छबड़ा (बारां). कोरोना के बढ़ते खौफ को देखते हुए राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बारां ने अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश को उप कारागृह छबड़ा के निरीक्षण के निर्देश दिये थे. जिसके बाद गुरुवार को अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश श्वेता गुप्ता निरीक्षण के लिए उप कारागृह छबड़ा पहुंची. निरीक्षण के समय कार्यवाहक उप कारापाल श्री पृथ्वीराज सिंह हाडा भी उनके साथ मौजूद रहे.
श्वेता गुप्ता ने बंदियों को बताया कि, चीन से फैले कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया के साथ-साथ भारत में फैलने लगा है, इसलिए आप इस संक्रमण को होने से रोक सकते हैं. आपको अल्कोहल वाले सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करना हैं या साबुन और पानी से अपने हाथ साफ़ करने हैं. छींकते और खांसते समय अपनी नाक और मुंह को रूमाल या टिशू से ढंकें ताकि संक्रमण न फैले. अगर आपको खांसी और बुखार महसूस हो तो किसी के साथ संपर्क में न आएं और तुरंत जेलर को बताए, ताकि उपचार किया जा सके.
पढ़ें. जालोरः झोपड़ी में आग लगने से 2 मासूम जिंदा जले
एडीजे गुप्ता ने जेलर को निर्देश दिया है कि, यदि किसी बंदी के खांसी, जुकाम या बुखार के लक्षण पाए जाते हैं, तो उसे तुरंत सीएचसी छबडा में उपचार के भिजवायें और उनका आवश्यक उपचार कराया जाए. कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए उप कारागृह छबड़ा पर विशेष शिविर लगाया गया. जिसमें डॉ लक्ष्मीकांत मित्तल ने जेल में निरुद्ध कैदियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए जांच की. जिसमें कोरोना वायरस के लक्षण वाला कोई भी बंदी में नहीं पाए गया. वहीं 9 बंदी ऐसे पाए गए, जिनको सामान्य सर्दी-जुकाम हैं, जिनको आवश्यक उपचार दिया गया.
उन्होने जेलर को निर्देश दिए हैं कि, बंदियों की समय-समय पर जांच की जाए और आवश्यक दवाई उपलब्ध कराई जाएं. जेल में जिन कैदियों के पास पैरवी करने के लिए अधिवक्ता उपलब्ध नहीं है, उन्हें विधिक सहायता के बारे में जानकारी दी, और जेलर को निर्देश दिए कि, अगर किसी बंदी का कोई अधिवक्ता नहीं हो, तो उसका फॉर्म भरवाकर तालुका विधिक सेवा समिति छबड़ा में भेजे. ताकि उसको विधिक सहायता के तहत निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध करवाया जा सके.
पढ़ें. भीलवाड़ा के चिकित्सा महकमे में मचा हड़कंप, कोरोना वायरस के मिले 6 संदिग्ध
वहीं जेल के बैरकों में साफ सफाई के लिए भी निर्देश दिए. जब उन्होने जेल में निरुद्ध महिला बंदियों के बारे में पूछा तो बताया गया कि, जेल में कोई महिला बंदी नहीं है और न ही कोई अव्यस्क बंदी है. सब-जेल छबड़ा में निरीक्षण के समय कुल 105 बंदी पाए गए.
उप कारापाल ने कैदियों को बताया कि, बेरिक नंबर दो, जो महिला बेरीक हैं. उसमें महिला बंदी नहीं होने के कारण आइसोलेशन वार्ड बना दिया गया है. जो नई आमद के बंदी जेल प्रवेश करते हैं, उनको आइसोलेशन वार्ड में रखा जाता है. शुरु में प्राथमिक उपचार और कोरोना वायरस से संक्रमण लक्षण की जांच की जाती है. जिसके बाद आइसोलेशन वार्ड में सुरक्षा के कारणों से रखा जाता है.