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बांसवाड़ा : प्रोजेक्ट कोर्डिनेटर 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

बांसवाड़ा में एसीबी की टीम ने शुक्रवार देर शाम कार्रवाई करते हुए चिकित्सा विभाग के एक प्रोजेक्ट कोर्डिनेटर को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया.

प्रोजेक्ट कोर्डिनेटर गिरफ्तार
प्रोजेक्ट कोर्डिनेटर गिरफ्तार
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Published : Aug 27, 2021, 9:29 PM IST

बांसवाड़ा. एसीबी के एडिशनल एसपी माधव सिंह सोडा ने बताया कि आरोपी डूंगरपुर निवासी मनीष पंचाल (32) को गिरफ्तार किया है. एसीबी एडिशनल एसपी सोडा ने बताया कि पीड़ित दिलीप मईडा ने इस बारे में शिकायत दी थी.

पीड़ित के मुताबिक वह मेडिकल मोबाइल यूनिट में नौकरी करता है. इस यूनिट का संचालन श्रीपरमात्मा चंद भंडारी चैरिटेबल ट्रस्ट जोधपुर करता है. ट्रस्ट के लिए दवाएं और अन्य चीजें बीसीएमओ के जरिये उपलब्ध कराई जाती हैं. ट्रस्ट की ओर से अखबार में विज्ञापन देकर नौकरी के लिए आवेदन मांगे गए थे.

पढ़ें- बहू ने सास से कहा- मैंने तुम्हारे बेटे की हत्या कर दी है...बंद कमरा खोला तो मिली सड़ी-गली लाश

ट्रस्ट के उदयपुर क्षेत्र के समन्वयक मनीष पंचाल ने दिलीप को 35 हजार रिश्वत देने पर ट्रस्ट में नियुक्ति देने का झांसा दिया. दिलीप को नौकरी की दरकार थी. इसलिए उसने मनीष को 3 बार में 20 हजार रुपये दे दिए. इस तरह दिलीप को ट्रस्ट में नौकरी भी मिल गई. इसके कुछ समय बाद मनीष ने दिलीप का वेतन रोक लिया और ट्रस्ट में काम करने का अनुभव प्रमाण पत्र भी रोक लिया.

मनीष ने दिलीप को रिश्वत नहीं देने पर नौकरी से निकालने की धमकी दी. ये भी कहा कि अब उसे 70 हजार रुपयों की रिश्वत देनी होगी. समन्वयक मनीष ने साफ कहा कि दिलीप अगर रिश्वत की राशि देगा तभी उसे रुका हुआ वेतन मिलेगा और नौकरी जारी रहेगी.

आरोपी ने ये भी कहा कि इस राशि में सीएमएचओ और बीसीएमओ का हिस्सा भी है. इसकी शिकायत पीड़ित ने एसीबी में कर दी. शिकायत के सत्यापन के समय आरोपी ने 4 हजार रुपये ले लिए. इसके बाद बाकी बची राशि में से आरोपी ने शुक्रवार को 20 हजार रुपये लिये और एसीबी ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया.

बांसवाड़ा. एसीबी के एडिशनल एसपी माधव सिंह सोडा ने बताया कि आरोपी डूंगरपुर निवासी मनीष पंचाल (32) को गिरफ्तार किया है. एसीबी एडिशनल एसपी सोडा ने बताया कि पीड़ित दिलीप मईडा ने इस बारे में शिकायत दी थी.

पीड़ित के मुताबिक वह मेडिकल मोबाइल यूनिट में नौकरी करता है. इस यूनिट का संचालन श्रीपरमात्मा चंद भंडारी चैरिटेबल ट्रस्ट जोधपुर करता है. ट्रस्ट के लिए दवाएं और अन्य चीजें बीसीएमओ के जरिये उपलब्ध कराई जाती हैं. ट्रस्ट की ओर से अखबार में विज्ञापन देकर नौकरी के लिए आवेदन मांगे गए थे.

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ट्रस्ट के उदयपुर क्षेत्र के समन्वयक मनीष पंचाल ने दिलीप को 35 हजार रिश्वत देने पर ट्रस्ट में नियुक्ति देने का झांसा दिया. दिलीप को नौकरी की दरकार थी. इसलिए उसने मनीष को 3 बार में 20 हजार रुपये दे दिए. इस तरह दिलीप को ट्रस्ट में नौकरी भी मिल गई. इसके कुछ समय बाद मनीष ने दिलीप का वेतन रोक लिया और ट्रस्ट में काम करने का अनुभव प्रमाण पत्र भी रोक लिया.

मनीष ने दिलीप को रिश्वत नहीं देने पर नौकरी से निकालने की धमकी दी. ये भी कहा कि अब उसे 70 हजार रुपयों की रिश्वत देनी होगी. समन्वयक मनीष ने साफ कहा कि दिलीप अगर रिश्वत की राशि देगा तभी उसे रुका हुआ वेतन मिलेगा और नौकरी जारी रहेगी.

आरोपी ने ये भी कहा कि इस राशि में सीएमएचओ और बीसीएमओ का हिस्सा भी है. इसकी शिकायत पीड़ित ने एसीबी में कर दी. शिकायत के सत्यापन के समय आरोपी ने 4 हजार रुपये ले लिए. इसके बाद बाकी बची राशि में से आरोपी ने शुक्रवार को 20 हजार रुपये लिये और एसीबी ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया.

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