बांसवाड़ा. जिले की जीवन रेखा माही बांध के छलकने का इंतजार आखिरकार रविवार को खत्म हो गया. मध्य प्रदेश के बांजना और प्रतापगढ़ इलाके से पानी की भारी आवक को देखते हुए प्रशासन ने बांध के गेट खोलने का निर्णय किया. शाम 6 बजे सभी 16 गेट खोल दिए गए. यहां से करीब 47 हजार क्यूसेक पानी कडाणा बांध में छोड़ा जा रहा है.
गेट खोलने की सूचना के साथ ही बांसवाड़ा सहित आस-पास के इलाकों से बड़ी संख्या में लोग बांध पर पहुंच गए. कोरोना और डाउन स्ट्रीम क्षेत्र के लिए माही बांध प्रशासन की चेतावनी को देखते हुए लोगों की आवाजाही की रोकथाम के लिए बैरिकेड लगा दिए गए.
पिछले 3 दिन से बांसवाड़ा जिले में भारी बारिश के चलते सारे नदी-नाले उफान पर चल रहे हैं. हालांकि दिन भर बादल छाए रहे लेकिन दोपहर बाद बारिश बंद हो गई और कुछ हद तक मौसम खुल गया. वहीं, उदयपुर संभाग के सबसे बड़े माही बांध के कैचमेंट एरिया में भारी बारिश के चलते पानी की आवक का क्रम बना हुआ है.
सुबह 11 बजे तक जलस्तर 279 मीटर तक था. लेकिन मध्य प्रदेश के बाजना बांध और एराव नदी से 90 हजार 229 क्यूसेक पानी की आवक के चलते माही बांध दोपहर 2 बजे तक 280 मीटर का आंकड़ा पार कर गया. बांध की सुरक्षा को देखते हुए माही बांध परियोजना के अधिकारियों ने तत्काल प्रभाव से जिला प्रशासन से सलाह मशवरा कर गेट खोलने का निर्णय किया.
बता दें कि दोपहर 3 बजे 4 गेट खोले गए, लेकिन पानी की आवक उसके मुकाबले अधिक थी ऐसे में गेट की संख्या लगातार बढ़ जाती रही और 6 बजे तक सभी 16 गेट खोल दिए गए. जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक कावेंद्र सिंह सागर आदि बांध स्थल पर पहुंचे. रविवार होने के कारण जैसे-जैसे सूचना फैली वैसे-वैसे लोग बांध की ओर पहुंचने लगे.
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लोगों की संख्या बढ़ते देखकर आखिरकार पुलिस प्रशासन ने कोविड-19 की पालना के साथ बांध की सुरक्षा को देखते हुए चौराहे पर वे रिक्वेस्ट लगवा दिए और लोगों की आवाजाही को कंट्रोल किया गया. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण मीणा ने बताया कि गेट खुलने के बाद लोगों की भीड़ बढ़ सकती है. ऐसे में Covid-19 की गाइडलाइन को देखते हुए लोगों को रोका जा रहा है.