बांसवाड़ा. करीब आधे घंटे के संबोधन में कटारिया ने अधिनियम को लेकर कांग्रेस के विरोध की राजनीति को जमकर कोसा. नेता प्रतिपक्ष ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी के बाद से ही देश इस समस्या से जूझ रहा था और मोदी ने हिंदू और मुस्लिमों के बीच दरार बनी 370 और 35A हटाकर इस समस्या को सुलझा दिया, जिससे कांग्रेस की राजनीतिक खेती खत्म हो गई.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से लगातार देश की प्रमुख समस्याओं को सुलझाने से कांग्रेस नेताओं के समक्ष वोट बैंक का खतरा पैदा हो गया. इसीलिए इस अधिनियम का विरोध कर कांग्रेस देश को फिर से नफरत की आग में झोंकना चाहती है.
कटारिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि कानून बनाने का काम संसद का है और मुख्यमंत्री गहलोत की 7 पुश्तों को भी इसकी पालना करनी होगी. उन्होंने अफसोस जताया कि संविधान की पालना की शपथ लेने वाले शख्स का यह रवैया है.
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साथ ही अधिनियम की महत्ता बताते हुए उन्होंने कांग्रेस नेताओं को पाकिस्तान भेजने और वहां 5 से 7 साल रहने को कहा ताकि जान सके कि वहां मंदिर का घंटा बजाना और बहू-बेटियों की इज्जत को कैसे बचाया जा सकता है. पूर्व गृहमंत्री सभा के बाद उदयपुर के लिए प्रस्थान कर गए.