बांसवाड़ा. पत्नी को भगाने के शका में दंपती और उसके बच्चों पर एसिड अटैक के 4 साल पुराने मामले में अदालत ने अपना निर्णय सुना दिया है. कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार देते हुए 10 साल के कठोर कारावास के साथ जुर्माने की सजा सुनाई. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक शाहिद खान पठान ने साक्ष्य रखे और गवाह पेश किए.
प्रकरण के अनुसार 25 अगस्त 2016 को महात्मा गांधी चिकित्सालय में भर्ती पीड़िता के बयान दर्ज किए गए. उसने पुलिस को बताया कि 24 अगस्त की रात को उसके बच्चे और पति घर पर सो रहे थे. आधी रात बाद पीड़िता का बहनोई गुजरात के फतेहपुर निवासी प्रकाश डामोर उसके घर पहुंचा.
इस दौरान उसकी नींद खुल गई. प्रकाश के हाथ में कोई तरल पदार्थ था जो उसके पति पर डालने लगा. यह देखकर उसने झपट्टा मारा तो तरल पदार्थ उसके पति और दोनों बच्चों पर गिर गया. वह खुद भी उसकी चपेट में आ गई. तरल पदार्थ गिरते ही उन्हें जलन होने लगी. यह देखकर प्रकाश मौके से भाग छूटा.
पीड़िता के अनुसार प्रकाश ने उसकी बहन से नाता किया था, लेकिन दो महीने बाद ही उसकी बहन प्रकाश को छोड़कर कहीं चली गई. उसे लेकर प्रकाश उन पर संदेह कर रहा था. इस शक के आधार पर उसने उन्हें जान से मारने की नियत से एसिड अटैक किया. पुलिस ने अनुसंधान के बाद आरोपी प्रकाश के खिलाफ आईपीसी की धारा 326 ख, 307, 380 और 458 के तहत न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया.
अपर लोक अभियोजक पठान ने बताया कि दोनों ही पक्षों की सुनवाई के बाद अपर जिला एवं सेशन न्यायालय के पीठासीन अधिकारी ने अपने फैसले में आरोपी प्रकाश को दोषी करार दिया. 10 साल सश्रम कारावास के अतिरिक्त आरोपी पर 80 हजार का जुर्माना भी लगाया गया.