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बांसवाड़ा : हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा कर भगवान आदिनाथ मंदिर में की गई प्रतिमा स्थापित

बांसवाड़ा शहर के राती तलाई में भगवान आदिनाथ के नवनिर्मित मंदिर में 42 इंच की पाषाण प्रतिमा स्थापना के साथ ही छह दिवसीय 'पंचकल्याणक महोत्सव' का समापन हो गया. हेलीकॉप्टर सिम पुष्प वर्षा के बीच प्रतिमा स्थापित की गई. हेलीकॉप्टर से 6 से 7 राउंड काटकर मंदिर पर डेढ़ सौ किलो गुलाब के फूल बरसाए गए. यह नजारा सभी का मन मोह लेने वाला था.

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Published : Dec 9, 2019, 8:35 PM IST

बांसवाड़ा. भगवान आदिनाथ की प्रतिमा स्थापना कार्यक्रम के तहत नूतन स्कूल खेल मैदान में 4 दिसंबर से आयोजित 'पंचकल्याणक महोत्सव' के अंतिम दिन नवनिर्मित मंदिर में प्रतिमा स्थापित की गई. सुबह भगवान आदिनाथ से अपने 8 कर्मों को नष्ट करके सिद्ध फल को प्राप्त करने का कार्यक्रम हुआ.

पंचकल्याणक महोत्सव का अंतिम दिन हुई प्रतिमा स्थापना

दोपहर में भगवान की आकर्षक प्रतिमा को सोने चांदी के रथों में विराजमान कर नगर भ्रमण करवाया गया. इस दौरान बैंड बाजों के साथ रथ यात्रा निकाली गई. जिसमें जैन समाज के हजारों लोग शामिल थे. मूर्ति स्थापना के दौरान जयपुर से मंगवाए गए हेलीकॉप्टर द्वारा मंदिर पर गुलाब के फूलों की वर्षा कराई गई. इस अनूठे कार्यक्रम को देखने के लिए हजारों लोग पहुंचे. मंदिर के अलावा आसपास के मकानों की छतों से लोगों ने इस अनुपम दृश्य को देखा. कॉलेज ग्राउंड पर हेलीपैड बनवाया गया था, जहां से हेलीकॉप्टर ने मंदिर के चारों ओर छह से सात राउंड लगाए और पुष्प वर्षा की.

यह भी पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: राजस्थान में यहां आज भी मौजूद है त्रेता युग के राक्षस बाणासुर का किला

इसके लिए भी बोली लगाई गई थी, हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा के लिए सबसे अधिक बोली लगाने वाले को मौका प्रदान किया गया. पंचकल्याणक महोत्सव का यह पूरा आयोजन आचार्य सुनील सागर के सानिध्य में आयोजित किया गया. भगवान पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव समिति के अध्यक्ष अशोक बोहरा ने बताया कि 6 दिवसीय इस कार्यक्रम में लगभग 75000 लोगों ने भाग लिया और इस कार्यक्रम के साक्षी बने. मूर्ति स्थापना के दौरान हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा करवाई गई. उन्होंने दावा किया कि बांसवाड़ा में आयोजित पंचकल्याणक महोत्सव देश में अब तक का सबसे बड़ा आयोजन है. यह कार्यक्रम श्रवणबेलगोला की पंचकल्याणक महोत्सव से भी कई अधिक भव्य और विशाल था.

बांसवाड़ा. भगवान आदिनाथ की प्रतिमा स्थापना कार्यक्रम के तहत नूतन स्कूल खेल मैदान में 4 दिसंबर से आयोजित 'पंचकल्याणक महोत्सव' के अंतिम दिन नवनिर्मित मंदिर में प्रतिमा स्थापित की गई. सुबह भगवान आदिनाथ से अपने 8 कर्मों को नष्ट करके सिद्ध फल को प्राप्त करने का कार्यक्रम हुआ.

पंचकल्याणक महोत्सव का अंतिम दिन हुई प्रतिमा स्थापना

दोपहर में भगवान की आकर्षक प्रतिमा को सोने चांदी के रथों में विराजमान कर नगर भ्रमण करवाया गया. इस दौरान बैंड बाजों के साथ रथ यात्रा निकाली गई. जिसमें जैन समाज के हजारों लोग शामिल थे. मूर्ति स्थापना के दौरान जयपुर से मंगवाए गए हेलीकॉप्टर द्वारा मंदिर पर गुलाब के फूलों की वर्षा कराई गई. इस अनूठे कार्यक्रम को देखने के लिए हजारों लोग पहुंचे. मंदिर के अलावा आसपास के मकानों की छतों से लोगों ने इस अनुपम दृश्य को देखा. कॉलेज ग्राउंड पर हेलीपैड बनवाया गया था, जहां से हेलीकॉप्टर ने मंदिर के चारों ओर छह से सात राउंड लगाए और पुष्प वर्षा की.

