बांसवाड़ा. प्रदेश के काश्तकारों के लिए खुशखबरी. अब फसली ऋण उनके लिए एक तरह से क्रेडिट कार्ड की तरह होगा. जिसके लिए उन्हें ऑनलाइन आवेदन करना होगा लेकिन खाद और बीज के लिए निकाली जाने वाली राशि पर संबंधित सोसायटी द्वारा ब्याज लिया जाएगा.
प्रदेश में पहली बार सरकार द्वारा सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक के अधीनस्थ ग्राम सेवा सहकारी समितियां और लार्ड्स एग्रीकल्चर मल्टी परपज सोसाइटी के जरिए काश्तकारों को दिए जाने वाले फसली ऋण के तहत यह प्रावधान किया गया है. इसके अंतर्गत सोसायटी सदस्यों को अपनी सोसाइटी या ईमित्र पर ऋण के लिए आवेदन करना होगा.
बता दें कि सोसायटी आवश्यक फॉर्मेलिटीज के बाद सीसीबी के संबंधित ब्रांच को आवेदन ट्रांसफर करेगी. जहां से स्वीकृति के बाद जिला मुख्यालय के ब्रांच पर आवेदन की पात्रता को परखा जाएगा. पात्र होने पर आवेदन को फिर से संबंधित ब्रांच को लौटा दिया जाएगा जहां से काश्तकारों के खाते में राशि ट्रांसफर कर दी जाएगी.
जितनी राशि उसी का ब्याज
योजना के अंतर्गत फसली ऋण पर किसान को एक प्रकार से सोसायटी द्वारा क्रेडिट लिमिट दी जाएगी. खाते में राशि आवंटन के बाद किसान द्वारा निकाली गई राशि पर ही इंटरेस्ट चार्ज किया जाएगा.
150 करोड़ रुपए ऋण वितरण का लक्ष्य
बांसवाड़ा सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक ललित मीणा ने बताया कि सरकार द्वारा केंद्रीय कोऑपरेटिव बैंक को 150 करोड़ रुपए के खरीफ फसली ऋण आवंटन का लक्ष्य दिया गया था. जिसमें अब तक करीब 22000 से अधिक किसान फसली ऋण के लिए ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं और 55000 काश्तकारों के ऋण को स्वीकृति जारी करते हुए राशि आवंटित कर दी गई है.