बांसवाड़ा. देश और दुनिया में आतंक का पर्याय बने कोरोना वायरस से बचाव के लिए स्थानीय प्रशासन नित नए कदम उठा रहा है. शहर में घर-घर सर्वे करवा कर संदिग्ध मरीजों की तलाश की जा रही है. ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को कोरोना वायरस से बचाव के लिए स्थानीय भाषा अर्थात वागड़ी को हथियार बनाया जा रहा है. वहीं जिले में मेले सहित अन्य सामाजिक और धार्मिक आयोजन को छोटा करने की एडवाइजरी जारी की गई है.
वागड़ी भाषा में प्रचार-प्रसार
जिला कलेक्टर कैलाश बेरवा ने कहा कि अधिकाधिक लोगों तक कोरोना से बचाव के उपाय पहुंचाए जा सके, इसके लिए नया कदम उठाया गया है. चिकित्सा विभाग को स्थानीय वागड़ी भाषा में इससे बचाव के लिए प्रचार-प्रसार का विकल्प अपनाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि शहर ही नहीं गांव तक भी लोग इस वायरस को लेकर जागरूक हो सके. जिले में बड़ी संख्या में धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है.
जिले में हाट के अलावा मेलों का आयोजन हो रहा है. इसको लेकर आयोजन समितियों से संपर्क कर लोगों की गैदरिंग कम से कम करवाने के निर्देश दिए गए है. ऐसे स्थानों पर मेडिकल टीम भेज कर आयोजन स्थल को डिसइंपैक्ट करवा कर चिकित्सा विभाग की टीम तैनात किया जाएगा. अगले कुछ दिनों में घोटिया अंबा में विशाल मेले का आयोजन हो रहा है इसके लोकर कलेक्टर ने कहा कि, क्योंकि यह आस्था का सवाल है, ऐसे में इस आयोजन को रोकने की बजाय समझाकर इसका आयोजन छोटा करवाने की कोशिश की जाएगी.
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बता दें कि अन्य राज्य से आने वाले सर्दी-खांसी के संदिग्ध मरीजों पर नजर रखने के लिए मध्यप्रदेश और गुजरात मार्ग पर दानपुर मोना डूंगरी और कुशलगढ़ क्षेत्र में चेक पोस्ट कायम कर दी गई है, जो लगातार आने-जाने वाले वाहनों पर नजर रख रही है. शहर में आने वाले विदेशी लोगों की बारीकी से जांच के बाद उन्हें अपने गंतव्य के लिए रवाना किया जा रहा है. जिले में अब तक 12 विदेशी पर्यटक आए हैं, जिनकी जांच करवाई गई है. एक विदेशी पर्यटक को ऑब्जर्वेशन में रखा गया है.
कुवैत से आए 47 एनआरआई
बड़ी संख्या में स्थानीय लोग कुवैत में कार्यरत हैं. होली को देखते हुए अप्रवासी भारतीय बांसवाड़ा पहुंचे हैं. इनमें से कुवैत सरकार की एडवाइजरी को देखते हुए बड़ी संख्या में अप्रवासी भारतीय कुवैत लौट गए है. जिला प्रशासन की ओर से 47 लोगों को लगातार जांच में रखा गया है, जिनमें कोरोना जैसे किसी भी प्रकार के लक्षण नहीं पाए गए हैं. फिर भी एहतियात के तौर पर उन्हें सार्वजनिक कार्यक्रम से दूरी बनाए रखने की सलाह दी गई है और चिकित्सा विभाग लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है.