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Special: सरकारी भवन की दीवारें और चौराहे देंगे कोरोना से बचाव के संदेश, मेवाड़ शैली में की जाएगी चित्रकारी - banswara news

कोरोना जागरूकता को लेकर हर संस्थाओं द्वारा अभियान चलाए जा रहे हैं. सरकारी भवनों की दीवारों और प्रमुख चौराहों पर चित्र बनाकर कोरोना से जागरूक किया जाएगा. दीवारों पर मेवाड़ी शैली में चित्र बनाए जाएंगे जो कोरोना के प्रति लोगों को सचेत करते रहेंगे. जिला प्रशासन की ओर से की गई इस पहल में शिक्षण संस्थाओं से सहायता भी ली जाएगी.

Unique initiative for corona awareness
कोरोना जागरूकता के लिए अनूठी पहल
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Published : Oct 28, 2020, 10:51 PM IST

बांसवाड़ा. एक पखवाड़े से बांसवाड़ा में कोरोना का प्रकोप काफी हद तक कम हुआ है, लेकिन प्रशासन संक्रमण के खतरे को देखते हुए कोई ढिलाई नहीं बरतना चाह रहा है. प्रतिदिन सैंपल लिए जाने के साथ. इसके साथ ही जन जागरूकता अभियान को भी धार दिया जा रहा है. इसके लिए तरह-तरह के जतन किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में लोगों को जागरूक करने की दृष्टि से चित्रकारिता का भी सहारा लिया जा रहा है. शहर के प्रमुख चौराहों, सरकारी भवनों की दीवारों पर कोरोना से बचाव के संदेश देते चित्र बनाए जाएंगे.

कोरोना जागरूकता के लिए अनूठी पहल...

इसकी शुरुआत अंबेडकर चौराहे से की गई है. अधिकारियों का आवास हो या फिर सरकारी कार्यालयों की दीवारें, एक-एक कर आकर्षक पेंटिंग के जरिए जिला प्रशासन समाज के हर वर्ग को कोरोना के खतरों और उससे बचाव के संदेश दिया जाएगा.

यह भी पढ़ें: Special: एक ही छत के नीचे संचालित होंगे 28 सरकारी दफ्तर, अजमेर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत चल रही तैयारी

मेवाड़ी शैली का सहारा...

राज्य सरकार पोस्टर, बैनर, पंपलेट, समाचार पत्र, टीवी चैनल आदि के जरिए कोरोना से बचाव को लेकर प्रचार प्रसार कर रही है. इसके साथ ही जन जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है. जिला प्रशासन की ओर से कोरोना महामारी से लंबी लड़ाई को देखते हुए स्थाई तौर पर अब चित्रों के माध्यम से लोगों को जागरूक करने के लिए एक मुहिम हाथ में ली गई है. क्योंकि वागड़ अंचल मेवाड़ का हिस्सा है और यहां मेवाड़ी कल्चर का भी काफी प्रभाव है. ऐसे में प्रशासन की ओर से मेवाड़ी शैली के चित्रों के जरिए मास्क की महत्ता और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के संदेश दिए जाएंगे.

यह भी पढ़ें: SPECIAL: निजी अस्पतालों में बदला इलाज का पैटर्न, 25 और 75 प्रतिशत के अनुपात में बंटे कोविड और अन्य मरीज

हींग लगे न फिटकरी काम चोखो आए...

इस काम के लिए जिला प्रशासन शिक्षा विभाग के जरिए निजी स्कूलों की मदद ली जा रही है. विभिन्न शिक्षण संस्थानों को इसकी जिम्मेदारी दी गई है. शिक्षण संस्थान संबंधित स्थानों पर पेंटिंग का पूरा खर्चा उठा रहे हैं. जन जागरूकता अभियान के अंतर्गत इसके लिए हर सप्ताह 1 दिन निर्धारित कर दिया गया है. अब हर शुक्रवार को विभिन्न शिक्षण संस्थानों की ओर से सरकारी भावनाओं की दीवारों पर कोरोना के प्रति जागरूक करती पेंटिंग का काम करवाया जाएगा. इसके लिए शिक्षण संस्थानों को अलग-अलग स्थानों की जिम्मेदारी भी दी गई है.

