बांसवाड़ा. मस्का बड़ा गांव में एक महिला ने अपने तीन बच्चों को जहर पिलाने के बाद खुद भी जहर पी लिया. घटना की जानकारी मंगलवार सुबह करीब 10 बजे हुई. इस पर महिला और उसके बच्चों को कसारवाड़ी अस्पताल ले जाया गया. वहां से डुगरा के लिए रेफर कर दिया. जिसके बाद यहां से भी एमजी एच बांसवाड़ा के लिए रेफर कर दिया गया.
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इलाज के दौरान महिला की करीब 7 साल की बेटी को मृत घोषित कर दिया गया. महिला का बांसवाड़ा में उपचार जारी है और उसके दोनों बेटों को उदयपुर के लिए रेफर कर दिया गया. डॉक्टर मांगीलाल वसुनिया ने बताया कि उनके पड़ोस में रहने वाली एक महिला जिसका नाम काली है और उसके पति का नाम सुखलाल है. वह 27 मई से लापता थी. इस मामले में 1 जून को कुशलगढ़ थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी.
इसके बाद मंगलवार सुबह पता चला कि यह महिला ने मस्का बड़ा गांव में जहर खाकर जान देने की कोशिश की है और उसने अपने तीनों बच्चों को भी जहर दे दिया है. इसके बाद से ही तमाम परिजन महिला को उपचार कराने के लिए अलग-अलग अस्पतालों में लेकर जा चुके हैं.
एक बेटी और एक बेटे का उपचार जारी
तीनों बच्चे और पीड़ित महिला को बांसवाड़ा के एमजी अस्पताल लेकर आ रहे थे तभी एक बेटी ने दम तोड़ दिया. 10 वर्षीय बेटा पांग्ला और 1 वर्षीय बेटी पूजा को उदयपुर के लिए रेफर कर दिया है.
बेटा बोला मां ने कपास में छिड़कने की दवा पिलाई
दर्द से तड़पते बेटे पांग्ला ने इशारों में बताया कि उसकी मां ने कपास में छिड़कने वाली दवाई पिला दी. उसने यह भी बताया कि मां ने भी वही दवाई पी थी. डॉक्टर मांगीलाल ने बताया कि महिला ने जिस घर में दवाई का सेवन किया वह उसकी बहन का घर था. जो कि कसारवादी चौकी के निकट और सज्जनगढ़ थाने में आता है. मूल रूप से महिला का पीहर एमपी के थैतम गांव में है.
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होली के बाद पति मजदूरी के लिए गया था गुजरात
परिजनों ने बताया है होली के बाद से सुखलाल (30) मजदूरी के लिए गुजरात चला गया और उसके बाद से ही उसकी पत्नी मायके में रह रही थी. मई में वह वापस आई और कुछ दिन रहने के बाद 27 मई को गायब हो गई थी. महिला ने जहर क्यों पीया इस बात का अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है.