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प्रधानमंत्री को जनजाति मंत्री बामनिया का सुझाव, मनरेगा श्रमिकों को 5 दिन के बदले 25 दिन का दें भुगतान - 5 दिन के बदले 25 दिन का दे भुगतान

राजस्थान सरकार के जनजाति मंत्री बामनिया ने प्रधानमंत्री को एक सुझाव दिया है. इस सुझाव में उन्होंने कहा है कि मनरेगा श्रमिकों को 5 दिन के बदले 25 दिन का भुगतान किया जाए. ये बात मंगलवार की शाम बांसवाड़ा नगर परिषद में एक पत्रकार वार्ता के दौरान हुई.

बांसवाड़ा की खबर, banswara news
जनजाति मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया
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Published : Apr 21, 2020, 9:22 PM IST

बांसवाड़ा. मुख्यमंत्री गहलोत के सुर में सुर मिलाते हुए प्रदेश के जनजाति मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया ने केंद्र सरकार को बाहर से आने वाले लोगों की बेरोजगारी खत्म करने के लिए नया सुझाव दिया है. इसके तहत गांव के लोगों को मनरेगा के अंतर्गत अकाल राहत की तरह 5 दिन के बदले 25 दिन का भुगतान करवाने का प्रावधान किए जाने का आग्रह किया गया है.

प्रधानमंत्री को जनजाति मंत्री बामनिया का सुझाव

दरअसल, नगर परिषद बांसवाड़ा में मंगलवार की शाम पत्रकार वार्ता कर शहर विधायक ने कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए प्रदेश में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत ने अकाल राहत के दौरान 2 दिन के काम के बदले 25 किलोग्राम गेहूं दिए जाने का प्रावधान किया था.

पढ़ें- बांसवाड़ा: मॉडिफाइड लॉकडाउन के असमंजस में लोग घरों से निकल रहे बाहर, पुलिस कर रही कार्रवाई

इसके साथ ही एक सवाल के जवाब में मंत्री बामनिया ने कहा कि गांव में बड़ी संख्या में लोग आए हैं. ऐसे में संदिग्ध रोगियों की जांच के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं. बांसवाड़ा जिले के लिए 11700 किट आए हैं, जिनमें से हजार किट बांसवाड़ा शहर के लिए हैं. लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में एक भी व्यक्ति को भूखा नहीं सोने दिया जाएगा.

साथ ही कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत ने इसके लिए भामाशाह के सहयोग से हर संभव प्रबंध किए हैं. वहीं, बांसवाड़ा नगर परिषद के सभापति जैनेंद्र त्रिवेदी की ओर से इस दिशा में सराहनीय काम किया जा रहा है. स्वयंसेवी संस्थाओं के अलावा नगर परिषद भी लॉकडाउन के बाद से जरूरतमंदों तक भोजन के पैकेट पहुंचा रही है.

अंतरराज्य सीमा पर फंसे लोगों संबंधी सवाल पर बामनिया ने कहा कि यह केंद्र सरकार का मामला है. प्रधानमंत्री मोदी को एक-दूसरे राज्यों में फंसे लोगों को अपने-अपने घर पहुंचाने की व्यवस्था करनी चाहिए. वहीं, अंतरराज्य सीमा पर फंसे लोगों ने क्वॉरेंटाइन पीरियड पूरा कर लिया है. प्रदेश में बड़ी संख्या में अन्य राज्यों के लोग भी फंसे हुए हैं. इस प्रकार के लोगों को अपने-अपने घर तक पहुंचाए जाने की परमिशन दी जा सकती है.

