बांसवाड़ा. फिशपॉन्ड में काम करते समय गुरुवार को एक मजदूर की करंट लगने से मौत हो गई. जिसके बाद मृतक के परिजन ठेकेदार से मौताणे के रूप में 4 लाख की डिमांड कर रहे हैं. घटना के बाद से मजदूर का शव मोर्चरी (Laborer died in Banswara) में रखा हुआ है. परिजन बिना डिमांड पूरी किए ना तो पोस्टमार्टम और ना ही दाह संस्कार करने की बात पर अड़े हुए हैं.
सदर थाना पुलिस ने बताया कि घीवा पाड़ा निवासी दो बच्चों का पिता नानू (35) पुत्र बालू सागड़ोद स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के मछली पालन केंद्र में काम करता था. गुरुवार शाम करीब 4:00 बजे के आसपास नानू एक गीला डंडा लेकर जा रहा था. इसी दौरान डंडा पॉन्ड के ऊपर से गुजर रही बिजली की लाइन से छू गया. लाइन काफी नीची थी इस कारण नानू को करंट लगा और वह मौके पर ही गिर गया. हादसे में वो बुरी तरह झुलस गया था. मजदूर को एमजी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई.
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2 लाख में ठेका लिया, 4 लाख मांग रहे: कृषि विज्ञान केंद्र से मछली पालन का ठेका लेने वाले ठेकेदार प्रवीण कुमार ने बताया कि जुलाई माह में उसने 2 लाख का ठेका लिया है. उसका काम छोटी (Laborer died in Electrocution in Banswara) मछलियां लाकर पॉन्ड में छोड़ना है और जब मछलियां बड़ी हो जाए तो उन्हें बेचना है. इसी फिशपॉन्ड में 35 वर्षीय मजदूर नानू काम करता था. जिसकी मौत के बाद उसके परिजन 4 लाख की डिमांड कर रहे हैं.
क्या है मौताणा? : आदिवासी बहुल अंचल में यदि किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो दोषी से पीड़ित परिवार कुछ राशि मांगता है. यह राशि हजारों से लेकर लाखों तक होती है. पुलिस मुख्यालय से साथ ही कोर्ट ने भी इस पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया हुआ है. बावजूद इसके ऐसे घटनाक्रम अक्सर देखने को मिलते हैं. मृतक का भतीजा राजेश का कहना है कि काका नानू की मौत कैसे हुई है, इसकी पूरी खबर उन्हें भी नहीं है. फिलहाल पूरी कार्रवाई के लिए समाज एकजुट है और बातचीत कर रहे हैं.