बांसवाड़ा. देश में लगातार आ रही दुष्कर्म की वारदातों के बीच कोर्ट ने अपने एक निर्णय से अपराधियों को कठोर सजा देकर संदेश देने का प्रयास किया है. अपहरण के बाद किशोरी से बलात्कार के इस मामले में विशेष अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया और उसे 20 साल की कठोर कारावास के साथ-साथ जुर्माने से भी दंडित किया.
बता दें कि मामला पाटन थाना क्षेत्र का है. एक व्यक्ति ने पुलिस थाने में जनवरी 2019 में दी रिपोर्ट में बताया कि उसकी नाबालिग पुत्री को अगवा कर लिया गया है. उसने पुलिस से अपनी पुत्री को ढूंढने की गुहार लगाई. जिसके बाद पुलिस ने 2 जनवरी 2019 को प्रकरण दर्ज करते हुए इस मामले में रूपगढ़ निवासी बादर उर्फ बहादुर की भूमिका संदिग्ध पाई थी. पूछताछ में आरोपी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया.
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वहीं, पीड़िता ने पुलिस को बताया कि आरोपी उसे अगवा करने के बाद अहमदाबाद और बाद में सागवाड़ा ले गया, जहां उसके साथ ज्यादती की गई. पुलिस ने अनुसंधान के बाद आरोपी के खिलाफ आईपीसी और पॉक्सो एक्ट के तहत जुलाई 2019 में न्यायालय में चार्जशीट पेश कर दी. लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के विशेष न्यायालय ने विशिष्ट लोक अभियोजक शौकत हुसैन और बचाव पक्ष को सुनने और साक्ष्य के अवलोकन के आधार पर अपना निर्णय सुनाते हुए आरोपी को पॉक्सो और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी माना.
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पीठासीन अधिकारी ने आईपीसी की धारा 376 (3) के अंतर्गत 20 साल का कठोर कारावास और 20 हजार का जुर्माना सुनाया है. साथ ही अन्य धाराओं में भी कारावास के साथ साथ पॉक्सो अधिनियम के तहत 14 हजार का अर्थदंड लगाया गया है. वहीं कोर्ट ने आईपीसी की धारा 357 ए के तहत विपक्ष के लिए प्रति कर राशि की भी सिफारिश की है. प्रतिकार की राशि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा निश्चित की जाएगी.