बांसवाड़ा. सुप्रीम कोर्ट की ओर से पंचायत राज चुनाव को हरी झंडी दिखाने के साथ ही कांग्रेस अधिकाधिक जिला पंचायतों और पंचायत समितियों में अपना परचम फहराने के लिए रणनीति बनाने में जुट गई है. साथ ही सोमवार को पार्टी कार्यालय में नवनिर्वाचित सरपंचों को सम्मानित करते हुए आगामी चुनाव का खाका तैयार किया गया.
बता दें कि अस्वस्थ होने के कारण स्थानीय विधायक और जनजाति मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया पंच सरपंचों के चुनाव प्रचार में शामिल नहीं हो पाए थे. इसलिए मंत्री बामनिया ने स्वस्थ होने के बाद पार्टी कार्यालय पहुंचे और कार्यकर्ताओं की बैठक सी. साथ ही नवनिर्वाचित सरपंचों का माल्यार्पण कर स्वागत किया.
पढ़ेंः Corona Virus Alert : हरकत में आया स्वास्थ्य मंत्रालय, वीडियो कॉन्फ्रेंस कर जारी की एडवायजरी
बैठक में बांसवाड़ा पंचायत समिति के सरपंचों ने अपने-अपने पंचायतों की जरूरतों से मंत्री बामनिया को अवगत कराया. साथ ही पंचायत समिति और जिला परिषद चुनाव से पहले जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के मदद से कुछ काम-काज करवाने की जरूरत निरूपित की.
इस दौरान मंत्री बामणिया ने पंचायत वार अपने विभाग के जरिए स्वीकृत कार्यों के बारे में सरपंचों को बताया और कहा कि जनता की हर मांग के अनुसार कार्य कराया जाएगा. इसके लिए सरपंचों को जनता के बीच जाने की जरूरत है ताकि उनकी वास्तविक आवश्यकताओं के अनुरूप ही कामकाज करवाया जा सके.
नगर परिषद सभापति जैनेंद्र त्रिवेदी ने कहा कि पार्टी के प्रति नगर निकाय चुनाव से ही जनता के बीच अलग ही हवा चल रही थी, जो कि पंच-सरपंच चुनाव तक चली. सबसे बड़ी बात यह रही कि पंच सरपंचों में भी 80% से अधिक लोग युवा वर्ग से ही चुनकर आए है. अब चुनाव से पहले पंचायतों में कुछ काम कराया दिया जाए ताकि जनता को सत्ता में परिवर्तन का एहसास कराया जा सके. साथ ही जिला उपाध्यक्ष कृष्णपाल सिंह पूर्व प्रधान सुनीता ने भी पंचायतों को फंड ट्रांसफर करवाने जाने की आवश्यकता जताई है.
पढ़ेंः भूमि अधिग्रहण मामले पर बोले किसान, कहा- सीएम से मुलाकात के बाद आंदोलन पर होगा फैसला
इस मौके पर मंत्री बामनिया ने कहां की धन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी और हर पंचायत में मांग के अनुसार काम कराया जाएगा. लेकिन इसके लिए हमें अपनी पार्टी के प्रधान और जिला प्रमुख बनाने होंगे ताकि नीचे से ऊपर तक कामकाज में कोई दिक्कत नहीं आ पाए. इसके लिए अभी से तैयारी करनी होगी. बैठक में नवनिर्वाचित सरपंचों के अलावा बड़ी संख्या में कार्यकर्ता भी मौजूद रहे.