यह भी पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: राजस्थान में यहां आज भी मौजूद है त्रेता युग के राक्षस बाणासुर का किला

इसके लिए भी बोली लगाई गई थी, हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा के लिए सबसे अधिक बोली लगाने वाले को मौका प्रदान किया गया. पंचकल्याणक महोत्सव का यह पूरा आयोजन आचार्य सुनील सागर के सानिध्य में आयोजित किया गया. भगवान पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव समिति के अध्यक्ष अशोक बोहरा ने बताया कि 6 दिवसीय इस कार्यक्रम में लगभग 75000 लोगों ने भाग लिया और इस कार्यक्रम के साक्षी बने. मूर्ति स्थापना के दौरान हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा करवाई गई. उन्होंने दावा किया कि बांसवाड़ा में आयोजित पंचकल्याणक महोत्सव देश में अब तक का सबसे बड़ा आयोजन है. यह कार्यक्रम श्रवणबेलगोला की पंचकल्याणक महोत्सव से भी कई अधिक भव्य और विशाल था.

Intro:बांसवाड़ा। शहर के राती तलाई में भगवान आदिनाथ के नवनिर्मित मंदिर मैं 42 इंच की पाषाण प्रतिमा स्थापना के साथ ही छह दिवसीय पंचकल्याणक महोत्सव का समापन हो गया। हेलीकॉप्टर सिम पुष्प वर्षा के बीच प्रतिमा स्थापित की गई। हेलीकॉप्टर द्वारा 6 से 7 राउंड काटकर मंदिर पर डेढ़ सौ किलो गुलाब के फूल बरसाए गए। बांसवाड़ा में यह अपनी तरह का पहला आयोजन था।


Body:भगवान आदिनाथ की प्रतिमा स्थापना कार्यक्रम के तहत यहां नूतन स्कूल खेल मैदान में 4 दिसंबर से आयोजित पंचकल्याणक महोत्सव के अंतिम दिन नवनिर्मित मंदिर में प्रतिमा स्थापित की गई। सुबह भगवान आदिनाथ द्वारा अपने 8 कर्मों को नष्ट करके सिद्ध फल को प्राप्त करने का कार्यक्रम हुआ। दोपहर में भगवान की आकर्षक प्रतिमा को सोने चांदी के रथों में विराजमान कर नगर भ्रमण करवाया गया। इस दौरान बैंड बाजों के साथ रथ यात्रा निकाली गई जिसमें जैन समाज के हजारों लोग शामिल थे। मूर्ति स्थापना के दौरान जयपुर से मंगवाए गए हेलीकॉप्टर द्वारा मंदिर पर गुलाब के फूलों की वर्षा कराई गई। इस अनूठे कार्यक्रम को देखने के लिए हजारों लोग पहुंचे। मंदिर के अलावा आसपास के मकानों की छतों से लोगों ने इस अनुपम दृश्य को देखा। कॉलेज ग्राउंड पर हेलीपैड बनवाया गया था जहां से हेलीकॉप्टर ने मंदिर के चारों ओर छह से सात राउंड लगाए और पुष्प वर्षा की।


Conclusion:इसके लिए भी बोली लगाई गई थी। हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा के लिए सबसे अधिक बोली लगाने वाले को मौका प्रदान किया गया। पंचकल्याणक महोत्सव का यह पूरा आयोजन आचार्य सुनील सागर के सानिध्य में आयोजित किया गया। भगवान पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव समिति के अध्यक्ष अशोक बोहरा ने बताया कि 6 दिवसीय इस कार्यक्रम में लगभग 75000 लोगों ने भाग लिया और इस कार्यक्रम के साक्षी बने। मूर्ति स्थापना के दौरान हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा करवाई गई। उन्होंने दावा किया कि बांसवाड़ा में आयोजित पंचकल्याणक महोत्सव देश में अब तक का सबसे बड़ा आयोजन है। यह कार्यक्रम श्रवणबेलगोला की पंचकल्याणक महोत्सव से भी कई अधिक भव्य और विशाल था।

बाइट....... अशोक बोहरा, अध्यक्ष भगवान आदिनाथ पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव समिति बांसवाड़ा
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