बांसवाड़ा. पंचायती राज चुनाव को लेकर मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया ने ईटीवी भारत से बातचीत की. इस दौरान यह स्पष्ट हो गया कि बामनिया वरिष्ठ नेता महेंद्र जीत सिंह मालवीय के सामने नतमस्तक हो चुके हैं. उन्होंने मालवीय को अपना नेता मानते हुए कहा कि निवर्तमान जिला प्रमुख रेशम मालवीय के नेतृत्व में ही चुनाव होंगे. एक रिसोर्ट पर बातचीत के दौरान शहर विधायक बामनिया ने कहा कि इस बार गांव के लोग ही पंचायत समिति और जिला परिषद के चुनाव लड़ने वाले लोगों का नाम तय करेंगे.
गांव के विकास के प्रति समर्पित कार्यकर्ता गांव के बीच से ही निकल कर आएंगे. गांव के कार्यकर्ता जिस किसी भी व्यक्ति को चुनेंगे, पार्टी उसी पर अपनी मोहर लगाकर उसे मैदान में उतारेगी. आगामी चुनाव की तस्वीर पर उन्होंने दावा किया कि जिले की सभी 11 पंचायत समितियों में पार्टी के प्रधान बनने जा रहे हैं और जिला प्रमुख फिर से हमारी पार्टी का बनेगा. इन चुनाव को लेकर हम एकजुट हैं और 29 अक्टूबर को वरिष्ठ पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की बैठक हो चुकी है. पार्टी में किसी भी प्रकार की गुटबाजी नहीं है.
यह भी पढ़ें: बांसवाड़ा में पुलिस भर्ती परीक्षा की तैयारियां पूरी, 30 हजार अभ्यर्थी होंगे शामिल
एक सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि महेंद्र मालवीय के साथ मेरी कोई अदावत नहीं है. मालवीय मेरे सीनियर हैं, मैं उनका सम्मान करता हूं. दोनों ही मिलकर जिला प्रमुख सहित तमाम पदों पर जीत का परचम लहराएंगे. जिला प्रमुख पद पर लगातार 20 साल से एक ही परिवार के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि इसे लेकर कार्यकर्ताओं में कोई विरोध नहीं है. यह केवल भारतीय जनता पार्टी खीज मिटाने के लिए इस प्रकार के बहाने बना रही है. कौन जिला प्रमुख बने और कौन नहीं, यह हम परिवार के लोग और पार्टी तय करेगी.
यह भी पढ़ें: बांसवाड़ा: बामनिया की बैठक में उड़ी सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां, कार्यकर्ताओं की जुटी भीड़
मंत्री ने कहा कि मैं पूर्णता रेशम मालवीय के साथ हूं. महेंद्र मालवीय मेरे बड़े भाई हैं, मेरे नेता हैं और मुझसे सीनियर हैं. डूंगरपुर उपद्रव के मामले में कांग्रेस विधायकों द्वारा सीएम के पत्र को छुपाए जाने के आरोप पर उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है. बच्चों की जो मांग थी, वह न्यायालय से संबंधित थी और बच्चे इसे समझ नहीं पाए. उन्होंने उपद्रव के सवाल पर कहा कि यह बाहर के लोगों और भारतीय जनता पार्टी के लोगों की करतूत थी. ये लोग कैसे भी कर राज्य सरकार को बदनाम करना चाहते थे, लेकिन उसमें सफल नहीं हो पाए.