बांसवाड़ा. जिले में शनिवार को घटित घटनाओं के बाद अफवाहों को देखते हुए जिला पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत ने रविवार को अपने ऑफिस पर प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई. पालोदा में एक महिला ने शिकायत की कि घर में घुसकर अज्ञात व्यक्ति उसके 7 माह के बच्चे को उठा ले गया. सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस की पड़ताल में महिला द्वारा बताई गई एक भी बात की पुष्टि नहीं हो पाई.
एक व्यस्ततम इलाके से दिनदहाड़े किसी बच्चे को उठाना संभव नहीं है. ऐसी घटना के बाद संबंधित महिला ने बचाव के लिए भी कोई आवाज नहीं लगाई. आसपास के लोगों से पूछताछ में भी ऐसे किसी व्यक्ति के उस इलाके में घूमने की पुष्टि नहीं हो पाई. एक सवाल पर शेखावत ने कहा कि महिला द्वारा लिखित में रिपोर्ट नहीं दी गई थी इस कारण मामले में कार्रवाई संभव नहीं है. यह मामला ही शनिवार को अफवाह के रूप में तेजी से फैल गया.
पुलिस अधीक्षक शेखावत ने बताया कि जिले में बच्चा चोर गिरोह के घूमने जैसी बात में कोई सच्चाई नहीं है. यह केवल अफवाह है, जिस पर आमजन को ध्यान नहीं देना चाहिए. शनिवार की घटना के बारे में जिला पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सदर थाना क्षेत्र में 6 लोग मारपीट के शिकार हुए थे. जबकि, लोहारिया थाना अंतर्गत भीमपुर में फेरी लगाकर अपने सामान बेचने वाले तीन लोगों को बच्चा चोरी की आशंका में लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ा.
भीमपुर चौकी पहुंचे लोगों में से कुछ ने पुलिस से अमेठी से इन लोगों को अपने कब्जे में लेने का प्रयास किया. लेकिन अतिरिक्त जाब्ता मंगाने से सफल नहीं हो पाए. पुलिस ने इस मामले में प्रफुल्ल जैन, नितिन जैन, मनीष वैश्णव, पुष्पेंद्र सिंह और जगजी पाटीदार को गिरफ्तार किया है. साथ ही इन घटनाओं में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस द्वारा उन्हें चिन्हित किया जा रहा है.
अब नेताओं की शरण
पुलिस द्वारा इन मामलों में रिपोर्ट दर्ज करने के साथ ही वारदातों में लिप्त लोगों में खलबली मची हुई है. पुलिस द्वारा 5 लोगों की गिरफ्तारी के बाद से ही इन के नाते रिश्तेदार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया से लेकर स्थानीय विधायक कैलाश मीणा तक के आगे नतमस्तक दिखाई दे रहे हैं. पता चला है कि मामला जयपुर तक पहुंच गया. लेकिन, पुलिस ने वहां भी संबंधित अधिकारियों को घटना की गंभीरता से अवगत करा दिया. इस कारण मारपीट की घटना में लिप्त इन लोगों को फिलहाल कोई राहत मिलने की संभावना नजर नहीं आ रही है.