जन जागरूकता कार्यक्रमों की कमान संभाल रहे स्काउट गाइड के सीईओ दीपेश शर्मा के अनुसार जिले में कोरोना महामारी के प्रति जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह के निर्देशानुसार कई प्रकार की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जा रही हैं. उसी के अंतर्गत मेवाड़ी चित्र शैली को भी प्रमुखता से लिया जा रहा है. वागड़ में वागड़ कल्चर का भी काफी प्रभाव है और उसी को देखते हुए चित्रों के जरिए आमजन को बचाव के प्रति संदेश देने की कोशिश की जा रही है. चित्रकार भी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए अपनी सहभागिता निभा रहे हैं.

बांसवाड़ा. एक पखवाड़े से बांसवाड़ा में कोरोना का प्रकोप काफी हद तक कम हुआ है, लेकिन प्रशासन संक्रमण के खतरे को देखते हुए कोई ढिलाई नहीं बरतना चाह रहा है. प्रतिदिन सैंपल लिए जाने के साथ. इसके साथ ही जन जागरूकता अभियान को भी धार दिया जा रहा है. इसके लिए तरह-तरह के जतन किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में लोगों को जागरूक करने की दृष्टि से चित्रकारिता का भी सहारा लिया जा रहा है. शहर के प्रमुख चौराहों, सरकारी भवनों की दीवारों पर कोरोना से बचाव के संदेश देते चित्र बनाए जाएंगे.

कोरोना जागरूकता के लिए अनूठी पहल...

इसकी शुरुआत अंबेडकर चौराहे से की गई है. अधिकारियों का आवास हो या फिर सरकारी कार्यालयों की दीवारें, एक-एक कर आकर्षक पेंटिंग के जरिए जिला प्रशासन समाज के हर वर्ग को कोरोना के खतरों और उससे बचाव के संदेश दिया जाएगा.

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मेवाड़ी शैली का सहारा...

राज्य सरकार पोस्टर, बैनर, पंपलेट, समाचार पत्र, टीवी चैनल आदि के जरिए कोरोना से बचाव को लेकर प्रचार प्रसार कर रही है. इसके साथ ही जन जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है. जिला प्रशासन की ओर से कोरोना महामारी से लंबी लड़ाई को देखते हुए स्थाई तौर पर अब चित्रों के माध्यम से लोगों को जागरूक करने के लिए एक मुहिम हाथ में ली गई है. क्योंकि वागड़ अंचल मेवाड़ का हिस्सा है और यहां मेवाड़ी कल्चर का भी काफी प्रभाव है. ऐसे में प्रशासन की ओर से मेवाड़ी शैली के चित्रों के जरिए मास्क की महत्ता और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के संदेश दिए जाएंगे.

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हींग लगे न फिटकरी काम चोखो आए...

इस काम के लिए जिला प्रशासन शिक्षा विभाग के जरिए निजी स्कूलों की मदद ली जा रही है. विभिन्न शिक्षण संस्थानों को इसकी जिम्मेदारी दी गई है. शिक्षण संस्थान संबंधित स्थानों पर पेंटिंग का पूरा खर्चा उठा रहे हैं. जन जागरूकता अभियान के अंतर्गत इसके लिए हर सप्ताह 1 दिन निर्धारित कर दिया गया है. अब हर शुक्रवार को विभिन्न शिक्षण संस्थानों की ओर से सरकारी भावनाओं की दीवारों पर कोरोना के प्रति जागरूक करती पेंटिंग का काम करवाया जाएगा. इसके लिए शिक्षण संस्थानों को अलग-अलग स्थानों की जिम्मेदारी भी दी गई है.

जन जागरूकता कार्यक्रमों की कमान संभाल रहे स्काउट गाइड के सीईओ दीपेश शर्मा के अनुसार जिले में कोरोना महामारी के प्रति जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह के निर्देशानुसार कई प्रकार की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जा रही हैं. उसी के अंतर्गत मेवाड़ी चित्र शैली को भी प्रमुखता से लिया जा रहा है. वागड़ में वागड़ कल्चर का भी काफी प्रभाव है और उसी को देखते हुए चित्रों के जरिए आमजन को बचाव के प्रति संदेश देने की कोशिश की जा रही है. चित्रकार भी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए अपनी सहभागिता निभा रहे हैं.

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