बांसवाड़ा. नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर मचे बवाल के बीच विश्व हिंदू परिषद सरकार के बचाव में ढाल बन कर खड़ी होती दिख रही है. विश्व हिंदू परिषद ने गुरुवार को बांसवाड़ा में गांधी मूर्ति तिराहे पर युवा सम्मेलन आयोजित कर इस अधिनियम को देश के हित में बताया. वहीं, सम्मेलन के मुख्य वक्ता परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे रहें. साथ ही इसकी अध्यक्षता दीपक राठौड़ ने की.
मुख्य वक्ता परांडे ने अधिनियम के प्रावधानों को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह अधिनियम केवल पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक रूप से उत्पीड़ित अल्पसंख्यक लोगों को नागरिकता देने वाला अधिनियम है. उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक दल अपने फायदे के लिए अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को भड़का रहे हैं, जबकि इस कानून से यहां रहने वाले लोगों को कोई खतरा नहीं है. लेकिन समुदाय के लोग, ओवैसी जैसे लोगों को अपना नेता मानकर इसका विरोध कर रहे हैं. परांडे ने कहा कि अल्पसंख्यक समाज के लोगों को अधिनियम की सच्चाई जाननी चाहिए और देश विरोधी लोगों से बचकर इस पर फैसला करना चाहिए.
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उन्होंने वामपंथी विचारधारा के लोगों द्वारा आदिवासी समुदाय के लोगों को हिंदू धर्म से अलग बताने को विघटनकारी बताते हुए कहा कि महाराणा प्रताप से लेकर देश की आजादी के आंदोलन में आदिवासी और दलित समाज ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. ऐसे में इन वर्गों को हिंदुओं से अलग करना मात्र वोट की राजनीति है, जिससे सावधान रहने की जरूरत है.
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विशेष अतिथि रामस्वरूप महाराज और रामद्वारा के महंत रामप्रकाश ने भी अधिनियम को लेकर अपनी बात रखी. अंत में दीपक राठौड़ ने आभार जताया. सम्मेलन में वाल्मीकि समाज के जिलाध्यक्ष मांगीलाल वाल्मीकि और विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष महेश उपाध्याय, भाजपा जिला अध्यक्ष गोविंद सिंह राव, पूर्व मंत्री भवानी जोशी, छोटी श्रवण प्रधान राजेश कटारा सहित बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं के अलावा विभिन्न समाजों के लोग मौजूद रहें.