अंता (बारां).सोरसन क्षेत्र में गोडावण पक्षी को बचाने को लेकर 1989 से इस क्षेत्र को अभ्यारण्य के नाम से जाना जा रहा.लेकिन सरकार ने इस क्षेत्र को वन्यजीव अभ्यारण्य घोषित नही किया है.
यहां विचरण कर रहे हिरणों के लिए पानी और भाेजन की माकूल व्यवस्था नहीं है.भूख से व्याकुल हिरण किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. किसान अपनी फसल को बचाने के लिए खेतों की पहरेदारी करने को विवश है.
मंत्री से लेकर अधिकारी तक क्षेत्र को सोरसन अभ्यारण्य क्षेत्र के नाम से बुलाते हैं. लेकिन सरकारी दस्तावेजों में वन्यजीव अभ्यारण्य घोषित नही किया.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिनेश यादव ने केंद्र तथा राज्य सरकार से सोरसन क्षेत्र को वन्यजीव अभ्यारण्य घोषित करने की मांंग की है. ताकि, हिरणों के लिए भोजन और पानी की समुचित व्यवस्था हो सके.
हिरण इस क्षेत्र को छोड़कर बाहर न जा पाए.जिससे किसानों की फसल को बचाया जा सके.वन विभाग के रेंजर देवराज सुमन का कहना है कि सोरसन क्षेत्र को वन्यजीव अभ्यारण्य घोषित नही किया गया है. जिसके कारण यहां विकास कार्य नही हो पा रहे हैं.