बांसवाड़ा. कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते देश में लॉक डाउन चल रहा है. वागड़ अंचल अर्थात डूंगरपुर, प्रतापगढ़ और बांसवाड़ा जिले के हजारों लोग गुजरात और महाराष्ट्र में मजदूरी पर गए हैं, जो लॉक डाउन के बाद वहां फंस चुके हैं. परिवहन सेवा के बंद होने से लोग कोरोना संक्रमण की आशंका में पैदल ही डूंगरपुर, बांसवाड़ा पहुंच रहे हैं. ऐसे लोगों को सुरक्षित अपने घर पर पहुंचाने के लिए गुजरात और महाराष्ट्र सरकार सहमत हो गई है और उन्हें बॉर्डर तक पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है.
जानकारी के अनुसार डूंगरपुर, बांसवाड़ा के सांसद कनक मल कटारा ने गुरूवार को भाजपा कार्यालय में वरिष्ठ नेताओं के साथ कोरोना वायरस को लेकर जिले में उठाए जा रहे कदमों पर चर्चा की. इस दौरान डूंगरपुर, बांसवाड़ा क्षेत्र के हजारों लोगों के गुजरात और महाराष्ट्र से पैदल ही अपने क्षेत्र के लिए निकलने के मुद्दे पर कटारा ने वरिष्ठ नेताओं से इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी मांगी.
सांसद ने बैठक में बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो बार देश को संदेश देकर इस वैश्विक महामारी से बचने के लिए देशवासियों को सतर्क कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि हम एक दूसरे से सामाजिक दूरी बनाकर इस महामारी से मुकाबला कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि मैंने महाराष्ट्र, गुजरात में फंसे हजारों लोगों के पैदल ही अपने गांव के लिए निकलने के मामले में गुजरात और महाराष्ट्र के सांसदों से चर्चा कर ली है और वहां की सरकारों से भी बातचीत की है.
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मैंने अपनी बातचीत में गुजरात और महाराष्ट्र सरकार से अपने बच्चों के साथ पैदल ही निकले लोगों को सुरक्षित पहुंचाने के लिए ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था करने का आग्रह किया. जिसे मान लिया गया है. इन लोगों को रतनपुर और सिरोही बॉर्डर तक पहुंचाने का काम शुरू हो गया है.
बैठक के दौरान इस महामारी से निपटने के लिए जिला प्रशासन द्वारा उठाए जा रहे कदमों पर पार्टी द्वारा हर संभव सहयोग दिए जाने का निर्णय किया गया है. बैठक में जिलाध्यक्ष गोविंद सिंह राव, हकरु मईडा, पूर्व जिलाध्यक्ष ओम पालीवाल, मुकेश रावत आदि भी मौजूद रहे.