बांसवाड़ा. घाटोल विधानसभा की जनता ने इस बार अपने विधायक के रूप में पूर्व संसदीय सचिव नानालाल निनामा को चुना है. नानालाल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भारत आदिवासी पार्टी के प्रत्याशी अशोक निनामा को हराया है. काउंटिंग के दौरान आखिरी राउंड तक दोनों प्रत्याशियों के बीच में कांटे का मुकाबला देखने को मिला. कुल 26 राउंड चली काउंटिंग में 23वें और 24वें राउंड में भी भारत आदिवासी पार्टी के प्रत्याशी आगे थे.
पूर्व संसदीय सचिव और कांग्रेस नेता नानालाल निनामा ने घाटोल विधानसभा से जीत दर्ज की है. उन्होंने 26 राउंड चली काउंटिंग में 88335 वोट प्राप्त किए हैं. जबकि निकटतम प्रतिद्वंद्वी भारत आदिवासी पार्टी के अशोक निनामा ने 84644 वोट प्राप्त किए. जबकि भाजपा प्रत्याशी और पूर्व सांसद मणिशंकर निनामा को 55537 वोट से ही संतोष करना पड़ा. जैसे ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पता चला कि निनामा ने जीत दर्ज की है, तो कॉलेज ग्राउंड के बाहर जम करके जश्न मनाया जाने लगा. विधानसभा चुनाव 2018 में नानालाल निनामा को भाजपा प्रत्याशी हरेंद्र ने हरा दिया था. ऐसे में इस बार उन्होंने जीत दर्ज कर अपनी हार का बदला भी ले लिया है.
दो जिलों में आती है विधानसभा: घाटोल विधानसभा की सबसे खास बात यह है कि यह बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ दो जिलों में बटी हुई है. ऐसी में यहां पर प्रचार-प्रसार करना और वोटरों के बीच सामंजस्य बिठाना अपने आप में टेढ़ा काम है. जिसने यह सामंजस्य बिठा लिया, वह जीत दर्ज करने में कामयाब रहा है. यहां पर स्टार प्रचारक के रूप में कैबिनेट मंत्री महेंद्र जीत सिंह मालवीया, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अहम भूमिका निभाई है.
निनामा बोले पार्टी कार्यकर्ताओं ने जिताया: जीत के बाद सबसे पहले ईटीवी भारत ने निनामा से बात की. उन्होंने बताया कि चुनाव से पहले ही मैंने बड़ी सभा कर बता दिया था कि यहां कांग्रेस आने वाली है. वहीं अपनी जीत का श्रेय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मंत्री मालवीया को दिया. उन्होंने कहा कि दोनों ने मेरे क्षेत्र में दौरे किए हैं. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत के कारण जीत दर्ज हुई है. दो जिलों में चुनाव लड़ना अपने आप में मुश्किल काम है, फिर भी मैंने यह कर दिखाया है.