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तौकते की तबाही: बांसवाड़ा में आकाशीय बिजली गिरने से 1 युवक और 2 पशुओं की मौत

तौकते चक्रवाती तूफान का असर बांसवाड़ा में भी दो दिन से जमकर देखने को मिल रहा है. लोहारिया क्षेत्र में आकाशीय बिजली गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है तो घाटोल क्षेत्र में दो मवेशियों की जान चली गई. इधर, चिकित्सा विभाग सरकार के आदेश पर रेड अलर्ट पर है. अभी तक सात डिग्री से ज्यादा तापमान में गिरावट आ चुकी है. जबकि एक दिन पहले तेज आंधी चली थी, जिससे काफी नुकसान हुआ है. मौसम विभाग ने बांसवाड़ा में भारी से भारी यानी 202 एमएम बारिश होने की संभावना जताई है.

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बांसवाड़ा में आकाशीय बिजली गिरने से तबाही
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Published : May 17, 2021, 5:34 PM IST

बांसवाड़ा. चक्रवाती तूफान का असर बांसवाड़ा में भी जमकर देखने को मिल रहा है. बांसवाड़ा का इन दिनों का तापमान 44 डिग्री के आसपास था, जो तूफान के कारण घटकर 36 डिग्री रह गया है. जबकि रात्रि का तापमान 26 डिग्री पहुंच गया.

बांसवाड़ा में आकाशीय बिजली गिरने से तबाही

वहीं लोहारिया क्षेत्र के मतवाला के पास बाई का गड़ा गांव में आकाशीय बिजली गिरने से रमेश अहारी पुत्र भैरा की मौत हो गई. इधर, बिजली विभाग ने भी तूफान को देखते हुए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. जबकि आंबापुरा क्षेत्र में बिजली गिरने से दो मवेशियों की मौत हो चुकी है. इधर, चिकित्सा विभाग के मुखिया डॉ. हीरालाल ताबियार ने आदेश जारी किया है कि कोई भी चिकित्सक अपना मुख्यालय नहीं छोड़ेगा. प्रत्येक अस्पताल में इमरजेंसी दवाएं, एंबुलेंस और जनरेटर की व्यवस्था रखनी होगी. यदि अस्पताल में खुद का जनरेटर नहीं है तो किराए का लाकर व्यवस्था करनी होगी. साथ ही जिले के प्रथम श्रेणी एमजीएच अस्पताल में सभी तरह की इमरजेंसी व्यवस्थाएं रखने के आदेश दिए हैं. जबकि कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने इमरजेंसी सेवाओं को एक्टिव कर दिया है. साथ ही रिस्पांस और गोताखोरों की टीम को 24 घंटे अलर्ट रहने के लिए कहा गया है.

यह भी पढ़ें: राजस्थान में तौकते चक्रवात को लेकर मौसम विभाग का क्या है अनुमान ?

सभी विभागों ने कंट्रोल रूम शुरू किए

आने वाले दो दिनों में खराब होने वाले मौसम की आशंका को देखते हुए कलेक्ट्रेट में कंट्रोल रूम शुरू कर दिया गया है. साथ ही माही डैम के कंट्रोल रूम को 24 घंटे के लिए एक्टिव कर दिया गया है. जबकि चिकित्सा विभाग बिजली विभाग और जिला रसद कार्यालय घड़ी-घड़ी क्षेत्र की मॉनिटरिंग कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें: जोधपुर सम्भाग में सेना को किया अलर्ट, तौकते चक्रवात को लेकर प्रशासन सतर्क

बांसवाड़ा में चक्रवाती तूफान के कारण होने वाली बारिश का ज्यादा असर देखने के लिए नहीं मिलेगा. तूफान के कारण आने वाली आंधी और अन्य व्यक्ति यहां बड़ा नुकसान कर सकती है. बड़ा नुकसान बारिश के कारण इसलिए नहीं होगा, क्योंकि बांसवाड़ा हाई रेन वाला जिला है. यहां पर पानी निकासी के पर्याप्त स्थान है और 200 एमएम तक बारिश बारिश के मौसम में कभी भी हो जाती है. बीते बारिश के मौसम में इस साल तीन ऐसे मौके आए, जब 200 एमएम से ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई.

यह भी पढ़ें: चक्रवात "तौकते" को लेकर जिला कलेक्टर ने की तैयारियों की समीक्षा, अगले दो दिन अत्यंत सावधानी बरतने के निर्देश

तेज हवाएं कर सकती हैं बड़ा नुकसान

आदिवासी बाहुल्य बांसवाड़ा क्षेत्र में यदि हवाओं का रुख 100 किलोमीटर प्रति घंटा से भी ज्यादा हुआ तो यहां पर बड़ा नुकसान कर सकती हैं. कारण यहां पर आदिवासी समाज के बड़ी संख्या में लोग आज भी झोपड़ीनुमा घरों में रहते हैं, जिनके टूटने, हवा के साथ उड़ने और उखड़ने की आशंका बेहद ज्यादा हो जाती है. घरों के उड़ने उखड़ने के दौरान कोई हादसा हो तो किसी की जान भी जा सकती है.

