी किसान बेहद परेशान नजर आ रहे हैं.

अंता (बारां). समर्थन मूल्य केंद्र पर मात्र एक हजार किवंटल गेहूं की खरीद होने के बावजूद भी यहां अक्सर बारदाने की कमी हो रही है, जिससे किसान अपनी उपज की तुलाई को लेकर पिछले 4 दिनों से मंडी में पड़े हुए हैं. किसानों का कहना है यह क्षेत्र गेहूं उत्पादन में राजस्थान का मिनी पंजाब है. यहां प्रति दिन 10 हजार क्विंटल गेहूं की तुलाई की जानी चाहिए, जबकि यहां मात्र एक हजार क्विंटल गेहूं ही खरीद-फरोख्त हो रही है.

समर्थन मूल्य खरीद केंद्र पर 4 दिनों से बारदाने की कमी के चलते किसानों की गेहूं की तुलाई नहीं हो रही

इसके बावजूद भी किसानों के माल की समय पर तुलाई नहीं हो रही है. किसान माल की तुलाई को लेकर पिछले 4 दिनों से मंडी में पड़े हुए हैं. ठेकेदार नन्दलाल नागर का कहना है कि बारदाने की कमी के कारण 4 दिनों से किसानों के माल की तुलाई नहीं हो पा रही है. तुलाई को लेकर किसान लड़ाई झगड़े पर उतारू रहते हैं. वहीं तिलम उत्पादक सहकारी समिति के व्यवस्थापक धन्ना लाल मीणा का कहना है कि वेयरहाउस द्वारा समय पर माल का उठाव नहीं होने के कारण किसानों के माल की खरीद प्रभावित हो रही है.

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यहां मंडी में 18 हजार खरीदे गए कट्टों के ढेर जमा हैं. जिसके कारण किसानों की जीन्स की खरीद प्रभावित हो रही है. वहीं किसानों का कहना है कि टोकन के अनुसार किसानों की जीन्स की खरीद नहीं हो रही है. दूसरी ओर किसानों को 22 मई तक मुनाफे की राशि देनी होती है. ऐसे में समय पर रुपए नहीं मिलने को लेकर भी किसान बेहद परेशान नजर आ रहे हैं.

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