बांसवाड़ा. एडीजे न्यायाधीश कुलदीप सूत्रकार ने मकान में तोड़फोड़ और आगजनी के मामले में तीन भाइयों सहित सात आरोपियों को दोषी करार दिया. सभी आरोपियों को तीन-तीन साल की कारावास और दो-दो हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. मामले में एक आरोपी की पूर्व में मौत हो चुकी है.
दरअसल, मामला सात साल पहले माही डेम रोड स्थित चीब गांव का है. गांव के धूलिया निनामा नामक व्यक्ति ने 11 मई 2012 को माही डैम पुलिस चौकी में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में बताया था कि उसके भाई सूका की बारात डांगापाडा गांव से गई थी. शादी के बाद केसु नामक व्यक्ति और अपने भाई वेजा के साथ गांव लौट रहा था. रास्ते में अनिल पुत्र अर्जुन, ताराचंद पुत्र नाथू ने उन्हें घेर लिया और मारपीट की.
रिपोर्ट के मुताबिक वे लोग घर पहुंच गए. ऐसे में बहादुर पुत्र नाथू ने अपने कुछ साथियों के साथ उसके घर पर धावा बोल दिया और पथराव किया. यही नहीं अग्नि पुत्र नाथू मकान पर चढ़ गया और घास में आग लगा दी. इससे उसका मकान जलकर राख हो गया. पुलिस ने मामला दर्ज कर अनुसंधान के बाद कोर्ट में चालान पेश किया. इस दौरान आरोपी ठाकुर पुत्र नाथू की मृत्यु हो गई. पुलिस द्वारा विठला पुत्र नाथू, रूपचंद्र पुत्र रखमा, बहादुर पुत्र नाथू, ताराचंद्र पुत्र नाथू, अनिल पुत्र अर्जुन, अरुण पुत्र अर्जुन और बाबूलाल पुत्र विठला के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया था.
अपर लोक अभियोजक हरेंद्र नाथ पुरोहित ने कोर्ट में मामले से संबंधित आवश्यक तथ्यों के साथ सबूत पेश किए और गवाह के बयान कराए. पीठासीन अधिकारी सूत्रकार ने दोनों ही पक्षों की सुनवाई के बाद अपने निर्णय में सातों आरोपियों को तोड़फोड़ और आगजनी के मामले में दोषी माना. सभी को तीन-तीन साल की सजा और दो-दो हजार रुपए जुर्माना लगाया.