यह भी पढ़ें: तौकते चक्रवात: सिरोही में प्रशासन हाई अलर्ट पर, उपखंड स्तर पर बनाये गये कंट्रोल रूम

रविवार सुबह से मौसम खराब हुआ और आज सोमवार है और शाम का वक्त हो चला है, अभी भी मौसम खराब है. रुक-रुक कर बारिश हो रही है. कभी धूप निकलती है तो कभी बादल छा जाते हैं. हवाओं का रुख भी यहां 100 किलोमीटर प्रति घंटा तक रह चुका है. अब सभी को यही उम्मीद है कि किसी तरह 4 दिन निकल जाए. कारण मौसम विभाग ने बांसवाड़ा में भारी से भारी यानी 204 एमएम बारिश की आशंका जताई है.

बांसवाड़ा. चक्रवाती तूफान का असर बांसवाड़ा में भी जमकर देखने को मिल रहा है. बांसवाड़ा का इन दिनों का तापमान 44 डिग्री के आसपास था, जो तूफान के कारण घटकर 36 डिग्री रह गया है. जबकि रात्रि का तापमान 26 डिग्री पहुंच गया.

बांसवाड़ा में आकाशीय बिजली गिरने से तबाही

वहीं लोहारिया क्षेत्र के मतवाला के पास बाई का गड़ा गांव में आकाशीय बिजली गिरने से रमेश अहारी पुत्र भैरा की मौत हो गई. इधर, बिजली विभाग ने भी तूफान को देखते हुए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. जबकि आंबापुरा क्षेत्र में बिजली गिरने से दो मवेशियों की मौत हो चुकी है. इधर, चिकित्सा विभाग के मुखिया डॉ. हीरालाल ताबियार ने आदेश जारी किया है कि कोई भी चिकित्सक अपना मुख्यालय नहीं छोड़ेगा. प्रत्येक अस्पताल में इमरजेंसी दवाएं, एंबुलेंस और जनरेटर की व्यवस्था रखनी होगी. यदि अस्पताल में खुद का जनरेटर नहीं है तो किराए का लाकर व्यवस्था करनी होगी. साथ ही जिले के प्रथम श्रेणी एमजीएच अस्पताल में सभी तरह की इमरजेंसी व्यवस्थाएं रखने के आदेश दिए हैं. जबकि कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने इमरजेंसी सेवाओं को एक्टिव कर दिया है. साथ ही रिस्पांस और गोताखोरों की टीम को 24 घंटे अलर्ट रहने के लिए कहा गया है.

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सभी विभागों ने कंट्रोल रूम शुरू किए

आने वाले दो दिनों में खराब होने वाले मौसम की आशंका को देखते हुए कलेक्ट्रेट में कंट्रोल रूम शुरू कर दिया गया है. साथ ही माही डैम के कंट्रोल रूम को 24 घंटे के लिए एक्टिव कर दिया गया है. जबकि चिकित्सा विभाग बिजली विभाग और जिला रसद कार्यालय घड़ी-घड़ी क्षेत्र की मॉनिटरिंग कर रहे हैं.

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बांसवाड़ा में चक्रवाती तूफान के कारण होने वाली बारिश का ज्यादा असर देखने के लिए नहीं मिलेगा. तूफान के कारण आने वाली आंधी और अन्य व्यक्ति यहां बड़ा नुकसान कर सकती है. बड़ा नुकसान बारिश के कारण इसलिए नहीं होगा, क्योंकि बांसवाड़ा हाई रेन वाला जिला है. यहां पर पानी निकासी के पर्याप्त स्थान है और 200 एमएम तक बारिश बारिश के मौसम में कभी भी हो जाती है. बीते बारिश के मौसम में इस साल तीन ऐसे मौके आए, जब 200 एमएम से ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई.

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तेज हवाएं कर सकती हैं बड़ा नुकसान

आदिवासी बाहुल्य बांसवाड़ा क्षेत्र में यदि हवाओं का रुख 100 किलोमीटर प्रति घंटा से भी ज्यादा हुआ तो यहां पर बड़ा नुकसान कर सकती हैं. कारण यहां पर आदिवासी समाज के बड़ी संख्या में लोग आज भी झोपड़ीनुमा घरों में रहते हैं, जिनके टूटने, हवा के साथ उड़ने और उखड़ने की आशंका बेहद ज्यादा हो जाती है. घरों के उड़ने उखड़ने के दौरान कोई हादसा हो तो किसी की जान भी जा सकती है.

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रविवार सुबह से मौसम खराब हुआ और आज सोमवार है और शाम का वक्त हो चला है, अभी भी मौसम खराब है. रुक-रुक कर बारिश हो रही है. कभी धूप निकलती है तो कभी बादल छा जाते हैं. हवाओं का रुख भी यहां 100 किलोमीटर प्रति घंटा तक रह चुका है. अब सभी को यही उम्मीद है कि किसी तरह 4 दिन निकल जाए. कारण मौसम विभाग ने बांसवाड़ा में भारी से भारी यानी 204 एमएम बारिश की आशंका जताई है.

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