बांसवाड़ा. मां को ममता की प्रतिमूर्ति माना जाता है, लेकिन अरथुना कस्बे में एक महिला के हाथ अपने बेटे को मौत के घाट उतारने से भी नहीं कांपे. मृतक का गुनाह यह था कि वह अपनी पैतृक संपत्ति से अपना हिस्सा मांग रहा था. बस यही बात मां को अखर गई और उसने अपने दूसरे बेटे तथा उसके एक सहयोगी के साथ बड़े बेटे की मौत का प्लान तैयार कर लिया. हालांकि उसने चालाकी तो खूब की, लेकिन पुलिस के आगे नहीं टिक पाई और पुत्र की हत्या का गुनाह कबूल कर लिया.
डूंगरपुर के कुआं थाना अंतर्गत नोलिया वाड़ा गांव के अशोक कुमार रावल ने 16 जुलाई को अरथुना पुलिस थाने में रिपोर्ट दी कि उसका बड़ा साला प्रेमनाथ पुत्र कचरनाथ रावल अरथुना में रह रहा था. 15 जुलाई को उसकी सांस धूली ने सूचना दी कि प्रेमनाथ अपने मकान पर है, लेकिन अंदर से दरवाजा बंद है और दरवाजा नहीं खोल रहा. अशोक कुमार अपनी पत्नी शांति के साथ मौके पर पहुंचा, जहां खिड़की से देखने पर प्रेमनाथ अर्धनग्न हालत में मृत पड़ा था. उसने अपनी रिपोर्ट में प्रेमनाथ की हत्या होना बताते हुए सास जूली और साले गणेश पर आशंका जताई.
मांग रहा था हिस्सा
अशोक कुमार की रिपोर्ट के अनुसार प्रेमनाथ पिछले कुछ समय से मानसिक रूप से अस्वस्थ था. वह अपनी मां धूली से मकान और पैतृक संपत्ति में से हिस्सा मांग रहा था. इसे लेकर मां के साथ विवाद भी चल रहा था. प्रेमनाथ अपने पैतृक मकान पर रह रहा था. ऐसे में माधुरी अपने पुत्र गणेश के साथ डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा कस्बे में किराए के मकान पर रह रही थी.
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मां-बेटे ने बनाया मर्डर का प्लान
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक कावेंद्र सिंह सागर ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण मीणा और पुलिस उप अधीक्षक अनिल मीणा के निर्देशन में थानाधिकारी गजवीर सिंह के नेतृत्व में टीम गठित की. पुलिस टीम ने अनुसंधान के दौरान सीसीटीवी फुटेज खंगालने के साथ मुखबिर भी लगाए, जिसमें सामने आया कि 14 जुलाई को धूली अपने पुत्र गणेश तथा उसके मित्र सागवाड़ा निवासी राजेश उर्फ राधे पुत्र कन्हैया लाल खटीक के साथ अरथुना आई थी. करीब 1 से 2 घंटे तक रही. प्रेमनाथ के साथ अंतिम समय में यह तीनों ही लोग देखे गए. पुलिस ने धूली और गणेश को पकड़ा तो तोते की तरह बोल पड़े.
लोन की आस में मर्डर में मदद
पूछताछ में सामने आया कि गणेश एक फाइनेंस कंपनी में काम करता है और उसने इस काम में मदद करने पर लोन दिलाने और कुछ राशि भी देने की बात कही. प्लान के अनुसार तीनों ही 14 जुलाई को अरथुना पहुंचे जहां प्रेमनाथ अपने घर पर अकेला था. मौके का फायदा उठाते हुए तीनों ने गला घोटकर उसे मौत की नींद सुला दिया और सागवाड़ा लौट गए. धूली दूसरे दिन फिर पहुंची तथा आसपास के लोगों के साथ अपने दामाद अशोक कुमार को बुलाया. जिला पुलिस अधीक्षक ने बताया कि तीनों ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.