बांसवाड़ा. जिले में किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर भारतीय किसान संघ आंदोलन की राह पर चल पड़े हैं. इसका आगाज मंगलवार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर हुआ है. हालांकि धरना प्रदर्शन का कार्यक्रम था, लेकिन कोरोना के चलते प्रदर्शन को स्थगित करते हुए संगठन ने यह रास्ता अपनाया.
संघ की ओर से मांग पत्र में कई स्थानीय स्तर की समस्याओं के समाधान का भी आग्रह किया गया है. वहीं संगठन ने शीघ्र ही समस्याओं पर ध्यान नहीं देने की स्थिति में महापड़ाव डालने की चेतावनी दी है. संगठन के आह्वान पर जिलेभर से प्रमुख पदाधिकारी और कार्यकर्ता भारतीय मजदूर संघ कार्यालय पहुंचे हैं.
इसी के साथ यहां से संभागीय अध्यक्ष रणछोड़ पाटीदार, उपाध्यक्ष वेलजी पाटीदार, जिलाध्यक्ष खेमजी पाटीदार, वनेश्वर त्रिवेदी, लाल सिंह, मणिलाल आदि के नेतृत्व में रैली के रूप में कलेक्ट्रेट आए. यहां अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी के साथ एक प्रतिनिधिमंडल जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह के पास पहुंचा और उन्हें अपनी मांगों से अवगत कराया.
संगठन की ओर से जिला कलेक्टर के समक्ष माही नहरों को मनरेगा से जोड़ने, समर्थन मूल्य पर मक्का की खरीद, कब्जाशुदा जमीन की खातेदारी का अधिकार, कोरोना को देखते हुए के प्रति वे घरेलू बिल माफ करने की मांग रखी गई. किसानों ने उन्हें बताया कि वर्ष 2019 में सीजन के फसल बीमा का लाभ 10 हजार काश्तकारों को नहीं मिल पाया है.
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वहीं आपदा राहत की राशि से भी बड़ी संख्या में किसान वंचित है. इस मामले में कलेक्टर ने उचित कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया. जिलाध्यक्ष पाटीदार ने बताया कि हम बार-बार अपनी समस्याओं को लेकर सरकार को अवगत करा रहे हैं, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हो रही है. उसी को लेकर हमने आंदोलन का रास्ता अपनाया है. इसके बाद भी अगर कोई राहत नही मिली तो और भी बड़ा आंदोलन किया जाएगा, इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी.