बांसवाड़ा. रोडवेज की अनुबंधित बसों के चालकों का वेतन भुगतान का मामला फिर गरमा गया है. बांसवाड़ा आगार के अधीन संचालित 20 बसों के चक्के शनिवार को थम गए. तीन माह से चालकों को वेतन का भुगतान नहीं किया गया है. आक्रोशित चालकों ने बसों को रोडवेज परिसर में खड़ा करते हुए संचालक कंपनी को 2 दिन का अल्टीमेटम दिया है.
वेतन नहीं मिलने से नाराज बस चालकों ने साफ कर दिया है कि यदि उनका वेतन भुगतान 2 दिन के भीतर नहीं किया जाता है तो वे बसों के पुर्जे खोलकर अपने वेतन की राशि वसूल करेंगे. चालकों द्वारा अचानक उठाए गए इस कदम से जहां रोडवेज प्रबंधन को राजस्व का नुकसान हो रहा है. वहीं लंबी दूरी की यात्रा तय करने वाले यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है.
बठिंडा, पंजाब की मान बस सर्विस कंपनी द्वारा बांसवाड़ा डिपो में 20 बसों का संचालन किया जा रहा है. कंपनी द्वारा पिछले 3 माह से बस चालकों को वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है. चालकों का आरोप है कि 12 हजार प्रति माह पारिश्रमिक तय करने के बावजूद उन्हें 10 हजार के हिसाब से भुगतान किया गया.
पिछले 3 माह से कंपनी द्वारा चालकों को वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है. जबकि इस संदर्भ में कई बार संचालक के प्रतिनिधि विजय कुमार के समक्ष मांगे रखी जा चुकी है. वेतन भुगतान नहीं करने से आक्रोशित चालकों द्वारा 3 मई को बसें खड़ी कर दी गई थी. इसके बाद कंपनी द्वारा दो-तीन दिन में भुगतान करने का आश्वासन दिया गया लेकिन 1 सप्ताह बाद भी उन्हें मात्र आश्वासन दिए जा रहे हैं.
आखिरकार कोई कार्रवाई नहीं होते देख गुस्साए बस चालकों ने कहा कि यदि कंपनी उन्हे समय पर वेतन भुगतान नहीं करती है तो उन्हे सख्त कदम उठाना पड़ेगा और बसों के पुर्जे खोलकर अपने वेतन की वसूली करनी पड़ेगी.