शाहबाद (बारां). कोरोना वायरस के कारण सरकार लॉकडाउन कर लोगों को कोरोना वायरस महामारी से बचाने का प्रयास कर रही है. ऐसे में लॉकडाउन के चलते लाइसेंसधारी सरकारी शराब दुकानों को बंद कर दिया गया है, लेकिन आदिवासी अंचल क्षेत्र के जंगल क्षेत्र में जुड़े गांवों में महुआ की कच्ची शराब बनाकर बेचने का धंधा शुरू हो गया है. ऐसे में अब पुलिस के लिए दोहरी समस्या हो गई है.
राजस्थान सरकार ने लॉकडाउन की पालना कराने के लिए सभी जगहों में आबकारी विभाग के माध्यम से संचालित शराब दुकानों को बंद कर दिया है. गौर करने वाली बात यह है कि दुकानें बंद होने से शराब मिलनी बंद नहीं हुई है. वहीं अचानक महुआ शराब की मांग बढ़ने से शहर से लेकर गांव तक महुआ की शराब अवैध रूप से बिकने लगी है. इधर, सामान्य दिनों की अपेक्षा महुआ शराब की कीमत भी दोगुनी से तीगुनी हो गई है. ऐसे में सुबह से लेकर शाम और रात तक कोरोना से जंग लड़ने के लिए तैनात पुलिस कर्मियों के लिए नई समस्या खड़ी हो गई है.
सूचना मिली कि जंगलों में अवैध हथकढ़ शराब का कारोबार चल रहा है. ऐसे में मौके पर ईटीवी भारत के रिपोर्टर ने पहुंचकर देखा तो जंगलों के बीच में एक शराब की भट्टी कुछ लोग संचालित कर रहे थे. वहीं रिपोर्टर को देखते ही आरोपी वहां से भाग निकले.
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लॉकडाउन में शराब शौकीनों को भाने लगी कच्ची हथकढ़ शराब
ग्रामीण इलाकों में कच्ची हथकढ़ शराब का कारोबार बड़े पैमाने पर संचालित हो रहा है. लॉकडाउन के चलते सरकारी शराब की दुकान बंद पड़ी हुई है. ऐसे में शराब के शौकीनों को शराब नहीं मिल रही है. अब शराब के शौकीन लोग कच्ची हथकढ़ शराब की ओर अपना रुख करने लगे हैं. कच्ची शराब का बोलबाला ग्रामीण क्षेत्रों में अपने पैर पसारता जा रहा है. पुलिस प्रशासन को भी लॉकडाउन के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में कच्ची शराब का कारोबार करने वाले दबंग प्रभावशाली लोग पुलिस प्रशासन के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं.
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कच्ची हथकढ़ शराब के कारोबार में लिप्त हैं दबंग प्रभावशाली लोग
आदिवासी इलाकों में दबंग प्रभावशाली लोग गरीब वर्ग के लोगों को चंद पैसों का लालच देकर कच्ची हथकढ़ शराब का कारोबार करवाने में लगे हुए हैं. ऐसे दबंग प्रभावशाली लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने के कारण इनके हौसले बुलंद हो रहे हैं.