बांसवाड़ा. लोकसभा चुनाव के लिए बांसवाड़ा भेजे गए बॉर्डर होमगार्ड्स मंगलवार को दिन भर भूखे ही रहे. कारण यह था कि राज्य सरकार द्वारा बांसवाड़ा में 200 होमगार्ड भेज तो दिए गए. लेकिन ड्यूटी पर होने के बावजूद 1 और 2 मई की ड्यूटी को स्वीकृति नहीं दी गई. वहीं भोजन के लिए एडवांस में राशि भी नहीं भेजी गई.
सरकार द्वारा 26 अप्रैल से 30 अप्रैल तक उनकी ड्यूटी मानते हुए मेस के लिए एडवांस राशि दी गई थी. जो मंगलवार सुबह खत्म हो गई. इसके चलते सुबह होमगार्ड को खाना नसीब नहीं हुआ. इस पर मामला गरमा गया और विद्या निकेतन मदारेश्वर में ठहरे हुए होमगॉर्ड्स हंगामा करने को मजबूर हो गए.
सूचना पर कोतवाली थाना प्रभारी देवीलाल जाब्ते के साथ मौके पर पहुंचे. कोतवाली प्रभारी को होमगार्ड ने अपनी समस्या बताई. पुलिस प्रशासन की सूचना पर राज्य सरकार को इस संबंध में सूचित किया गया. गृह विभाग द्वारा दोपहर बाद इस संबंध में एक आदेश जारी कर ड्यूटी हेतु 2 हजार बॉर्डर होमगार्ड और 21 हजार शहरी होमगार्ड्स के लिए 1 और 2 मई को ड्यूटी मानने तथा 437 लाख रुपए अंतरिम बजट के प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति को मंजूरी दी गई.
इस आदेश के बाद ही होमगॉर्ड्स को भोजन नसीब हो पाया. होमगार्ड्स ने बताया कि 26 से 30 अप्रैल तक उनकी ड्यूटी मानते हुए उन्हें विभिन्न स्थानों से बांसवाड़ा भेजा गया था. लेकिन 1 और 2 मई की ड्यूटी नहीं मानी गई और 3 मई से 7 मई तक चूरू और भरतपुर के लिए सौ-सौ जवानों की ड्यूटी मंजूर की गई.
वहीं 1 और 2 मई को ड्यूटी पर होने के बावजूद उनकी ड्यूटी नहीं मानी गई. न ही एडवांस में मेस के लिए राशि जारी की गई. 100 जवानों की एक टीम शाम को भरतपुर रवाना कर दी गई. बॉर्डर होमगार्ड श्याम सिंह के अनुसार हमारी समस्या का समाधान हो गया है और सरकार ने दोनों ही मांगे मान ली है. मेस में खाना बनाने का काम शुरू हो गया है.