बांसवाड़ा. शहर के खंडू कॉलोनी निवासी शहीद शैलेश पंचाल को रविवार दोपहर बाद सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. उनको मुखाग्नि बड़े बेटे उत्कर्ष (15) ने दी. गमगीन माहौल में हजारों की संख्या में बांसवाड़ा के लोगों ने भी उन्हें श्रद्धा पूर्वक नमन किया. जिला प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारी इस दौरान मौजूद रहे. 42 वर्षीय शहीद शैलेश पंचाल की 2 दिन पहले हार्ट अटैक से देहरादून के बेस कैंप से मृत्यु हो गई थी.
शहीद के सेवानिवृत्त सैनिक पिता लक्ष्मी चंद ने बताया कि कुछ दिन पहले ही शैलेश ने घर पर सभी से बात की थी और कहा था कि 3 मार्च को होली मनाने के लिए वह बांसवाड़ा आएगा. उन्होंने बताया कि उसका परिवार बठिंडा में रहता है. उसने देहरादून में क्वार्टर अलॉट करा लिया था जहां होली के बाद परिवार को शिफ्ट करना था. पिता लक्ष्मीचंद ने कहा कि शैलेश का बेटा उत्कर्ष दसवीं का छात्र है. उसकी भटिंडा में बोर्ड परीक्षा है इसलिए सोमवार को वहां से फिर भटिंडा के लिए जाएगा.
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शहीद शैलेश के 2 बेटे हैं : शहीद के पिता ने बताया कि उसके दो बेटे हैं और वह छोटे बेटे को भी सेना में भेजना चाहते थे, लेकिन उसकी किस्मत में देश सेवा नहीं थी. इसलिए उसका सेना में सलेक्शन नहीं हो सका. उन्होंने बताया कि शैलेश के दो बेटे हैं बड़ा 15 वर्ष का और छोटा 4 वर्ष का है.
अंतिम यात्रा में लोगों ने बरसाए फूल : शहीद शैलेश पंचाल की अंतिम यात्रा बांसवाड़ा शहर में महाराणा प्रताप चौराहे से प्रारंभ हुई. इस दौरान पूरे शहर में हर गली चौराहे पर लोगों ने उन्हें फूलों से सम्मान दिया. सबसे पहले पार्थिव शरीर उनके घर ले जाया गया, यहां अंतिम दर्शन के बाद श्मशान के लिए यात्रा निकाली गई.