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शिक्षक भर्ती 2018: 1167 रिक्त पदों पर जनजाति अभ्यर्थियों ने जताया अधिकार, बोले उपेक्षा पर होगा आंदोलन - शिक्षक भर्ती 2018

बांसवाड़ा में शिक्षक भर्ती 2018 के रिक्त पदों का मामला तूल पकड़ता ही जा रहा है. जिसको लेकर सोमवार को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन भेजा गया जिसमें उनकी मांग नहीं मानने की स्थिति में आंदोलन की चेतावनी दी गई है.

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अभ्यर्थियों ने जताया अधिकार
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Published : Sep 15, 2020, 2:19 AM IST

बांसवाड़ा. जिले में शिक्षक भर्ती 2018 के रिक्त पदों का मामला बढ़ता ही जा रहा है. वहीं सांसद कनक मल कटारा की ओर से यह मामला सरकार के पाले में डालने के बाद जनजाति संगठन रिक्त पदों पर जनजाति वर्ग का अधिकार जताने को लेकर लामबंद होते जा रहे हैं. इसके समर्थन में सोमवार को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन भेजा गया जिसमें उनकी मांग नहीं मानने की स्थिति में आंदोलन की चेतावनी दी गई है.

साथ ही राजा बासिया भील यूथ ब्रिगेड के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस संबंध में जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह से मुलाकात की और उन्हें अपनी मांग से अवगत कराते हुए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेजा है. ज्ञापन में कहा गया है कि, शिक्षक भर्ती 2018 में रिक्त रहे पदों पर जनजाति वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जानी चाहिए. क्षेत्र के जनजाति अभ्यर्थी काफी गरीब होने के साथ लंबे समय से रोजगार के अभाव में इधर उधर भटकने को मजबूर हैं.

साथ ही संगठन की ओर से ज्ञापन में इन रिक्त पदों पर जनजाति वर्ग के अभ्यर्थियों की नियुक्ति की मांग रखी गई है. जिला अध्यक्ष अरविंद डामोर ने कहा कि, मुख्यमंत्री तक ज्ञापन के जरिए अपनी मांग भेज दी है. इन पदों पर जनजाति वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं दिए जाने की स्थिति में आंदोलन ही एकमात्र विकल्प होगा.

पढ़ें: पाली: फसल खराबे के मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने किया विरोध प्रदर्शन

बता दें कि, 2018 में शिक्षक भर्ती के दौरान 1167 पद सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित किए गए थे. इस मामले में सांसद कनक मल कटारा का एक कथित पत्र भी वायरल हुआ था. जिसमें मुख्यमंत्री को इन पदों के लिए सामान्य वर्ग की अनुशंसा की गई थी. मामला सामने आने के बाद सांसद कटारा ने इसे लेटर पैड का मिस यूज बताते हुए अपना स्पष्टीकरण दिया है, और कहा कि, संवैधानिक तरीके से मामले का समाधान निकाला जाएगा. इसके बाद से यह मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है.

बांसवाड़ा. जिले में शिक्षक भर्ती 2018 के रिक्त पदों का मामला बढ़ता ही जा रहा है. वहीं सांसद कनक मल कटारा की ओर से यह मामला सरकार के पाले में डालने के बाद जनजाति संगठन रिक्त पदों पर जनजाति वर्ग का अधिकार जताने को लेकर लामबंद होते जा रहे हैं. इसके समर्थन में सोमवार को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन भेजा गया जिसमें उनकी मांग नहीं मानने की स्थिति में आंदोलन की चेतावनी दी गई है.

साथ ही राजा बासिया भील यूथ ब्रिगेड के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस संबंध में जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह से मुलाकात की और उन्हें अपनी मांग से अवगत कराते हुए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेजा है. ज्ञापन में कहा गया है कि, शिक्षक भर्ती 2018 में रिक्त रहे पदों पर जनजाति वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जानी चाहिए. क्षेत्र के जनजाति अभ्यर्थी काफी गरीब होने के साथ लंबे समय से रोजगार के अभाव में इधर उधर भटकने को मजबूर हैं.

साथ ही संगठन की ओर से ज्ञापन में इन रिक्त पदों पर जनजाति वर्ग के अभ्यर्थियों की नियुक्ति की मांग रखी गई है. जिला अध्यक्ष अरविंद डामोर ने कहा कि, मुख्यमंत्री तक ज्ञापन के जरिए अपनी मांग भेज दी है. इन पदों पर जनजाति वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं दिए जाने की स्थिति में आंदोलन ही एकमात्र विकल्प होगा.

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बता दें कि, 2018 में शिक्षक भर्ती के दौरान 1167 पद सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित किए गए थे. इस मामले में सांसद कनक मल कटारा का एक कथित पत्र भी वायरल हुआ था. जिसमें मुख्यमंत्री को इन पदों के लिए सामान्य वर्ग की अनुशंसा की गई थी. मामला सामने आने के बाद सांसद कटारा ने इसे लेटर पैड का मिस यूज बताते हुए अपना स्पष्टीकरण दिया है, और कहा कि, संवैधानिक तरीके से मामले का समाधान निकाला जाएगा. इसके बाद से यह मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है.

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