बांसवाड़ा. बिजली व्यवस्था के निजीकरण की खिलाफत तेज होती दिख रही है. सोमवार को ठेका कर्मचारियों का एक नया संगठन मैदान में आ गया. नवगठित संगठन ने शोषण का हर स्तर पर विरोध करने का एलान किया. राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन कि आज महर्षि वाल्मीकि आश्रम मदार ईश्वर में हुई जिला स्तरीय बैठक में तकनीकी कर्मचारियों की विभिन्न समस्याओं वर विचार-विमर्श किया गया. बैठक के दौरान सैनिटाइजेशन के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ध्यान रखा गया.
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बैठक में मुख्य रूप से जिले की विद्युत व्यवस्था ठेकेदारों के अधीन करने के निर्णय पर गहन मंथन के साथ सरकार के इस निर्णय के प्रति विरोध जताया. कर्मचारियों का कहना था कि इससे ना केवल कर्मचारियों का शोषण बढ़ेगा बल्कि उपभोक्ताओं को भी कई प्रकार की समस्याओं से रूबरू होना पड़ सकता है. जिला अध्यक्ष भगवतीलाल डिंडोर ने कहा कि ठेका कर्मचारियों ने डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक के निवास पर पहुंचकर उनसे भी बदतमीजी की और बिजली कनेक्शन काट दिया जबकि उनका बिल जमा था. डिस्कॉम के सबसे बड़े अधिकारी के साथ इस प्रकार की अपमानजनक घटनाएं अंजाम दी जा सकती है तो आम उपभोक्ता का क्या होगा.
बैठक में ठेका कंपनियों के अधीन काम कर रहे कर्मचारी भी मौजूद थे. इनमें से कई कर्मचारियों ने अपने साथ हो रहे शोषण के बारे में बताया और संगठन से सहयोग की गुजारिश की. जिलाध्यक्ष डिंडोर ने ठेका कर्मचारियों के शोषण के खिलाफ लड़ाई में पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन देते हुए बैठक में ही राजस्थान विद्युत ठेका कर्मचारी संघ का गठन करते हुए सुखलाल मसार को संगठन की कमान सौंपी. डिंडोर ने अपने एक बयान में कहा कि दोनों ही संगठन एक दूसरे की ताकत बनेंगे और कर्मचारियों के अधिकारों की आवाज को बुलंद करेंगे.