पढ़ें- बांसवाड़ाः कर्मवीरों पर आर्सेनिक अल्ब का सुरक्षा कवच, होम्योपैथी कार्मिक बांट रहे दवा

शहर विधायक ने जनजाति बाहुल्य वागड़ अंचल के मजदूरों का सवाल उठाते हुए कहा कि अगले सप्ताह 10 दिन में उन्हें घर नहीं पहुंचाया गया तो आगामी खरीफ फसल संकट में आ सकती है. इस प्रकार की समस्याओं को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी को एक-दूसरे राज्य में फंसे लोगों को तत्काल प्रभाव से अपने-अपने गंतव्य तक पहुंचाने की परमिशन दी जानी चाहिए. इस मौके पर सभापति त्रिवेदी भी मौजूद रहे.

बाइट - अर्जुन सिंह बामनिया, जनजातीय मंत्री, राजस्थान सरकार

बांसवाड़ा. मुख्यमंत्री गहलोत के सुर में सुर मिलाते हुए प्रदेश के जनजाति मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया ने केंद्र सरकार को बाहर से आने वाले लोगों की बेरोजगारी खत्म करने के लिए नया सुझाव दिया है. इसके तहत गांव के लोगों को मनरेगा के अंतर्गत अकाल राहत की तरह 5 दिन के बदले 25 दिन का भुगतान करवाने का प्रावधान किए जाने का आग्रह किया गया है.

प्रधानमंत्री को जनजाति मंत्री बामनिया का सुझाव

दरअसल, नगर परिषद बांसवाड़ा में मंगलवार की शाम पत्रकार वार्ता कर शहर विधायक ने कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए प्रदेश में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत ने अकाल राहत के दौरान 2 दिन के काम के बदले 25 किलोग्राम गेहूं दिए जाने का प्रावधान किया था.

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इसके साथ ही एक सवाल के जवाब में मंत्री बामनिया ने कहा कि गांव में बड़ी संख्या में लोग आए हैं. ऐसे में संदिग्ध रोगियों की जांच के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं. बांसवाड़ा जिले के लिए 11700 किट आए हैं, जिनमें से हजार किट बांसवाड़ा शहर के लिए हैं. लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में एक भी व्यक्ति को भूखा नहीं सोने दिया जाएगा.

साथ ही कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत ने इसके लिए भामाशाह के सहयोग से हर संभव प्रबंध किए हैं. वहीं, बांसवाड़ा नगर परिषद के सभापति जैनेंद्र त्रिवेदी की ओर से इस दिशा में सराहनीय काम किया जा रहा है. स्वयंसेवी संस्थाओं के अलावा नगर परिषद भी लॉकडाउन के बाद से जरूरतमंदों तक भोजन के पैकेट पहुंचा रही है.

अंतरराज्य सीमा पर फंसे लोगों संबंधी सवाल पर बामनिया ने कहा कि यह केंद्र सरकार का मामला है. प्रधानमंत्री मोदी को एक-दूसरे राज्यों में फंसे लोगों को अपने-अपने घर पहुंचाने की व्यवस्था करनी चाहिए. वहीं, अंतरराज्य सीमा पर फंसे लोगों ने क्वॉरेंटाइन पीरियड पूरा कर लिया है. प्रदेश में बड़ी संख्या में अन्य राज्यों के लोग भी फंसे हुए हैं. इस प्रकार के लोगों को अपने-अपने घर तक पहुंचाए जाने की परमिशन दी जा सकती है.

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शहर विधायक ने जनजाति बाहुल्य वागड़ अंचल के मजदूरों का सवाल उठाते हुए कहा कि अगले सप्ताह 10 दिन में उन्हें घर नहीं पहुंचाया गया तो आगामी खरीफ फसल संकट में आ सकती है. इस प्रकार की समस्याओं को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी को एक-दूसरे राज्य में फंसे लोगों को तत्काल प्रभाव से अपने-अपने गंतव्य तक पहुंचाने की परमिशन दी जानी चाहिए. इस मौके पर सभापति त्रिवेदी भी मौजूद रहे.

बाइट - अर्जुन सिंह बामनिया, जनजातीय मंत्री, राजस्थान सरकार

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